19 Aug 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | सैद्धांतिक प्रश्न
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- महात्मा गांधी के उद्धरण और उसकी प्रासंगिकता का संक्षेप में परिचय दीजिये।
- वर्तमान संदर्भ में उद्धरण के अर्थ पर चर्चा कीजिये।
- तदनुसार निष्कर्ष लिखिये।
|
परिचय:
महात्मा गांधी का कथन, "मनुष्य के रूप में हमारी सबसे बड़ी क्षमता विश्व का परिवर्तन नहीं है, बल्कि स्वयं का परिवर्तन है," व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन की प्रकृति के बारे में एक गहन सत्य को दर्शाता है। यह इस बात पर ज़ोर देता है कि हम जो सबसे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन शुरू कर सकते हैं, वह हमारे भीतर से शुरू होता है, जो विश्व में व्यापक, अधिक प्रभावशाली परिवर्तन की नींव रखता है।
मुख्य भाग:
वर्तमान संदर्भ में उद्धरण का अर्थ:
- व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी:
- यह केवल बाह्य कारकों को प्रभावित करने के प्रयास के बजाय आत्म-सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के महत्त्व पर ज़ोर देता है।
- यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि हमारा सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभाव हमारे अपने दृष्टिकोण और व्यवहार को बदलने से आता है।
- गांधी के व्यक्तिगत मूल्यों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और लाखों लोगों को प्रभावित किया, यह दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत परिवर्तन व्यापक सामाजिक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
- आंतरिक परिवर्तन:
- यह सुझाव देता है कि व्यक्तिगत विकास और आत्म-परिवर्तन विश्व में सार्थक परिवर्तन लाने के लिये मौलिक हैं।
- नेल्सन मंडेला की कैदी से राष्ट्रपति तक की यात्रा, जो गहन व्यक्तिगत विकास, क्षमा और सुलह से चिह्नित है, ने विभाजित दक्षिण अफ्रीका को ठीक करने में सहायता की तथा शांतिपूर्ण नेतृत्व तथा न्याय के लिये एक उदाहरण स्थापित किया।
- व्यक्तिगत उदाहरण द्वारा प्रभाव:
- यह सुझाव देता है कि परिवर्तन लाने में प्रभावशीलता उनकी व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा और नैतिक व्यवहार में निहित होता है।
- मदर टेरेसा के कार्यों ने कई मिशनों की स्थापना की और वैश्विक मानवीय प्रयासों को प्रेरित किया, जिससे पता चला कि सेवा के लिये व्यक्तिगत प्रतिबद्धता कैसे व्यापक परिवर्तन ला सकती है।
- व्यक्तिगत प्रयासों का क्रमिक प्रभाव:
- स्वयं को बदलकर, हम एक ऐसा प्रभाव डाल सकते हैं जो हमारे आस-पास के लोगों और अंततः पूरे समाज को प्रभावित करता है।
- मलाला यूसुफज़ई के प्रयासों ने शिक्षा के मुद्दों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है और कई युवाओं को सशक्त बनाया है, जो सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में व्यक्तिगत संकल्प की शक्ति को दर्शाता है।
- जटिल विश्व में नियंत्रण और एजेंसी:
- कई मुद्दे व्यक्तिगत नियंत्रण से परे प्रतीत होते हैं, इसलिये यह उद्धरण इस बात पर ध्यान केंद्रित करने पर ज़ोर देता है कि हम क्या नियंत्रित कर सकते हैं- हमारी अपनी प्रतिक्रियाएँ और कार्य। यह दृष्टिकोण व्यक्तियों को आत्म-सुधार और व्यक्तिगत योगदान पर ध्यान केंद्रित करके जटिल चुनौतियों से निपटने में सहायता करता है।
- ग्रेटा थुनबर्ग जैसे कार्यकर्त्ताओं ने कचरे को कम करने और पर्यावरण नीतियों की वकालत करने जैसे व्यक्तिगत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करके शुरुआत की। जलवायु संकट के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता ने एक वैश्विक आंदोलन को संगठित किया है, जो दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत क्रियाएँ व्यापक पर्यावरण वकालत की ओर ले जा सकती हैं।
निष्कर्ष:
भविष्य की ओर देखते हुए, इस सिद्धांत को अपनाने का अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति में सामूहिक प्रगति के लिये उत्प्रेरक बनने की क्षमता है। जब हम अपने स्वयं के मूल्यों और कार्यों को परिष्कृत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम दूसरों को प्रेरित करते हैं तथा ऐसा प्रभाव डालते हैं जो समाज को बदल सकता है। परिवर्तन के लिये यह व्यक्तिगत प्रतिबद्धता न केवल तत्काल चिंताओं को संबोधित करती है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिये एक समुत्थानशीलता आधार भी बनाती है।