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  • 22 Aug 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    दिवस- 40: 

    वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी रवि की सरकार द्वारा घोषित की जाने वाली आगामी व्यापार नीतियों के संबंध में गोपनीय तथा संवेदनशील जानकारी तक पहुँच है। इन नीतियों का शेयर बाज़ार पर (खासकर निर्यात एवं आयात क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों पर) काफी प्रभाव पड़ेगा। अगर कुछ निवेशकों या कंपनियों को यह जानकारी मिल जाए तो ये इसके अनुसार स्टॉक खरीद या बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

    प्रमुख निवेशकों में से एक (जिसने लगातार सरकारी पहलों का समर्थन किया है तथा जिसका रवि के वरिष्ठ अधिकारी से घनिष्ठ संबंध है) इस गोपनीय जानकारी को प्राप्त करने का अनुरोध करता है। रवि के वरिष्ठ ने सुझाव दिया कि उपयुक्त निवेशक के साथ यह जानकारी साझा करने से उनके विभाग की भविष्य की परियोजनाओं को लाभ मिलने के साथ प्रभावशाली हितधारकों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

    उपर्युक्त परिदृश्य में:

    (a) बताइये कि इस स्थिति में रवि के पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
    (b) इनमें से प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन करने के साथ बताइये कि आप कौन सा विकल्प चुनेंगे और क्यों?

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • रवि की परिस्थिति के बारे में संक्षिप्त परिचय लिखिये।
    • रवि के सामने उपलब्ध विकल्पों का उल्लेख कीजिये।
    • उपलब्ध प्रत्येक विकल्प के फायदे और नुकसान बताइये।
    • औचित्य के साथ सबसे उपयुक्त विकल्प बताइये।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    वाणिज्य मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी रवि को आगामी व्यापार नीतियों के बारे में अंदरूनी जानकारी से संबंधित एक जटिल नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति उसकी सत्यनिष्ठा, कानूनी दायित्वों और पेशेवर संबंधों का परीक्षण करती है क्योंकि उसे यह तय करना होगा कि एक प्रमुख निवेशक के साथ गोपनीय डेटा साझा करने के अपने वरिष्ठ से अनुरोध का जवाब कैसे दिया जाए। यह मामला संभावित हितों के मतभेद से निपटने में सरकारी कर्मचारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को उज़ागर करता है।

    (a) रवि के सामने उपलब्ध विकल्प:

    • वरिष्ठ के अनुरोध का पालन करना:
      • अपने वरिष्ठ के सुझाव के अनुसार निवेशक के साथ गोपनीय जानकारी साझा करना।
    • जानकारी साझा करने से इंकार करना:
      • कानूनी और नैतिक मानकों का सख्ती से पालन करते हुए किसी भी अंदरूनी जानकारी को साझा करने से इंकार करना।
    • घटना की रिपोर्ट करना:
      • अनुचित अनुरोध के संबंध में मंत्रालय के किसी उच्च अधिकारी या आचार समिति को सूचित करना।
    • मार्गदर्शन लेना:
      • परिस्थिति से निपटने के उपायों के बारे में सलाह हेतु किसी सलाहकार, वरिष्ठ सहकर्मी या मंत्रालय के नैतिकता कार्यालय से परामर्श लेना।

    (b) प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन करना:

    • वरिष्ठ के अनुरोध का पालन करना:
      • फायदे:
        • वरिष्ठ के सुझाव का तत्काल अनुपालन करने से अल्पकालिक विभागीय लाभ या व्यक्तिगत लाभ मिल सकता है।
      • नुकसान:
        • कानूनी उल्लंघन: प्रतिभूति कानूनों के तहत अंदरूनी जानकारी साझा करना अवैध है और इसके परिणामस्वरूप कारावास समेत गंभीर दंड की संभावना है।
        • नैतिक उल्लंघन: यह विकल्प रवि के नैतिक मानकों से समझौता करता है और मंत्रालय में जनता के विश्वास को कम करता है।
        • दीर्घकालिक परिणाम: रवि अपने कॅरियर और प्रतिष्ठा को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचाने का जोखिम उठाते हैं तथा अगर पता चलता है तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
    • जानकारी साझा करने से इंकार:
      • फायदे:
        • कानूनी पालन: कानून का पालन करता है, रवि को इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित किसी भी कानूनी परिणाम से बचाता है।
        • नैतिक अखंडता: नैतिक सिद्धांतों के प्रति रवि की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और सरकारी संचालन की निष्पक्षता में जनता के विश्वास को सुदृढ़ करता है।
        • दीर्घकालिक प्रतिष्ठा: एक सिद्धांतवादी और भरोसेमंद लोक सेवक के रूप में रवि की पेशेवर प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
      • नुकसान:
        • संभावित संघर्ष: वरिष्ठ के साथ तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से पेशेवर भिन्नता या करियर में बाधाएँ आ सकती हैं।
    • घटना की रिपोर्ट करना:
      • फायदे:
        • जवाबदेही को बढ़ावा मिलता है: अनैतिक व्यवहार को संबोधित करने में सहायता मिलती है और मंत्रालय के भीतर पारदर्शिता की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
        • व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा: रवि को प्रतिशोध के खिलाफ संरक्षण मिल सकता है, जिससे उसका कॅरियर सुरक्षित रहेगा।
      • नुकसान:
        • पेशेवर जोखिम: रिपोर्टिंग से मंत्रालय के भीतर संबंधों में तनाव आ सकता है और संभवतः पेशेवर प्रतिक्रिया हो सकती है।
        • अनिश्चित परिणाम: इस प्रक्रिया से जाँच की संभावना होती है, जो चुनौतीपूर्ण कार्य वातावरण का निर्माण कर सकती है।
    • मार्गदर्शन लेना:
      • फायदे:
        • जानकारीपूर्ण निर्णय: रवि को अतिरिक्त दृष्टिकोण और सलाह प्रदान करता है, जिससे वह अधिक विचारशील निर्णय ले पाता है।
        • कम जोखिम: दूसरों से परामर्श करने से उसके निर्णय से संबंधित व्यक्तिगत और व्यावसायिक जोखिम कम हो सकते हैं।
      • नुकसान:
        • विलंब: सलाह लेने से कार्रवाई में विलंब हो सकता है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
        • अस्पष्टता: प्राप्त मार्गदर्शन से कार्रवाई का कोई निश्चित तरीका नहीं मिल सकता है, जिससे रवि मुश्किल स्थिति में पड़ सकता है।

    सबसे उपयुक्त विकल्प और औचित्य: विकल्प 2,3 और 4 का संयुक्त दृष्टिकोण

    • जानकारी साझा करने से इंकार करना (विकल्प 2):
      • रवि को सबसे पहले अंदरूनी जानकारी साझा करने से इंकार करना चाहिये क्योंकि यह अवैध और अनैतिक दोनों है। यह कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि वह अपनी सत्यनिष्ठा बनाए रखे और कानून का पालन करे।
    • घटना की रिपोर्ट करना (विकल्प 3):
      • जानकारी साझा करने से इंकार करने के पश्चात् रवि घटना की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों या मंत्रालय के भीतर एक नैतिकता समिति को दे सकता है। यह न केवल उसे संभावित प्रतिशोध से बचाता है बल्कि मंत्रालय के भीतर जवाबदेही और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देता है।
      • घटना की रिपोर्ट करना एक सक्रिय कदम है, जो बेंथम के उपयोगितावादी सिद्धांत के साथ संरेखित है, जो अनैतिक व्यवहार को संबोधित करके अधिक लोगों के लिये हित चाहता है जो लोक विश्वास को नुकसान पहुँचा सकता है।
    • मार्गदर्शन लेना (विकल्प 4):
      • अस्वीकार करने और रिपोर्ट करने से पहले या बाद में रवि किसी सलाहकार, वरिष्ठ सहकर्मी या मंत्रालय के नैतिकता कार्यालय से मार्गदर्शन ले सकता है। यह कदम उसे अतिरिक्त दृष्टिकोण प्राप्त करने और यह सुनिश्चित करने की अनुमति देता है कि उसके कार्य सुगठित तथा संगठनात्मक मानदंडों के अनुरूप हैं। यह रवि को परिस्थिति की जटिलताओं को अधिक प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में भी सहायक है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसका निर्णय नैतिक और व्यावहारिक दोनों है।

    निष्कर्ष:

    विकल्प 2, 3 और 4 को मिलाकर, रवि एक संतुलित दृष्टिकोण अपना सकता है, जो तत्काल नैतिक दुविधा को संबोधित करता है साथ ही उसके कॅरियर की सुरक्षा करता है और मंत्रालय के भीतर नैतिक आचरण को बढ़ावा देता है।

    यह व्यापक रणनीति अरस्तू के नैतिक दर्शन को दर्शाती है, जहाँ रवि अपने निर्णय लेने में साहस, बुद्धिमत्ता और विवेक का प्रदर्शन करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि उसके कार्य लोक सेवा की समग्र अखंडता तथा नैतिक मानकों में योगदान करते हैं।

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