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06 Sep 2024
सामान्य अध्ययन पेपर 4
सैद्धांतिक प्रश्न
दिवस- 53: फुल-लेंथ टेस्ट-5
प्रश्न-पत्र के लिये विशेष निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में 12 प्रश्न हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- प्रश्न संख्या 1 से 6 तक के उत्तर 150 शब्दों में, जबकि प्रश्न संख्या 7 से 12 तक के उत्तर 250 शब्दों में दीजिये।
प्रश्न1. (a) जब किसी कार्य के लिये हमें आशा से ज़्यादा कीमत चुकानी पड़ती है तब इस प्रकार की चुनौती में सही कार्य करने को ही नैतिकता कहा जाता है। टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)
(b) मूल्य या तो विकसित हो रहे हैं या शाश्वत हैं। समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। समाज पारंपरिक मूल्यों को विकसित होते मूल्यों के साथ किस प्रकार संतुलित कर सकता है? (150 शब्द)
प्रश्न 2. (a) समाज पर व्यापक प्रभाव डालने वाली लोक सेवाओं के विशेष संदर्भ में अभिवृत्ति एक छोटा आयाम होने के बावजूद आमूलचूल परिवर्तन लाने में सक्षम है। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
(b) नैतिकता और राजनीति अविभाज्य हैं; नैतिकता के बिना राजनीति एक आपदा है। स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द)
प्रश्न3. (a). निष्पक्षता और गैर-पक्षपात केवल आदर्श नहीं हैं बल्कि सिविल सेवा की सत्यनिष्ठा एवं प्रभावशीलता को बनाए रखने के आवश्यक माध्यम हैं। उदाहरण देकर समझाइये। (150 शब्द)
(b). प्रारंभिक शिक्षा एवं अपने बच्चों के साथ संचार के माध्यम से परिवारों द्वारा यौन हिंसा को प्रभावी ढंग से किस प्रकार रोका जा सकता है? (150 शब्द)
प्रश्न4. (a). सरकारी एजेंसियों में संकट प्रबंधन तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया के आलोक में भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये। संकटों से अधिक प्रभावी एवं सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने में भावनात्मक बुद्धिमत्ता किस प्रकार योगदान दे सकती है? (150 शब्द)
(b). समझाइये कि निर्णय निर्माण के क्रम में अंतरात्मा किस प्रकार से नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में भूमिका निभाती है। उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये कि अंतरात्मा से प्रभावित व्यक्तिगत मूल्य, पेशेवर आचरण को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं। (150 शब्द)
प्रश्न5. वर्तमान संदर्भ में प्रत्येक उद्धरण आपको क्या संदेश देता है:
प्रेम और करुणा आवश्यकताएँ हैं न कि विलासिता। इनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती है। - दलाई लामा (150 शब्द)
महानता का मूल्य उत्तरदायित्व में निहित है- विंस्टन चर्चिल (150 शब्द)
नेतृत्व का सर्वोच्च गुण निस्संदेह सत्यनिष्ठा है- ड्वाइट डी. आइज़नहावर (150 शब्द)
प्रश्न 6. (a) लोक निधियों के प्रभावी उपयोग पर भ्रष्टाचार के प्रभाव का विश्लेषण कीजिये। भ्रष्टाचार के समाधान में पारदर्शिता तथा जवाबदेहिता को किस प्रकार मज़बूत किया जा सकता है? (150 शब्द)
(b) शरणार्थी नीतियों से संबंधित नैतिक मुद्दों का आकलन कीजिये। देशों को संघर्ष या उत्पीड़न से पीड़ित लोगों की ज़िम्मेदारियों एवं अधिकारों को नैतिक रूप से किस प्रकार हल करना चाहिये? (150 शब्द)
प्रश्न 7. राज्य विधानसभा चुनावों के लिये निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले एक आईएएस अधिकारी की ओर तब ध्यान आकर्षित हुआ जब उसने इंस्टाग्राम पर एक आधिकारिक सरकारी वाहन के सामने खड़े होकर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की।
हालाँकि निर्वाचन आयोग ने अधिकारी के इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और तुरंत उसे जनरल ऑब्ज़र्वर की भूमिका से हटा दिया गया। अगली सूचना तक उसे किसी भी चुनाव संबंधी ज़िम्मेदारी से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उक्त अधिकारी को निर्वाचन क्षेत्र से तुरंत चले जाने का निर्देश दिया गया। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाएँ (जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट में दिखाई गई कार भी शामिल है) वापस ले ली गईं।
फिर भी अधिकारी ने कहा कि पोस्ट में कुछ भी अनुचित नहीं था और इसका स्पष्टीकरण दिया। उसने कहा, "लोक सेवक के रूप में अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ आधिकारिक ड्यूटी पर रहते हुए, जनता द्वारा वित्तपोषित वाहन का उपयोग किया जा रहा है एवं लोगों के साथ तस्वीरें पोस्ट कने का उद्देश्य प्रचार या आत्म-प्रचार नहीं है।"
उपर्युक्त परिदृश्य में:
क्या आधिकारिक ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत उपलब्धियों को पोस्ट करने का कार्य संभावित रूप से सिविल सेवाओं की आचार संहिता का उल्लंघन है?
इस प्रकार के व्यवहार से कौन-से नैतिक मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं?
व्यक्तिगत ब्रांडिंग और पेशेवर ज़िम्मेदारियों के बीच ओवरलैपिंग को रोकने हेतु कौन-से उपाय किये जा सकते हैं?
प्रश्न 8. हाल ही में एक मेट्रो रेल स्टेशन पर एक किसान के पहनावे को "अनुचित" मानने के कारण सुरक्षा कर्मियों द्वारा उसको प्रवेश देने से मना कर दिया गया। किसान के पास वैध टिकट होने के बावजूद सुरक्षा जाँच पर उसे रोक दिया गया।
उसे तभी प्रवेश दिया गया जब एक साथी यात्री ने हस्तक्षेप किया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि किसान सुरक्षा के लिये कोई खतरा पैदा नहीं कर रहा है तथा मेट्रो रेल के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं कर रहा है। इस घटना के बाद सुरक्षा पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया और मेट्रो रेल प्रबंधन ने असुविधा के लिये माफी मांगी तथा अपनी सेवाओं में समावेशिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
इस घटना में शामिल नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिये। निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित करने के क्रम में आप इस घटना को किस प्रकार प्रबंधित करेंगे?
सार्वजनिक परिवहन में समावेशिता को बढ़ावा देने हेतु संशोधित नीति में आप कौन-से प्रमुख तत्त्व शामिल करेंगे? (250 शब्द)
प्रश्न 9. दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में हाल ही में हुई एक घटना में, सिविल सेवा अधिकारियों से संबंधित हितों के टकराव के दावों के कारण एथलीटों एवं कोचों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में परिवर्तन तथा बाधाओं का सामना करना पड़ा। इसमें एथलीटों द्वारा आरोप लगाया गया कि संबंधित अधिकारी निजी गतिविधियों (विशेष रूप से अपने कुत्तों को घुमाने के लिये) हेतु स्टेडियम का उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण एथलीटों को अपने प्रशिक्षण सत्र को समय से पहले ही समाप्त करने के लिये मजबूर होना पड़ता है।
फिर भी अधिकारियों ने इस बात पर ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी किसी एथलीट से स्टेडियम खाली करने का अनुरोध नहीं किया है, क्योंकि सही मायने में स्टेडियम पर उन्हीं का ही अधिकार है। अधिकारियों ने कहा कि वे प्रशिक्षण की निर्धारित समापन अवधि के बाद ही स्टेडियम में दौरा करते हैं। इस क्रम में वे यह भी सावधानी रखते हैं कि उनके पालतू जानवर ट्रैक पर इधर-उधर न घूमें तथा इससे एथलीटों का प्रशिक्षण बाधित न हो।
लेकिन एक प्रशिक्षु एथलीट के माता-पिता ने इस स्थिति को अस्वीकार करते हुए इसे अधिकारियों की शक्ति के दुरुपयोग के रूप में संदर्भित किया। इन शिकायतों के बाद सरकार ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका दिल्ली से बाहर ट्रांसफर कर दिया। हालिया घटनाक्रम के आलोक में सरकार ने आईएएस अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश दिया।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
हितों के टकराव को दूर करने के साथ खेल स्टेडियमों जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के निष्पक्ष एवं नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु क्या उपाय किये जा सकते हैं? (250 शब्द)
प्रश्न 10. एक अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनी नेक्स्टटेक के सीईओ ने एक रेवोलुशनरी फेसियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक) विकसित की है जो सार्वजनिक स्थानों, हवाई अड्डों और सरकारी भवनों में सुरक्षा एवं दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित कई अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों ने इस तकनीक को हासिल करने में रुचि दिखाई है।
हालाँकि इस प्रणाली के व्यापक रूप से निगरानी, गोपनीयता का उल्लंघन और कुछ समुदायों के विरुद्ध भेदभाव हेतु संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंताएँ हैं।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
विदेश में चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक (फेसियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी) बेचने से पहले किन नैतिक मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिये?
इस तकनीक के ज़िम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये किन सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है? (250 शब्द)
प्रश्न 11. हाल ही में स्थानीय सरकार के एक घोटाले में, एक नगर पार्षद पर कुछ विकास परियोजनाओं के पक्ष में मतदान करने के बदले में भुगतान स्वीकार करने का आरोप लगाया गया है। आरोपों में पार्षद पर परिषद की बैठकों के दौरान उनकी परियोजनाओं का समर्थन करने के बदले निजी डेवलपर्स से मौद्रिक रिश्वत और उपहार प्राप्त करना शामिल है।
नगर परिषद की एक आंतरिक नैतिकता समिति ने इन आरोपों की जाँच की। समिति ने पार्षद को "भ्रष्टाचार और सार्वजनिक विश्वास के उल्लंघन" का दोषी पाया। जाँच से पता चला कि पार्षद द्वारा डेवलपर्स से पर्याप्त रूप से वित्तीय योगदान स्वीकार किया गया, साथ ही इन परियोजनाओं के लिये अनुकूल परिणाम प्राप्त करने हेतु उनके प्रभाव का इस्तेमाल किया था। समिति ने परिषद से निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की।
हालाँकि पार्षद ने जाँच के निष्कर्षों को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि जाँच पक्षपातपूर्ण थी और समिति के पास निलंबन लगाने का अधिकार नहीं था। पार्षद ने यह भी दावा किया कि जाँच के दौरान उन्हें अपनी बात रखने का उचित अवसर नहीं दिया गया।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये।
सार्वजनिक अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को रोकने और उसका समाधान करने हेतु क्या उपाय किये जाने चाहिये?
स्थानीय सरकार में जनता का विश्वास बहाल करने और निष्पक्ष निर्णय लेने को सुनिश्चित करने के लिये कौन-से कदम उठाए जा सकते हैं? (250 शब्द)
प्रश्न 12. एक युवा सिविल इंजीनियर एक प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी, जो एक सरकारी के बुनियादी ढाँचा से संबंधित परियोजना पर कार्य कर रही है, से जुड़ती है । शुरू में, वह अपनी नौकरी को लेकर उत्साहित थी, क्योंकि यह उसे मूल्यवान अनुभव और अच्छा वेतन प्रदान करती है, जिससे उसे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में मदद मिलती है। हालाँकि कुछ महीनों के बाद, उसे पता चलता है कि कंपनी लागत को कम करने के लिये घटिया सामग्री का उपयोग कर रही है। गुणवत्ता में यह समझौता परियोजना के लिये एक गंभीर सुरक्षा जोखिम उत्पन्न सकता है, जिसमें जनता द्वारा उपयोग किया जाने वाले पुल और इमारतों का निर्माण शामिल हैं।
वह इन सब से परेशान होकर इस मुद्दे को अपने वरिष्ठ सहकर्मियों के सामने रखती है, जो उसे चुप रहने की सलाह देते हैं। वे उसे बताते हैं कि बोलने से उसे नौकरी से निकाला जा सकता है और परियोजना के पूर्ण होने पर खतरा हो सकता है, जिसका असर इसमें शामिल सभी लोगों पर पड़ेगा। वह दुविधा में है, क्योंकि वह अपनी नौकरी नहीं खोना चाहती और अपने परिवार की आर्थिक निर्भरता के कारण बेरोज़गार नहीं रह सकती।
अपने सहकर्मियों की सलाह के बावजूद, उसकी अंतरात्मा उसे परेशान करती है, क्योंकि उसे डर है कि यदि खराब गुणवत्ता वाले निर्माण के कारण परियोजना विफल हो गई तो संभावित आपदा आ सकती है।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
सुरक्षा जोखिमों के बारे में चुप रहना नैतिक रूप से गलत क्यों है?
अपनी नौकरी को जोखिम में डालने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दुविधा से वह किस प्रकार निपट सकती है?
इस मुद्दे को ज़िम्मेदारी से हल करने के लिये उसे क्या कदम उठाने चाहिये? (250 शब्द)
मुख्य बिंदु जल्द ही अपलोड किए जाएंगे