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आप एक बहुराष्ट्रीय कंपनी XYZ के सीईओ हैं। यह कंपनी श्री राकेश को एक नए प्रबंधक के रूप में नियुक्त करती है, जिन्हें अल्पकालिक लाभप्रदता बढ़ाने और लागत में कटौती के उपायों को प्राथमिकता देने के लिये जाना जाता है। उनके नेतृत्व में कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में तो सुधार होता है, लेकिन कुछ नैतिक चिंताएँ भी उत्पन्न होती हैं।
श्री राकेश उन रणनीतियों को लागू करते हैं जिनमें ऋण के माध्यम से पूंजी प्रवाह बढ़ाना तथा कर्मचारियों पर कार्य का अत्यधिक दबाव डालना शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी की लाभप्रदता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनकी नीतियों के माध्यम से कंपनी के शेयरों के मूल्य में वृद्धि होने लगी और बहुत जल्द ही श्री राकेश की निदेशक मंडल की नजर में अच्छी छवि बन गई।
इस कंपनी के कर्मचारी क्रमिक रूप से कंपनी छोड़ने लगते हैं। इस संदर्भ में शुरूआती पूछताछ में पता चलता है कि राकेश के अनियंत्रित व्यवहार के कारण कर्मचारी कंपनी छोड़ रहे हैं। आपको यह भी पता चलता है कि राकेश की नीतियाँ अल्पावधि में तो लाभ को बढ़ावा देंगी लेकिन वे दीर्घावधि में स्थिरता के लिये उपयुक्त नहीं हैं। श्री राकेश ने जो सुखद तस्वीर पेश की है वह पूरी तरह सही नहीं है। वह विनियामक खामियों का उपयोग करते हुए वित्तीय विवरणों में हेरफेर करता है और कृत्रिम रूप से कंपनी की लाभप्रदता में वृद्धि दिखाता है। इससे निवेशक तो आकर्षित होते हैं लेकिन इससे वित्तीय रिपोर्टिंग की सटीकता और पारदर्शिता पर सवाल उठता है।
इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दे क्या हैं और इस स्थिति के समाधान हेतु आपके पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
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