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  • 22 Aug 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    दिवस- 40:

    वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी अनीता एक संक्रामक महामारी से बुरी तरह से प्रभावित ज़िले में टीकाकरण अभियान का नेतृत्व कर रही हैं। इस आलोक में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढाँचा ध्वस्त होने के साथ हज़ारों लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता एवं टीकाकरण की ज़रूरत है। हालाँकि सूचना के अभाव, लोगों में भय तथा टीकों एवं चिकित्सा आपूर्ति की कमी जैसी तार्किक चुनौतियों के कारण टीकाकरण अभियान में असफलताएँ देखने को मिली हैं। संचार नेटवर्क एवं परिवहन मार्गों के अप्रभावी होने से यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

    जब अनीता की टीम इन प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचती है तो उन्हें स्थानीय आबादी के प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है। ऐसे में चिकित्सा सहायता में देरी से नाराज़ तथा निराश लोग विरोध करना शुरू कर देते हैं और यहाँ तक कि हिंसा का सहारा भी लेते हैं। इस क्रम में टीम के कुछ सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की जाती है जिसमें एक सदस्य गंभीर रूप से घायल हो जाता है। इस शत्रुतापूर्ण माहौल में टीम के कई सदस्यों ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए उस क्षेत्र में टीकाकरण अभियान को बंद करने का सुझाव दिया।

    उपर्युक्त परिदृश्य में:

    (a) इस स्थिति में सार्वजनिक स्वास्थ्य टीम की नेतृत्वकर्त्ता के रूप में अनीता की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिये?
    (b) इस संकट के प्रबंधन में एक लोक सेवक के लिये कौन से गुण आवश्यक हैं। टीकाकरण अभियान की निरंतरता के साथ टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में इन गुणों का उपयोग आप किस प्रकार करेंगे?

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • अनीता की परिस्थिति को संक्षिप्त में बताइये।
    • इस परिस्थिति में अनीता की प्रतिक्रिया का उल्लेख कीजिये।
    • एक लोक सेवक के आवश्यक गुण और उनके अनुप्रयोग बताइये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    एक वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में अनीता को एक गंभीर महामारी के बीच टीकाकरण अभियान का नेतृत्व करने में एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। गलत सूचना, रसद चुनौतियों और स्थानीय शत्रुता के कारण संकट और भी बढ़ गया है, जिससे एक जटिल वातावरण का निर्माण हो रहा है जो उनके नेतृत्व और नैतिक उत्तरदायित्व दोनों का परीक्षण करता है। ऐसे परिदृश्य में उनकी प्रतिक्रिया को सार्वजनिक स्वास्थ्य की आवश्यकता और उनकी टीम की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना चाहिये, साथ ही सार्वजनिक सेवा में सत्यनिष्ठा तथा विश्वास बनाए रखना चाहिये।

    मुख्य भाग:

    (a) इस परिस्थिति में अनीता की प्रतिक्रिया:

    • टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करना:
      • टीकाकरण अभियान को जारी रखने को प्राथमिकता देते हुए, अनीता को सुरक्षा स्थिति का आकलन करना चाहिये और यदि आवश्यक हो तो अपनी टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय कानून प्रवर्तन से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध करना चाहिये। उसे घायल टीम के सदस्य को तत्काल चिकित्सा सहायता भी प्रदान करनी चाहिये।
    • स्थानीय नेताओं के साथ संवाद में शामिल होना:
      • अनीता को स्थानीय नेताओं, प्रभावशाली लोगों और समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद शुरू करना चाहिये ताकि उनकी चिंताओं तथा शिकायतों को समझा जा सके। उनकी समस्याओं को सुनकर और टीकाकरण अभियान के महत्त्व के बारे में स्पष्ट जानकारी देकर वह विश्वास का निर्माण कर सकती है तथा शत्रुता को कम कर सकती है।
        • यह दृष्टिकोण लोक प्रशासन में सहानुभूति और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के सिद्धांतों को दर्शाता है, जहाँ विरोध के मूल कारणों को समझना तथा उनका समाधान करना अधिक प्रभावी संकट प्रबंधन की ओर ले जा सकता है।
    • संचार और गलत सूचना प्रबंधन को मज़बूत करना:
      • स्थानीय रेडियो, सोशल मीडिया और सामुदायिक बैठकों सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से सटीक तथा सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील जानकारी साझा करके गलत सूचना का सक्रिय रूप से सामना करने के लिये एक टीम को तैनात करना। सही जानकारी प्रसारित करने के लिये विश्वसनीय स्थानीय हस्तियों के साथ सहयोग करना।
    • रसद और संचालन को अनुकूलित करना:
      • यदि आवश्यक हो तो अधिक प्रतिकूल क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को अस्थायी रूप से रोक देना और आस-पास के क्षेत्रों पर प्रयासों को पुनः केंद्रित करना, जहाँ विरोध कम है। साथ ही जितना शीघ्र हो सके अभियान को पुनः आरंभ करने के लिये संचार और परिवहन मार्गों को बहाल करने पर कार्य करना।
        • पुनः संगठित होने और रसद चुनौतियों का समाधान करने के लिये एक रणनीतिक वापसी संपूर्ण ज़िले को टीका लगाने के दीर्घकालिक लक्ष्य को बनाए रखते हुए अग्रिम वृद्धि को रोक सकती है।

    (b) लोक सेवक के आवश्यक गुण और उनका अनुप्रयोग:

    • उदारता और साहस:
      • अनिता को विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में उदारता दिखाना होगा और प्रतिकूल वातावरण के बावजूद टीकाकरण अभियान जारी रखने का साहस बनाए रखना होगा। यह गुण उनकी टीम में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को प्रेरित करने के लिये आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य मिशन के प्रति प्रतिबद्ध रहें।
    • सहानुभूति और सांस्कृतिक संवेदनशीलता:
      • स्थानीय आबादी के भय और सांस्कृतिक चिंताओं को समझकर, अनीता अपनी संचार रणनीति को और अधिक प्रभावी बना सकती है। सहानुभूति से उसे समुदाय से जुड़ने, तनाव कम करने और सहयोग को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
    • नैतिक अखंडता:
      • अनीता को सार्वजनिक सेवा के नैतिक सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिये, निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य और समुदाय तथा उनकी टीम दोनों के कल्याण के सर्वोत्तम हित में किये जाने चाहिये। नैतिक सत्यनिष्ठा उसके कार्यों का यह सुनिश्चित करते हुए मार्गदर्शन करेगी कि वे निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत हैं।
    • अनुकूलनशीलता और रणनीतिक विचार:
      • तेज़ी से बदलती परिस्थितियों के साथ संतुलन बनाए रखने की अनीता की क्षमता, साथ ही हर कदम के परिणामों के बारे में रणनीतिक रूप से विचार करना महत्त्वपूर्ण होगा। इसमें कठिन निर्णय लेना शामिल है, जैसे कि अस्थायी रूप से संचालन रोकना तथा दीर्घकालिक सफलता की योजना बनाना।

    निष्कर्ष:

    इस संकट में अनीता का नेतृत्व व्यावहारिक निर्णय लेने और नैतिक विचारों के संयोजन द्वारा निर्देशित होना चाहिये। सहानुभूति, नैतिक अखंडता और अनुकूलनशीलता का प्रदर्शन करके, वह प्रतिकूल वातावरण द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपट सकती है तथा यह सुनिश्चित कर सकती है कि टीकाकरण अभियान प्रभावी रूप से जारी रहे।

    मैकग्रेगर का सिद्धांत, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि जब कर्मचारियों को सहायक और सशक्त बनाने वाली परिस्थितियाँ प्रदान की जाती हैं, तो वे प्रेरित होते हैं तथा आत्म-निर्देशन करने में सक्षम होते हैं, यहाँ विशेष रूप से प्रासंगिक है। अनीता की त्वरित सुरक्षा चिंताओं को व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों के साथ संतुलित करने की क्षमता, जबकि विश्वास तथा सशक्तीकरण का वातावरण स्थापित करना, संकट पर काबू पाने के लिये महत्त्वपूर्ण है।

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