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दिवस- 17: राष्ट्रीय महिला आयोग ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के समक्ष विभिन्न चुनौतियों से निपटने हेतु रणनीतियाँ बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

26 Jul 2024 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और इसकी स्थापना के बारे में संक्षिप्त में परिचय के साथ उत्तर की शुरुआत कीजिये।
  • भारत में महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने में NCW के अधिदेश तथा मिशन पर प्रकाश डालिये।
  • NCW के समक्ष आने वाली चुनौतियों का उल्लेख कीजिये। सुधार के लिये सिफारिशें प्रस्तावित कीजिये।
  • उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की स्थापना जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। इसका कार्य भारत में महिलाओं के अधिकारों और हितों की रक्षा करना तथा उन्हें बढ़ावा देना है, साथ ही सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है।

मुख्य बिंदु:

भूमिका और कार्य:

  • प्रारंभिक उद्देश्य: उद्देश्यों में महिलाओं के लिये कानूनी और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना, सुधारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना, शिकायतों के निवारण में सुविधा प्रदान करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना शामिल था।
  • सलाहकार की भूमिका: NCW महिलाओं को प्रभावित करने वाले नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है। उदाहरण के लिये NCW घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न के खिलाफ मज़बूत कानूनों की वकालत करने में सहायक रहा है।
  • कानूनी हस्तक्षेप: NCW कानूनों की समीक्षा करता है और संशोधनों का प्रस्ताव करता है। उल्लेखनीय हस्तक्षेपों में दहेज़ निषेध अधिनियम में संशोधन तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 की शुरूआत की वकालत करना शामिल है।
  • जागरूकता कार्यक्रम: NCW पूरे भारत में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। "सक्षम" जैसे अभियान कौशल विकास के माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि "महिला सुरक्षा" का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाना है।
  • विधायी वकालत: NCW द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के पारित होने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है। इसी तरह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 को तैयार करने में NCW के प्रयास महत्त्वपूर्ण थे।
  • अभियान और कार्यक्रम: "महिला जन सुनवाई" (सार्वजनिक सुनवाई) एक ऐसी पहल है जहाँ NCW महिलाओं की शिकायतों को सीधे संबोधित करता है। NCW ने यौन उत्पीड़न के मामलों के लिये "शी बॉक्स" ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली भी शुरू की है।
  • शोध और अध्ययन: NCW महिलाओं द्वारा सामना किये जाने वाले मुद्दों को समझने के लिये विभिन्न अध्ययन करता है। उदाहरण के लिये लिंग आधारित हिंसा पर उनके अध्ययन डेटा प्रदान करते हैं, जो नीतियों एवं पहलों को आकार देने में मदद करते हैं।

NCW के सामने चुनौतियाँ

  • सीमित शक्तियाँ: NCW मुख्य रूप से सलाहकार के रूप में भूमिका निभाता है जिसमें प्रवर्तन शक्तियों का अभाव है, जो सिफारिशों को लागू करने में इसकी प्रभावशीलता को सीमित करता है।
  • वित्त पोषण और संसाधन: अपर्याप्त वित्त पोषण और संसाधन एक महत्त्वपूर्ण चुनौती रहे हैं, जिससे NCW की पहलों की पहुँच और प्रभाव सीमित हो गया है।
  • राज्यों के साथ समन्वय: राज्य-स्तरीय आयोगों और अन्य स्थानीय निकायों के साथ अक्सर समन्वय के मुद्दे होते हैं, जो NCW की देश भर में समान रूप से मुद्दों को संबोधित करने की क्षमता को बाधित करते हैं।
  • राजनीतिक प्रभाव: NCW को राजनीतिक रूप से प्रभावित और नौकरशाही के रूप में माना जाने के लिये आलोचना का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिये, जहाँ NCW की कार्रवाइयों को महिलाओं के मुद्दों को निष्पक्ष रूप से संबोधित करने के बजाय सत्तारूढ़ पार्टी के एजेंडे के साथ संरेखित करने के रूप में देखा गया।

सुधार के लिये सिफारिशें:

  • NCW को सशक्त बनाना: इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये NCW को अधिक वैधानिक शक्तियाँ और स्वायत्तता प्रदान की जानी चाहिये, ताकि यह अपनी सिफारिशों को लागू करने में सक्षम हो सके।
  • बढ़ी हुई फंडिंग: NCW को अधिक संसाधन और फंडिंग आवंटित करने से यह अपने कार्यक्रमों एवं पहलों का विस्तार कर सकेगा।
  • समन्वय को मज़बूत करना: NCW और राज्य आयोगों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों तथा अन्य हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करने से महिलाओं के मुद्दों के लिये एक अधिक एकीकृत एवं प्रभावी दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।
  • ज़मीनी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना: NCW को ज़मीनी स्तर के मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिये समुदाय स्तर पर महिलाओं के साथ अधिक जुड़ना चाहिये।

निष्कर्ष:

भारत में महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने में NCW की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। अपनी चुनौतियों के बावजूद, आयोग ने विधायी कार्यवाही, जागरूकता कार्यक्रमों तथा शिकायतों के समाधान में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। बढ़ी हुई शक्तियों, संसाधनों एवं बेहतर समन्वय के माध्यम से NCW को मज़बूत करना भारत में महिलाओं के लिये अधिक समावेशी व न्यायसंगत वातावरण को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता को और बढ़ा सकता है।