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नि:संकोच ‘लोकतांत्रिक मूल्य’किसी भी देश, समाज की प्रगति के बेहतर पैमाने होते हैं तथा भारतीय संविधान निर्माताओं ने बखूबी इन्हें एक जीवन दर्शन के रूप में स्थापित किया, तथापि आज भी राजनीतिक दलों की आंतरिक संरचना में इनका घोर अभाव दिखता है। विवेचना करें।
सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था -
कृषि के सहायक क्षेत्रों में मूल्यवर्द्धन एवं व्यावसायिक दक्षता का अभाव, न केवल भारतीय कृषि के पुनरुद्धार में अवरोधक सिद्ध हो रही है, अपितु यह खाद्य एवं पोषण असुरक्षा सहित सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को भी मंद किये हुए है। व्याख्या करें।
सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था