दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- प्रशांत महासागर क्षेत्र का संक्षिप्त में परिचय दीजिये।
- प्रशांत महासागर क्षेत्र की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
प्रशांत महासागर का तटीय क्षेत्र जिसे अक्सर "रिंग ऑफ फायर" के नाम से जाना जाता है, प्रशांत महासागर का एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ ज्वालामुखी और अक्सर भूकंप जैसी गतिविधियाँ अधिक देखने को मिलती हैं। यह क्षेत्र दक्षिण एवं उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट से लगा हुआ है तथा अलास्का में अल्यूत द्वीपसमूह, न्यूज़ीलैंड और एशिया के पूर्वी तट से होते हुए अंटार्कटिका के उत्तरी तट तक फैला हुआ है।
मुख्य भाग:
प्रशांत महासागरीय क्षेत्र की मुख्य विशेषताएँ:
- विवर्तनिकी गतिविधियाँ:
- प्रशांत महासागर का एक क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ कई विवर्तनिकी प्लेट मिलती हैं। ‘रिंग ऑफ फायर’ लगभग 40,000 किलोमीटर (24,900 मील) तक फैला हुआ है, जो प्रशांत, जुआन डे फूका, कोकोस, भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई, नाज़का, उत्तरी अमेरिकी और फिलिपीनी प्लेटों सहित कई प्लेट विवर्तनिकी के बीच की सीमाओं को दर्शाता है।
- प्रशांत महासागरीय प्लेट, सबसे बड़ी विवर्तनिकी प्लेट, उत्तरी अमेरिकी, यूरेशियन, फिलिपीन, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई और अंटार्कटिक प्लेटों सहित कई अन्य प्लेटों के साथ परस्पर क्रिया करती है। इन अंतःक्रियाओं में मुख्य रूप से शामिल हैं:
- सबडक्शन जोन: ऐसे क्षेत्र जहाँ एक विवर्तनिकी प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे खिसकती है, जिससे तीव्र भू-गर्भीय गतिविधियाँ उत्पन्न होती है। उदाहरणों के रूप जापान ट्रेंच, पेरू-चिली ट्रेंच और मारियाना ट्रेंच शामिल हैं।
- ट्रांसफॉर्म फॉल्ट: प्लेटें एक-दूसरे के ऊपर खिसकती हैं, जिससे भूकंप संबंधी घटनाएँ देखने को मिलती हैं। कैलिफोर्निया में सैन एंड्रियास फॉल्ट इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
- ज्वालामुखी गतिविधियाँ:
- ‘रिंग ऑफ फायर’ में 450 से अधिक सक्रिय और निष्क्रिय ज्वालामुखी (पृथ्वी के कुल ज्वालामुखियों का 75%) हैं, जो प्रशांत महासागर में अर्द्धवृत्त या घोड़े की नाल के आकार का निर्माण करते हैं। ‘रिंग ऑफ फायर’ पर अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी इसके पश्चिमी तट पर, रूस से न्यूज़ीलैंड तक फैले हुए हैं।
- वर्ष 1800 के बाद से ‘रिंग ऑफ फायर’ के भीतर प्रमुख ज्वालामुखी घटनाएँ घटित हुई हैं, जिनमें माउंट टैम्बोरा, इंडोनेशिया (1815), माउंट रुइज़, कोलंबिया (1985) और माउंट पिनातुबो, फिलीपींस (1991) का विस्फोट शामिल है।
- भूकंपीय गतिविधियाँ:
- 90% भूकंपीय घटनाओं पृथ्वी के सबसे संवेदनशील क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ में आते हैं। आँकड़ों के अनुसार इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंपों के लिये ‘रिंग ऑफ फायर’ जाना जाता है, जिसमें वर्ष 1960 और 2010 में चिली, वर्ष 1964 में अलास्का तथा वर्ष 2011 को जापान में आया भूकंप एवं साथ ही वर्ष 2004 में हिंद महासागर में विनाशकारी सुनामी से उत्पन्न भूकंप शामिल है।
निष्कर्ष:
प्रशांत महासागर के परिक्षेत्र में तीव्र विवर्तनिकी, ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियों का पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, मानव स्वास्थ्य तथा सामाजिक संरचनाओं पर महत्त्वपूर्ण एवं बहुआयामी प्रभाव पड़ता है। इस गतिविधियों के पीछे के तंत्र को समझना आपदा, मानव आबादी और अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।