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रमेश एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय निगम में कर्मचारी है जो अपनी मेहनती कार्यनीति के लिये जाना जाता है। वह लगातार समय पर कार्यालय पहुँचता है, समय पर कार्य करता है और कभी-कभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिये अधिक समय तक कार्य करता है।
रमेश के रिपोर्टिंग मैनेजर के रूप में कार्यरत राजेश,विश्वसनीय नेतृत्वकर्ता है जो पचास व्यक्तियों की टीम के लिये ज़िम्मेदार है। संगठन के अंदर उनकी प्रतिष्ठा एक ईमानदार और परिणाम-उन्मुख प्रबंधक के रूप में है जो दबाव में कार्य करने में उत्कृष्टता रखते हैं। एक दशक की अटूट सेवा के साथ, राजेश ने शीर्ष प्रबंधन में बढ़त हासिल की है, जिन्हें संकट या उच्च कार्यभार की अवधि के दौरान पसंदीदा व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता है। नतीजतन वह कंपनी में उच्च पद हेतु योग्य उम्मीदवार के रूप में हैं।
हालाँकि इस बीच कंपनी के समक्ष एक अप्रत्याशित चुनौती सामने आती है। कर्मचारियों के बीच प्रसारित एक फीडबैक फॉर्म में राजेश एवं रमेश से संबंधित काफी अधिक नकारात्मक टिप्पणियाँ प्राप्त होती हैं। इन समीक्षाओं में उन पर दुर्व्यवहार, कदाचार और यहाँ तक कि मानसिक शोषण के आरोप भी लगाए गए हैं। यह घटनाक्रम कंपनी के CEO (अंतिम निर्णयकर्ता) को राजेश की आसन्न पदोन्नति के संबंध में एक उलझन भरी स्थिति में डाल देता है।
(a) इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
(b) उपर्युक्त स्थिति में कंपनी के CEO के लिये उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
(c) उपर्युक्त में से CEO के लिये सबसे उपयुक्त विकल्प कौन सा होगा और क्यों?