दिवस-5: 20वीं सदी में राष्ट्रीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया का परीक्षण कीजिये। राष्ट्रीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण में योगदान देने वाले प्रमुख कारक क्या थे और इसने भू-राजनीति को कैसे प्रभावित किया? (250 शब्द)
21 Jul 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | इतिहास
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
20वीं सदी एक परिवर्तनकारी युग था जिसमें राष्ट्रीय सीमाओं का व्यापक रूप से पुनर्निर्धारण किया गया। यह प्रक्रिया असंख्य कारकों से प्रभावित थी, जिनमें उपनिवेशवाद से मुक्ति, विश्व युद्ध, जातीय और राष्ट्रवादी आंदोलन तथा महाशक्तियों द्वारा की जा रही राजनीति शामिल थी। जैसे-जैसे नए राष्ट्र-राज्यों का उदय हुआ और पुराने साम्राज्य ढहते गए, भू-राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार मिला, जिसके दीर्घकालिक परिणाम सामने आए।
मुख्य भाग:
इस प्रक्रिया में योगदान देने वाले कुछ प्रमुख कारक थे:
राष्ट्रीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण का भू-राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा, क्योंकि इसने शक्ति संतुलन, संघर्षों की प्रकृति और राष्ट्रों के बीच सहयोग के पैटर्न को बदल दिया। कुछ प्रभाव इस प्रकार थे:
निष्कर्ष`:
20वीं सदी में राष्ट्रीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया एक जटिल और गतिशील घटना थी जिसमें राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद से मुक्ति, युद्ध, क्रांतियाँ, संधियाँ और अंतर्राष्ट्रीय संगठन जैसे विभिन्न कारक शामिल थे। राष्ट्रीय सीमाओं के पुनर्निर्धारण का भू-राजनीति पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, जैसे नए राज्यों का निर्माण, गठबंधन बदलना, संघर्ष , सहयोग को बढ़ावा देना, पहचान को आकार देना और वैश्विक व्यवस्था को प्रभावित करना।