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राज्य लोक सेवा में दो दशक की सेवा के बाद, अनुभवी अधिकारी अभिषेक को एक सीमावर्ती राज्य की राजधानी में तैनात किया जाता है। उनकी माँ को हाल ही में कैंसर का पता चला है और शहर के एक प्रसिद्ध कैंसर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनके किशोर बच्चों ने भी क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल में दाखिला ले लिया है। जैसे ही अभिषेक गृह विभाग के निदेशक के रूप में अपनी नई भूमिका में आते हैं, उन्हें एक गंभीर खुफिया रिपोर्ट मिलती है, जिसमें पता चलता है कि पड़ोसी देश से अवैध प्रवासी राज्य में घुसपैठ कर रहे हैं। चिंतित होकर, वह अपनी टीम के साथ सीमा चौकियों का व्यक्तिगत रूप से औचक निरीक्षण करने का निर्णय करता है।
निरीक्षण के दौरान, अभिषेक को पता चलता है कि दो परिवार (कुल 12 व्यक्ति) भ्रष्ट सीमा सुरक्षा कर्मियों की सहायता से सीमा पार करते हुए पकड़े गए थे। आगे की जाँच से पता चलता है कि इन प्रवासियों ने देश में प्रवेश करने के बाद, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे महत्त्वपूर्ण पहचान दस्तावेज़ों को जाली/फर्ज़ी बनाया था, जिससे वे राज्य के एक विशिष्ट क्षेत्र में बसने में सक्षम हो गए। अभिषेक ने सावधानीपूर्वक अपने निष्कर्षों को एक व्यापक रिपोर्ट में दर्ज किया और इसे राज्य के अतिरिक्त सचिव को प्रस्तुत किया।
एक सप्ताह बाद, अभिषेक को अतिरिक्त गृह सचिव द्वारा बुलाया जाता है, जो उसे रिपोर्ट वापस लेने का निर्देश देता है। अतिरिक्त गृह सचिव उसे सूचित करता है कि रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों द्वारा अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है और उसे चेतावनी देता है कि अनुपालन न करने पर उसे राज्य की राजधानी में प्रतिष्ठित पद से हटा दिया जा सकता है जिससे उसकी आगामी पदोन्नति भी ख़तरे में पड़ सकती है।
प्रश्न:
(a) इस स्थिति में अभिषेक को किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है?
(b) सीमावर्ती राज्य में गृह विभाग के निदेशक के रूप में अभिषेक के पास क्या विकल्प हैं और प्रत्येक संभावित विकल्प का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
(c) अभिषेक को कौन-सा विकल्प चुनना चाहिये और क्यों?
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