दिवस-36. नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) की अवधारणा से महत्त्वपूर्ण संभावनाओं के साथ आर्थिक अवसरों का नया क्षेत्र सृजित होता है। इस कथन के आलोक में नीली अर्थव्यवस्था के महत्त्व का मूल्यांकन करते हुए भारत द्वारा अपनी संवृद्धि को बढ़ावा देने हेतु किये गए उपायों पर प्रकाश डालिये। (250 शब्द)
26 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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नीली अर्थव्यवस्था की अवधारणा समुद्री संसाधनों के टिकाऊ और ज़िम्मेदार उपयोग से संबंधित है जिसमें समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और कल्याण पर बल दिया जाता है।
नीली अर्थव्यवस्था का महत्त्व:
भारत ने अपनी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये जो उपाय किये हैं:
उपाय |
उदाहरण और योजनाएँ |
सर्वोत्तम प्रथाएँ |
1. मत्स्य पालन और जलकृषि |
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना: इसका उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ावा देना, बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण करना तथा मछली निर्यात को बढ़ावा देना है। |
- इनके अत्यधिक दोहन को रोकने के लिये बेहतर मछली पकड़ने की प्रथाओं को बढ़ावा देना। |
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- राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (NFDB): यह टिकाऊ जलीय कृषि प्रथाओं और प्रौद्योगिकी अपनाने का समर्थन करता है। |
- पर्यावरणीय क्षरण को रोकने के लिये ज़िम्मेदार जलीय कृषि संबंधी दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन। |
2. समुद्री अवसंरचना |
- सागरमाला कार्यक्रम: यह बंदरगाह आधारित विकास, बंदरगाह कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ तटीय समुदाय के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है। |
- इस योजना हेतु एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना एवं बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना। |
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- भारतमाला परियोजना: यह बंदरगाहों तक सड़क और राजमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ाने एवं व्यापार और परिवहन में सुधार करने पर केंद्रित है। |
- बुनियादी ढाँचे के डिज़ाइन में जलवायु लचीलापन उपायों को शामिल करना। |
3. समुद्री नवीकरणीय ऊर्जा |
- राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति: यह समुद्र तट के साथ अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये दिशानिर्देश निर्धारित करती है। |
- उपयुक्त स्थलों की पहचान करने के लिये सरकार, उद्योग और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाना। |
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- कोच्चि अपतटीय पवन परियोजना: यह भारत की पहली अपतटीय पवन परियोजना है, जो नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान दे रही है। |
- समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर संभावित प्रभावों की निगरानी करना और उन्हें कम करना। |
4. तटीय और समुद्री पर्यटन |
- स्वदेश दर्शन योजना: टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये तटीय क्षेत्रों में थीम-आधारित पर्यटक सर्किट विकसित करना। |
- ज़िम्मेदार पर्यटन विकास के लिये सामुदायिक भागीदारी पर ज़ोर देना। |
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- ब्लू फ्लैग प्रमाणन: स्वच्छ और टिकाऊ समुद्र तटों को पुरस्कार देने के साथ पर्यटन स्थलों में पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना। |
- पर्यटन स्थलों के लिये अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण उपाय करना। |
5. समुद्री जैव विविधता अनुसंधान |
- राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA): यह आनुवंशिक संसाधनों तक पहुँच को नियंत्रित करने के साथ लाभ-साझाकरण को बढ़ावा देता है। |
- समुद्री आनुवंशिक संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिये कानूनी ढाँचा स्थापित करना। |
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- जैव विविधता अधिनियम, 2002: यह संरक्षण, टिकाऊ उपयोग और जैव विविधता से होने वाले लाभों के समान बँटवारे को संबोधित करता है। |
- सीमा पार संसाधन प्रबंधन हेतु अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना। |
6. ब्लू-टेक इनोवेशन |
- महासागर सेवाएँ, प्रौद्योगिकी, अवलोकन, संसाधन मॉडलिंग और विज्ञान (O-SMART): यह महासागर प्रौद्योगिकी विकास का समर्थन करता है। |
- समुद्री प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के पोषण के लिये इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर पर बल देना। |
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- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT): यह समुद्री अनुप्रयोगों के लिये स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। |
- समुद्री अनुसंधान के लिये रोबोटिक्स और सेंसर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का एकीकरण करना। |
7. जलवायु परिवर्तन अनुकूलन |
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (नमामि गंगे): इसका उद्देश्य गंगा नदी और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना है। |
- अनुकूलन बढ़ाने के लिये आर्द्रभूमि बहाली और वनीकरण जैसे प्रकृति-आधारित समाधानों को एकीकृत करना। |
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- तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) विनियम: यह तटीय क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करता है और संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करता है। |
- तटीय योजना और बुनियादी ढाचे के डिज़ाइन में जलवायु परिवर्तन के अनुमानों को शामिल करना। |
दूरदर्शी पहल और स्थिरता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, भारत इस दिशा में परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की ओर प्रयासरत है। जैसे-जैसे तटीय क्षेत्रों में प्रगति बढ़ रही हैं, भारत की नीली अर्थव्यवस्था समृद्धि और संरक्षण के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ विकसित हो रही है।