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  • 01 Sep 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    दिवस-41. क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के उद्भव ने वैकल्पिक शक्ति केंद्र और दृष्टिकोण प्रदान करके भारतीय लोकतंत्र में नियंत्रण एवं संतुलन स्थापित करने में किस प्रकार योगदान दिया है? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के उद्भव की समय-सीमा के बारे में संक्षेप में बताते हुए अपना उत्तर प्रारम्भ कीजिये।
    • चर्चा कीजिये कि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने भारतीय लोकतंत्र को वैकल्पिक शक्ति केंद्र उपलब्ध कराने में किस प्रकार योगदान दिया है।
    • तद्नुसार निष्कर्ष दीजिये।

    भारत में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के उद्भव ने वैकल्पिक शक्ति केंद्र और दृष्टिकोण प्रदान करके देश के लोकतंत्र में नियंत्रण तथा संतुलन स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 1949 में तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) से लेकर वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) तथा वर्ष 2012 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) विशिष्ट क्षेत्रीय हितों एवं चिंताओं से प्रेरित रही हैं और इनका भारतीय राजनीति की गतिशीलता पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

    • विविध क्षेत्रीय मुद्दे: क्षेत्रीय दल अपने संबंधित राज्यों के विशिष्ट मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उन चिंताओं को उजागर करते हैं जिन्हें राष्ट्रीय दलों द्वारा अनदेखा किया जा सकता है।
      • उदाहरण के लिये तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अपने क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को संबोधित करते हुए अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण की वकालत करने के लिये उदित हुई थी।
    • केंद्रीय शक्ति संतुलन: क्षेत्रीय पार्टियाँ, राष्ट्रीय पार्टियों के प्रभुत्व के प्रतिकार के रूप में कार्य करती हैं और केंद्र में सत्ता के संकेंद्रण को रोकती हैं।
      • तमिलनाडु में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने दक्षिण भारत में राष्ट्रीय दलों के प्रभाव को चुनौती देते हुए यह भूमिका निभाई है।
    • नीति फोकस: ये पार्टियाँ उन नीतियों को बढ़ावा देती हैं जो स्थानीय ज़रूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करती हैं।
      • ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) राज्य में कृषि, ग्रामीण विकास और आदिवासी कल्याण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये विकास कार्यक्रमों पर ज़ोर देता है।
    • गठबंधन की राजनीति: क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ विभिन्न दलों के बीच सहयोग और आम सहमति को बढ़ावा देते हैं।
      • पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) राष्ट्रीय गठबंधन को आकार देने और नीति निर्माण में योगदान देने में सहायक रही है।
    • पहचान और प्रतिनिधित्व: क्षेत्रीय दल राजनीतिक परिदृश्य के तहत विविध प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का समर्थन करते हैं।
      • महाराष्ट्र में शिवसेना, मराठी भाषी हितों का प्रतिनिधित्व करती है और राज्य की आबादी से संबंधित मुद्दों पर ज़ोर देती है।
    • क्षेत्रीय स्वायत्तता: ये पार्टियाँ राज्य के संसाधनों और प्रशासन पर अधिक स्वायत्तता तथा नियंत्रण की वकालत करती हैं।
      • तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने निर्णय लेने और वित्तीय मामलों में राज्य की स्वायत्तता की मांग की है।
    • राष्ट्रीय नीतियों पर प्रभाव: क्षेत्रीय दल नीतिगत विचारों के बदले अपने समर्थन पर बातचीत करके राष्ट्रीय नीतियों पर प्रभाव डालते हैं।
      • उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) ने सामाजिक कल्याण और विकास से संबंधित नीतियों को आकार देने के लिये अपनी सौदेबाज़ी की शक्ति का उपयोग किया है।
    • क्षेत्रीय विकास: क्षेत्रीय विकास की वकालत करके, ये पार्टियाँ संसाधन आवंटन पर ज़ोर देती हैं जिससे संबंधित राज्यों को लाभ होता है।
      • बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने ग्रामीण विकास के मुद्दों और सामाजिक न्याय संबंधी चिंताओं को उजागर किया है।
    • प्रभावी प्रतिनिधित्व: क्षेत्रीय दल हाशिये पर रहने वाले समुदायों और सामाजिक समूहों को प्रभावी प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
      • कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) ने ग्रामीण और कृषि समुदायों से संबंधित मुद्दों पर ज़ोर दिया है।
    • विधायी प्रभाव: क्षेत्रीय दल अक्सर राज्यसभा (उच्च सदन) में शक्ति संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे महत्त्वपूर्ण कानून पारित होने पर असर पड़ता है।
      • बहुजन समाज पार्टी (BSP) जैसी पार्टियों ने सामाजिक न्याय नीतियों की वकालत करने के लिये इस लाभ का उपयोग किया है।

    भारत में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के उद्भव ने राजनीतिक परिदृश्य में जटिलता को बढ़ावा देने के साथ वैकल्पिक शक्ति केंद्र और दृष्टिकोण प्रदान करके नियंत्रण एवं संतुलन को बढ़ावा दिया है। इन पार्टियों ने भारतीय लोकतंत्र के ढाँचे के भीतर अधिक प्रतिनिधित्व एवं क्षेत्रीय विकास के साथ नीतिगत विविधता की सुविधा प्रदान की है।

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