09 Aug 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- CAR-T सेल थेरेपी का संक्षिप्त में परिचय दीजिये।
- थेरेपी के संभावित लाभों का उल्लेख कीजिये।
- CAR-T सेल थेरेपी से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
- चुनौतियों से निपटने के लिये सुझाव दीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
CAR T-सेल थेरेपी, जिसे काइमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर T-सेल थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी है जो कैंसर से लड़ने के लिये मरीज़ की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करती है। प्रक्रिया टी-कोशिकाओं को एकत्रित करने से शुरू होती है, फिर उन्हें प्रयोगशाला में T-सेल को उनकी सतह पर काइमेरिक एंटीन रिसेप्टर (Chimeric Antigen Receptor- CAR) नामक एक विशेष प्रोटीन को व्यक्त करने के लिये आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है। यह CAR कैंसर कोशिकाओं पर पाए जाने वाले एक विशिष्ट एंटीजन (मार्कर) को पहचानने और उससे जुड़ने के लिये डिज़ाइन किया गया है। विस्तारित CAR T-सेल को रोगी के रक्तप्रवाह में फिर से प्रवाहित कर दिया जाता है, जहाँ वे लक्षित एंटीजन को व्यक्त करने वाली कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर सकते हैं तथा उन पर हमला कर सकते हैं। इस थेरेपी में कुछ प्रकार के कैंसर वाले रोगियों के लिये बेहतर परिणामों सहित महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की क्षमता है।
मुख्य बिंदु:
सीएआर-टी सेल थेरेपी के संभावित लाभ
- उपचार का कम समय: CAR T-सेल थेरेपी में आमतौर पर एक ही बार इन्फ्यूज़न होता है और इसके लिये अधिकतम दो सप्ताह तक अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता होती है।
- तीव्र रिकवरी: स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तुलना में मरीज़ ज़्यादा तेज़ी से ठीक होते हैं क्योंकि इसमें आक्रामक रूप से कीमोथेरेपी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
- ट्रांसप्लांट को बदलने की क्षमता: भविष्य में CAR T-सेल थेरेपी कई तरह के ट्रांसप्लांट की जगह ले सकती है, वर्तमान में उन मरीज़ों के लिये स्वीकृत है जहाँ ट्रांसप्लांट के उपचारात्मक होने की संभावना नहीं है या जो ट्रांसप्लांट के बाद फिर से बीमारी से पीड़ित हैं।
- दीर्घकालिक प्रभावशीलता: एक "जीवित दवा" के रूप में कार्य करती है, जिसमें कोशिकाएँ शरीर में वर्षों तक बनी रहती हैं तथा संभावित रूप से रिलैप्स के दौरान कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन पर हमला करती हैं।
- लक्षणों का निदान: नैदानिक परीक्षणों से पता चला है कि कैंसर के लक्षणों के निदान में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है। उदाहरण के लिये वयस्क लिम्फोमा रोगियों में से 42% में 15 महीने के बाद तथा तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया वाले दो-तिहाई बच्चों में छह महीनों के बाद लक्षणों का निदान देखा गया।
CAR-T थेरेपी के संभावित जोखिम और चुनौतियाँ:
- उपचार प्रभावकारिता और पुनरावृत्ति: CAR-T थेरेपी सभी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट नहीं कर सकती है साथ ही सभी रोगियों के लिये कार्यरत नहीं है, कुछ कैंसर, जैसे कि बी-सेल लिंफोमा, प्रारंभिक सफलता के बाद भी उच्च पुनरावृत्ति दर रखते हैं।
- गंभीर दुष्प्रभाव: थेरेपी गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकती है, जिसमें साइटोकाइन रिलीज़ सिंड्रोम (प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रियण और सामान्य कोशिकाओं को नुकसान), न्यूरोलॉजिकल लक्षण (भ्रम, दौरे, भाषण हानि) तथा प्रतिरक्षा प्रभावक कोशिका-संबंधी न्यूरोटॉक्सिसिटी सिंड्रोम (ICANS) शामिल हैं।
- जटिल प्रक्रिया: CAR-T थेरेपी की जटिल प्रक्रिया ने व्यापक उपयोग को सीमित कर दिया है, एक दशक पहले पहला सफल नैदानिक परीक्षण प्रकाशित हुआ और भारत में पहली स्वदेशी रूप से विकसित थेरेपी वर्ष 2021 में की गई।
- सीमित दीर्घकालिक डेटा: CAR-T थेरेपी के दीर्घकालिक प्रभावों और समग्र प्रभावशीलता पर अभी भी सीमित डेटा है।
- वहनीयता: भारत में CAR-T थेरेपी की उच्च लागत एक महत्त्वपूर्ण चुनौती पेश करती है, जिससे अधिकांश लोगों के लिये इसकी लागत-प्रभावशीलता और वहनीयता के बारे में चिंताएँ बढ़ जाती हैं।
सीएआर-टी थेरेपी के जोखिम और चुनौतियों से निपटने के समाधान:
- प्रभावकारिता को बढ़ाएँ और रिलैप्स को प्रबंधित करना: प्रभावकारिता में सुधार करने और रिलैप्स दरों को कम करने हेतु अनुसंधान एवं संयोजन उपचारों में निवेश करना।
- गंभीर दुष्प्रभावों को कम करना: ICANS और साइटोकाइन रिलीज़ सिंड्रोम जैसे गंभीर दुष्प्रभावों के प्रबंधन के लिये देख-रेख तथा लक्षित उपचार विकसित करना।
- प्रक्रिया को सरल बनाना: प्रक्रियाओं का अनुकूलन, मानकीकृत करना तथा बेहतर समझ एवं दक्षता के लिये दीर्घकालिक अध्ययनों का समर्थन करना।
- वहनीयता में सुधार करना: लागत में कमी की रणनीतियाँ विकसित करना और कवरेज का विस्तार करने के लिये बीमाकर्त्ताओं के साथ कार्य करना, ताकि CAR-T थेरेपी अधिक सुलभ हो।
निष्कर्ष:
CAR-T सेल थेरेपी कई महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, जैसे कि उच्च परिशुद्धता के साथ कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करना, जिससे संभावित रूप से स्थायी उपचार मिलता है और यह एक “जीवित दवा” के रूप में कार्य करती है जो लंबे समय तक बनी रह सकती है। NexCAR19, भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित तथा सबसे सस्ती CAR-T थेरेपी की शुरूआत, उन्नत उपचार को अधिक सुलभ एवं लागत प्रभावी बनाकर इनमें से कुछ चुनौतियों का समाधान करती है। NexCAR19 वैश्विक सेल और जीन थेरेपी में एक बड़ी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत को कैंसर उपचारों में अग्रणी बनाता है।