12 Aug 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- स्वास्थ्य सेवा में नैनो प्रौद्योगिकी के बारे में संक्षिप्त में परिचय दीजिये।
- दवा वितरण में नैनो प्रौद्योगिकी के प्रभाव का उल्लेख कीजिये।
- निदान में नैनो प्रौद्योगिकी पर चर्चा कीजिये ।
- पुनर्योजी चिकित्सा में नैनो प्रौद्योगिकी के उपयोग को समझाइये।
- उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
नैनोटेक्नोलॉजी, जिसमें 1 से 100 नैनोमीटर तक के परमाणु, आणविक और सुपरमॉलेक्यूलर पैमाने पर पदार्थ में बदलाव करना शामिल है, स्वास्थ्य सेवा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह उन्नत तकनीक कोशिकाओं के भीतर मौलिक जैविक प्रक्रियाओं के समान पैमाने पर कार्य करके रोगों के निदान, उपचार और रोकथाम में अभूतपूर्व परिशुद्धता की अनुमति देती है।
लक्षित और कुशल हस्तक्षेप को सक्षम करके, नैनोटेक्नोलॉजी कैंसर, मधुमेह तथा अल्जाइमर जैसे रोगों के निपटान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके उभरते अनुप्रयोग चिकित्सा पद्धतियों को नया रूप प्रदान करते हैं, रोगों में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिये नई राह प्रदान कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
स्वास्थ्य देखभाल के लिये कुछ प्रकार के नैनोकण और उनके अनुप्रयोग:
- मीसल्स: दवा वितरण, इमेजिंग एजेंट, कंट्रास्ट एजेंट; हाइड्रोफोबिक दवाओं की घुलनशीलता को बढ़ाते हैं।
- लिपोसोम: दवा वितरण, मैक्रोमॉलेक्यूलर दवा एकीकरण; हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोफोबिक एजेंटों को शामिल कर सकते हैं।
- कार्बन नैनोट्यूब: दवा वितरण, बायोसेंसर, ऊतक इंजीनियरिंग और इमेजिंग
- मैटेलिक नैनोपार्टिकल्स: इमेजिंग कंट्रास्ट एजेंट, लेज़र-आधारित उपचार, ऑप्टिकल बायोसेंसर।
- क्वांटम डॉट्स: इमेजिंग, बायोसेंसिंग और दवा वितरण`
दवा वितरण में नैनो प्रौद्योगिकी
- लक्षित और नियंत्रित वितरण: नैनो प्रौद्योगिकी विशिष्ट स्थानों, जैसे ट्यूमर या संक्रमित क्षेत्रों पर दवाओं को सटीक रूप से पहुँचाने में मदद करती है, जिससे आवश्यक दवा की मात्रा को कम किया जा सकता है, साथ ही साइड इफेक्ट्स न्यूनतम हो जाते हैं।
- उदाहरण: लिपोसोमल डोक्सोरूबिसिन (डोक्सिल) कीमोथेरेपी को सीधे ट्यूमर कोशिकाओं तक पहुँचाता है, जिससे हृदय या गुर्दे को विषाक्तता से बचाया जा सकता है।
- दवा की घुलनशीलता और स्थिरता में वृद्धि: नैनो कण दवाओं की घुलनशीलता और स्थिरता में सुधार करते हैं, जिससे वे कम खुराक में अधिक प्रभावी हो जाते है।
- उदाहरण: एमपीईजी-पीएलए माइसेल्स (जेनेक्सोल-पीएम®) में सम्मिलित पैक्लिटैक्सेल मेटास्टेटिक स्तन कैंसर के लिये उपचार प्रभावकारिता को बढ़ाता है।
- बेहतर जैव-उपलब्धता: नैनो प्रौद्योगिकी शरीर में दवाओं के अवशोषण और वितरण को बढ़ाती है, जिससे जैव-उपलब्धता बढ़ जाती है तथा विषाक्तता में कमी आती है।
- उदाहरण: नैनोकण दवा वितरण प्रणालियाँ कम घुलनशील दवाओं के अवशोषण में सुधार करती हैं साथ ही दवा की प्रभावशीलता को बढ़ाती हैं।
- नवीन औषधि वितरण प्रणालियाँ: लक्षित औषधि वितरण और उन्नत ऑक्सीजन परिवहन के लिये नैनोरोबोट तथा यांत्रिक लाल रक्त कोशिका प्रौद्योगिकियों का विकास।
- उदाहरण: नैनोरोबोट दवाओं को विशिष्ट स्थानों तक ले जाते हैं तथा श्वसनकोशिकाएँ संभावित रूप से ऊतकों तक अधिक ऑक्सीजन पहुँचाती हैं।
- औषधि वितरण में डीएनए नैनो प्रौद्योगिकी: नैनो संरचनाओं के स्व-संयोजन के लिये डीएनए-आधारित उपकरणों का उपयोग, औषधि लक्ष्यीकरण को बढ़ाना और विषाक्तता को कम करना।
- उदाहरण: कैंसर के उपचार में कोशिकाओं में प्रवेश और विषाक्तता को कम करने के लिये डोक्सोरूबिसिन जैसी दवाओं के साथ डीएनए नैनो संरचनाओं का उपयोग किया जाता है।
नैनो प्रौद्योगिकी का निदान में उपयोग:
- उन्नत इमेजिंग तकनीक: नैनो प्रौद्योगिकी शक्तिशाली कंट्रास्ट एजेंट विकसित करके इमेजिंग रिज़ोल्यूशन और विशिष्टता में सुधार करती है, जिससे रोगग्रस्त ऊतकों का विस्तृत अवलोकन संभव हो पाता है।
- उदाहरण: सोने के नैनोशेल उच्च रिज़ोल्यूशन और कम विषाक्तता के साथ कैंसर का पता लगाने में ऑप्टिकल इमेजिंग का प्रयोग करते हैं।
- उन्नत नैदानिक उपकरण: कैप्सूल एंडोस्कोपी कैमरों जैसे इन-सीटू नैदानिक उपकरणों में रसायनों, वायरस और PH स्तरों का पता लगाने के लिये नैनोस्केल सेंसर शामिल होते हैं, जिससे नैदानिक क्षमताओं का विस्तार होता है।
- उदाहरण: भविष्य के उपकरणों में अधिक स्पष्ट और सुरक्षित आंतरिक निदान के लिये नैनो सेंसर का उपयोग किये जाने की उम्मीद है।
- नैनोकण-आधारित नैदानिक इमेजिंग: नैनोकण विशिष्ट बायोमार्करों से जुड़कर एमआरआई, सीटी और पीईटी स्कैन जैसी इमेजिंग विधियों को बेहतर बनाते हैं, जिससे सटीकता एवं संवेदनशीलता में सुधार होता है।
- उदाहरण: नैनोकण रोग का पता लगाने में पारंपरिक इमेजिंग विधियों की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।
- पॉइंट-ऑफ-केयर डायग्नोस्टिक टेस्ट: नैनो प्रौद्योगिकी संक्रामक रोगों और कैंसर के लिये तीव्र तथा सटीक पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट को सक्षम बनाती है, जिससे शीघ्र उपचार एवं रोकथाम में सुविधा मिलती है।
- उदाहरण: नैनो प्रौद्योगिकी-सक्षम परीक्षण समय पर चिकित्सा के लिये त्वरित परिणाम प्रदान करते हैं।
- ‘बायोसेंसर और माइक्रोफ्लुइडिक’ उपकरण: नैनो प्रौद्योगिकी जैव-अणुओं और कोशिकाओं का विश्लेषण करके रोग का शीघ्रता से पता लगाने हेतु अत्यधिक संवेदनशील बायोसेंसर तथा माइक्रोफ्लुइडिक उपकरण विकसित करती है।
- उदाहरण:’ नैनोबायोसेंसर’ शारीरिक तरल पदार्थों में जैव-अणुओं के निम्न स्तर का पता लगाते हैं, जिससे शीघ्र निदान और रोग प्रबंधन में मदद मिलती है।
नैनो प्रौद्योगिकी पुनर्योजी चिकित्सा:
- अस्थि पुनर्जनन: नैनो प्रौद्योगिकी नैनोसंरचित सामग्रियों और ढाँचे का निर्माण करके अस्थि पुनर्जनन को बढ़ाती है, जो अस्थियों की वृद्धि में सहायक होते हैं तथा प्राकृतिक अस्थियों की संरचना की तरह कार्य करते हैं।
- उदाहरण: नैनोकणों का उपयोग हड्डियों में सीधे वृद्धि-प्रवर्तक दवाओं को पहुँचाने के लिये किया जाता है तथा 3डी-मुद्रित नैनोस्केल प्रत्यारोपण हड्डियों के पुनर्जनन में सटीकता में सुधार करते हैं।
- उन्नत ढाँचे और प्रत्यारोपण: नैनो प्रौद्योगिकी ऐसे ढाँचे और प्रत्यारोपण के विकास को सक्षम बनाती है, जो ऊतकों की नैनोस्केल विशेषताओं के साथ प्रतिकृति निर्मित करते हैं तथा बेहतर ऊतक मरम्मत के लिये कोशिकीय व्यवहार का मार्गदर्शन करते हैं।
- उदाहरण: नैनोस्केल कोलेजन-मिमिकिंग कोटिंग्स का उपयोग हड्डी के निर्माण को स्थिर करने और संयुक्त प्रतिस्थापन का समर्थन करने के लिये किया जाता है।
- स्टेम सेल थेरेपी: नैनो प्रौद्योगिकी स्टेम सेल संक्रमण, वितरण और विस्तार में सुधार करके, ऊतकों को पुनर्जीवित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाकर स्टेम सेल थेरेपी में सहायता करती है।
- उदाहरण: नैनोमटेरियल का उपयोग स्टेम सेल की दक्षता बढ़ाने और ऊतकों की मरम्मत के लिये उनकी वृद्धि तथा विभेदन के लिये किया जाता है।
- अनुकूलित पुनर्योजी समाधान: नैनो प्रौद्योगिकी नैनोस्केल सामग्रियों के बदलाव के माध्यम से अनुकूलित पुनर्योजी समाधानों के निर्माण को सक्षम बनाती है।
- उदाहरण: नैनोसंरचित सामग्रियों से अस्थि प्रत्यारोपण के विकल्प का विकास, जो बेहतर उपचार परिणामों के लिये शरीर के ऊतकों के साथ अच्छी तरह एकीकृत हो सकें।
- ऊतक इंजीनियरिंग के लिये नैनो सामग्री: अद्वितीय गुणों वाले नैनो सामग्री का उपयोग ऊतक इंजीनियरिंग में कोशिकीय आसंजन, प्रवासन और विभेदन को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है।
- उदाहरण: लक्षित ऊतक पुनर्जनन और मरम्मत के लिये सोने तथा चाँदी के नैनोकणों, डेंड्रिमर्स एवं कार्बन नैनोट्यूब का उपयोग।
निष्कर्ष:
नैनो प्रौद्योगिकी ने जैव प्रौद्योगिकी, औषधीय और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों में निदान, उपचार तथा निगरानी तकनीकों को आगे बढ़ाकर रोगी देखभाल को महत्त्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाया है। नवीन नैनोमटेरियल के चल रहे विकास का उद्देश्य सटीकता, लागत-प्रभावशीलता एवं सुरक्षा के साथ रोग उपचार में सुधार करना है। हालाँकि इन प्रौद्योगिकियों की दीर्घकालिक सुरक्षा व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये कठोर जोखिम मूल्यांकन और जीवन चक्र आकलन आवश्यक हैं।