कुल प्रश्नों की संख्या : 1
-
राजेश कुमार एक वरिष्ठ लोक सेवक हैं, जिसकी ईमानदारी और स्पष्टवादिता की प्रतिष्ठा है, आजकल वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के प्रमुख हैं। वर्तमान में उनका विभाग राज्यों को बजटीय सहायता की व्यवस्था करने में व्यस्त है, जिनमे से चार राज्यों में इसी वित्तीय वर्ष में चुनाव होने वाले हैं।
इस वर्ष के वार्षिक बजट ने राष्ट्रीय आवास योजना (एन. एच. एस.) को 8300 करोड़ रुपए आबंटित किये थे। वह समाज के कमज़ोर समूहों के लिये केंद्र प्रायोजित सामाजिक आवास योजना है। जून माह तक 775 करोड़ रुपए एन. एच. एस. हेतु लिये गए हैं।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिये वाणिज्य मंत्रालय काफी समय से एक दक्षिणी राज्य में विशेष आर्थिक ज़ोन (एस. ई. ज़ेड.) स्थापित करने की पैरवी कर रहा है। केंद्र और राज्य के मध्य 2 वर्षों तक चली विस्तृत चर्चा के बाद अगस्त माह में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी। आवश्यक भूमि प्राप्त करने के लिये प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।
अठ्ठारह माह पूर्व उत्तरी राज्य में क्षेत्रीय गैस ग्रिड के लिये प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने विशाल गैस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता बताई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पी. एस. यू.) के पास एक आवश्यक भूमि पहले से ही है। राष्ट्री उर्जा सुरक्षा व्यूहरचना में यह गैस ग्रिड एक अनिवार्य घटक है। वैश्विक बोली (ग्लोबल बिडिंग) के तीन चरणों के बाद इस योजना को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग (एम. एन. सी.) मैसर्स एक्स वाई ज़ेड हाइड्रोकार्बन को आबंटित किया गया। दिसंबर में इस बहुराष्ट्रीय उद्योग को भुगतान की पहली किस्त देना निर्धारित है।
इन दो विकास योजनाओं को समय से 6000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित करने के लिये वित्त मंत्रालय को कहा गया। यह निर्णय लिया गया कि पूरी राशि एन.एच.एस. आबंटन में से पुनार्विनियोजित करने की संस्तुति की जाए। फाइल को समीक्षा और अग्रिम कार्यवाही के लिये बजट विभाग में प्रेषित कर दिया गया। फाइल का अध्ययन करने पर राजेश कुमार को यह आभास हुआ पुनर्वियोजन करने से एन.एच.एस. योजना को क्रियान्वित करने में अत्यधिक विलम्ब हो सकता है, वरिष्ठ राजनेताओं द्वारा आयोजित सभाओं में इस योजना की काफी चर्चा हुई थी। दूसरी ओर वित्त की अनुपलब्धता से एस.ई.ज़ेड. में वित्तीय क्षति होगी और अंतर्राष्ट्रीय योजना में विलंबित भुगतान से राष्ट्रीय शर्मिंदगी भी।
राजेश कुमार ने इस प्रसंग पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्हें बताया गया कि राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील स्थिति कार्यवाही पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिये। राजेश कुमार ने महसूस किया कि एन.एच.एस. योजना से राशि के विपथन पर सरकार के लिये संसद में कठिन प्रश्न खड़े हो सकते हैं।
इस प्रसंग के संदर्भ में निम्नलिखित का विवेचन कीजिये:
- कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्वियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे।
- सार्वजनिक राशि के उचित उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राजेश कुमार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों का विवेचन कीजिये। क्या पद त्याग एक योग्य विकल्प है? (250 शब्द) (UPSC GS-4 Mains 2020)