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  • 26 Jul 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय

    दिवस- 9 हाथ से मैला ढोने वालों की दुर्दशा को समाप्त करने के लिये, न केवल इस प्रथा को खत्म करना आवश्यक है, बल्कि इसमें शामिल समुदायों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर भी प्रदान करना आवश्यक है। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • मैनुअल स्कैवेंजर और मैनुअल स्कैवेंजिंग को परिभाषित कीजिये।
    • हाथ से मैला ढोने की प्रथा जारी रहने के कारणों और इसमें शामिल समुदायों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिये उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा कीजिये।
    • यथोचित निष्कर्ष लिखिये।

    मैनुअल स्केवेंजर्स (एमएस) को रोज़गार और शुष्क शौचालयों का निर्माण (निषेध) अधिनियम, 1993 'मैनुअल स्केवेंजर' को "मानव मल को मैनुअल रूप से ले जाने में लगे या नियोजित व्यक्ति" के रूप में परिभाषित करता है। मैनुअल स्केवेंजर का रोज़गार एक अपराध के रूप में निषिद्ध है।

    मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 (पीईएमएसआर) के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह अधिनियम न केवल मैला ढोने की प्रथा को परिभाषित करता है बल्कि मैला ढोने वालों की पहचान, पुनर्वास और सामाजिक सुरक्षा का भी प्रावधान करता है। यह अधिनियम अस्वच्छ शौचालयों के निर्माण और उन्हें उपयुक्त स्वच्छता वाले शौचालयों में बदलने तथा सीवर सफाई के मशीनीकरण को भी अनिवार्य बनाता है।

    कानूनी निषेध और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बावजूद भारत के कई हिस्सों में हाथ से मैला ढोने की प्रथा अभी भी प्रचलित है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री (MoSJE) द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 58,098 मैला ढोने वाले व्यक्तियों की पहचान की गई थी।

    वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि कई मामले रिपोर्ट ही नहीं किये जाते या पहचाने ही नहीं जाते। हाथ से मैला ढोने की प्रथा जारी रहने के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

    • कानून के प्रवर्तन और अधिकारियों तथा नियोक्ताओं में जवाबदेही का अभाव (PEMSR अधिनियम, 2013 के तहत किसी व्यक्ति को MS के रूप में नियुक्त करने के लिये एक भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है)।
    • हाथ से मैला ढोने वालों के अधिकारों और इसके जोखिमों के बारे में श्रमिकों एवं जनता के बीच जागरूकता तथा शिक्षा का अभाव (अधिकांश मैनुअल स्केवेंजर्स समाज के सीमांत वर्ग से आते हैं)।
    • श्रमिकों के लिये वैकल्पिक आजीविका के अवसरों और कौशल प्रशिक्षण तक पहुँच का अभाव।
    • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त स्वच्छता बुनियादी ढाँचे एवं सुविधाओं का अभाव।
    • श्रमिकों और उनके समुदायों के सामाजिक तथा राजनीतिक सशक्तीकरण एवं प्रतिनिधित्व का अभाव।
    • श्रमिकों और उनके समुदायों की सामाजिक स्वीकृति एवं समावेशन का अभाव।
    • मैनुअल स्केवेंजर्स के रोज़गार और मृत्यु के बारे में डेटा एवं आँकड़ों की कमी (MoSJE के अनुसार मैनुअल स्केवेंजर्स में शामिल होने के चलते हुई किसी भी प्रकार की मृत्यु की सूचना नहीं मिली है)।

    इसलिये हाथ से मैला ढोने वालों की दुर्दशा को समाप्त करने के लिये न केवल इस प्रथा को खत्म करना आवश्यक है, बल्कि इसमें शामिल समुदायों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर भी प्रदान करना आवश्यक है। इसके लिये आवश्यकता होगी:

    • कानून का कड़ाई से कार्यान्वयन और निगरानी करना तथा उल्लंघन करने वालों को दंडित करना।
    • मैनुअल स्केवेंजर्स की गरिमा और सम्मान को सुनिश्चित करने के साथ उनकी उपयुक्त पहचान और पुनर्वास।
    • हाथ से मैला ढोने वालों और उनके परिवारों के लिये वित्तीय सहायता, सामाजिक सुरक्षा लाभ, शैक्षिक छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ तथा कानूनी सहायता का प्रावधान।
    • कृषि, उद्योग, सेवा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मैनुअल मैला ढोने वालों के लिये वैकल्पिक आजीविका के अवसरों और कौशल विकास कार्यक्रमों का निर्माण।
    • सीवर सफाई और स्वच्छता प्रबंधन के मशीनीकरण एवं आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना।
    • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त स्वच्छता बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं का निर्माण एवं रखरखाव।
    • हाथ से मैला ढोने के अधिकारों और जोखिमों के बारे में श्रमिकों तथा जनता के बीच संवेदीकरण और जागरूकता अभियान।
    • हाथ से मैला ढोने वालों और उनके समुदायों का उनके जीवन को प्रभावित करने वाली निर्णय प्रक्रियाओं में भागीदारी।
    • हाथ से मैला ढोने वालों और उनके समुदायों के खिलाफ जातिगत भेदभाव और कलंक का उन्मूलन।

    मैला ढोने वालों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। वे सम्मान, स्वतंत्रता और समानता के साथ रह सकेंगे। वे राष्ट्र के विकास तथा प्रगति में भी योगदान दे सकेंगे।

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