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आप एक घाटे में जा रही सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के नवनियुक्त कार्यकारी अधिकारी हैं, जिसे उद्यम के कायाकल्प की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी की अक्षमता अत्यधिक कर्मचारियों और पुरानी कार्यपद्धतियों के कारण उपजी है। आपका विश्लेषण प्रदर्शित करता है कि 30% कर्मचारियों की छंटनी और आधुनिक प्रबंधन तकनीकों को कार्यान्वित करने से कंपनी को दो वर्ष के भीतर लाभदायक बनाया जा सकता है। यद्यपि, इससे पहले से ही उच्च बेरोज़गारी का सामना कर रहे क्षेत्र में कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिये काफी कठिनाई होगी।
सरकार ने आधिकारिक तौर पर सुधारों का समर्थन करते हुए निजी तौर पर संकेत दिया है कि वे आगामी चुनावों से पहले छंटनी से बचना चाहते हैं। आपको यह पता है कि छंटनी की प्रक्रिया अल्पकालिक सामाजिक और राजनीतिक परिणामों के मूल्य पर कंपनी की दीर्घकालिक व्यवहार्यता के लिये सबसे उपयुक्त मार्ग है। इस तथ्य से भलीभांति अवगत हुए आपको यह तय करना है कि कंपनी को छंटनी और सुधारों के साथ आगे बढ़ना है या नहीं। यह मामला एक ऐसे नौकरशाही प्रारूप में पेशेवर नीतिपरकता, राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत नैतिक मूल्यों के बीच तनाव को प्रकट करता है जहाँ पारंपरिक पदानुक्रम और नियम कम मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
1. इस मामले में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
2. यह निर्णय लेते समय आपको किन नीतिपरक दुविधाओं का सामना करना पड़ेगा?
3. प्रतिस्पर्द्धी हितों में संतुलन बनाते हुए आप इस स्थिति से निपटने के लिये क्या कदम उठाएंगे?