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आज के वैश्वीकरण और बहुसंस्कृतिवाद के काल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक दोधारी तलवार की भाँति है जो जीवन, सभ्यताओं, यहाँ तक कि इतिहास की दिशा को बदल देने की क्षमता रखती है। टिप्पणी करें।
सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था -
"पत्रकारिता की नैतिकता में वस्तुनिष्ठता और निष्पक्षता में परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में तटस्थ आवाज़ आज उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं लगती जितना कि यह सौ वर्ष पूर्व थी और समाचार में निष्पक्षता का कोई भी आग्रह विचारों की मुक्त दुनिया में वस्तुतः एक रुकावट हो गया है।" क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर को उदाहरण के साथ पुष्ट करें।
सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न