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  • 25 Aug 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    दिवस-35. आप एक सुदूर इलाके के सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर हैं। इस अस्पताल में कर्मचारियों की एवं सुविधाओं की कमी के साथ भीड़भाड़ की समस्या है। आपको हर दिन कई रोगियों को देखना होता है, जिनमें से कुछ गंभीर और संक्रामक बीमारियों से पीड़ित रहते हैं। आपके पास दवाओं और संसाधनों की सीमित आपूर्ति होने के कारण आपको यह कठिन विकल्प चुनने में समस्या का सामना करना पड़ता है कि किसका इलाज किया जाए और किसे अन्य अस्पतालों में भेजा जाए। आपको कुछ स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के दबाव का भी सामना करना पड़ता है जो चाहते हैं कि आप उनके रिश्तेदारों और समर्थकों को प्राथमिकता दें। आप अपने पेशे के प्रति प्रतिबद्ध हैं और ईमानदारी तथा निष्ठा के साथ लोगों की सेवा करना चाहते हैं। 

    1. आप इन चुनौतियों का सामना किस प्रकार करेंगे?
    2. इस मामले में शामिल नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?
    3. इस संबंध में आपके समक्ष उपलब्ध कार्रवाई के संभावित तरीके बताते हुए अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए प्रत्येक विकल्प के गुण और दोषों पर चर्चा कीजिये? 

    उत्तर

    इस परिदृश्य में प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने के लिये व्यावसायिक अखंडता, नैतिक विचारों एवं व्यावहारिक सीमाओं के बीच संतुलन की आवश्यकता होती है। एक दूरदराज के इलाके के सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर के रूप में मैं इस स्थिति में निम्नलिखित कदम उठाऊँगा:

    a) समाधान की रणनीतियाँँ:

    • प्राथमिकता पर ध्यान देना: सीमित संसाधनों एवं भीड़भाड़ वाली स्थितियों को देखते हुए इस संबंध में प्राथमिकता की प्रणाली लागू करना महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में सबसे आवश्यक और जीवन-घातक स्थितियों वाले मरीज़ों पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिये, जबकि कम गंभीर समस्याओं वाले मरीज़ों को अन्य जगह के लिये रेफर किया जा सकता है।
    • पारदर्शी संवाद: अस्पताल जिन बाधाओं का सामना कर रहा है, उनके बारे में रोगियों तथा उनके परिवारों के साथ खुलकर संवाद पर ध्यान देना। इसको स्पष्ट करने से लोगों की अपेक्षाओं को प्रबंधित करने एवं निराशा को कम करने में मदद मिल सकती है।
    • नैतिक प्रशिक्षण: अस्पताल के कर्मचारियों को चिकित्सा नैतिकता के बारे में नियमित रूप से शिक्षित करना। सामाजिक या राजनीतिक स्थिति की परवाह किये बिना सभी रोगियों के साथ उचित व्यवहार पर ज़ोर देना आवश्यक है। इसके साथ ही कर्मचारियों के बीच सत्यनिष्ठा और करुणा की संस्कृति को बढ़ावा दूँगा।
    • दस्तावेज़ीकरण: निर्णयों और उनके पीछे के कारणों का पूरी तरह से दस्तावेज़ीकरण करना। इससे न केवल कार्यों को उचित ठहराने में मदद मिलती है बल्कि आलोचना या दबाव के संदर्भ में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होती है।
    • सहयोग: उच्च चिकित्सा अधिकारियों, गैर-सरकारी संगठनों एवं अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से समर्थन प्राप्त करना। ऐसे सहयोगात्मक प्रयास संसाधन सीमाओं को कम करने तथा अस्पताल की समग्र क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

    b) नैतिक दुविधाएँ:

    • सीमित संसाधन बनाम उपचार का कर्तव्य: डॉक्टर के रूप में मुझे सभी रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के नैतिक दायित्व के साथ दवाओं एवं संसाधनों की सीमित आपूर्ति को संतुलित करना आवश्यक है। ऐसे में मुझे यह तय करने की आवश्यकता है कि किसे उपचार मिलेगा और किसे संसाधनों की कमी के कारण अन्यत्र रेफर करने की आवश्यकता हो सकती है। इससे सवाल उठता है कि मरीजों की ज़रूरतों को कैसे प्राथमिकता दी जाए और संसाधनों का उचित वितरण कैसे किया जाए।
    • रोगी की स्वायत्तता बनाम उपकारिता: इसमें ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जहाँ रोगियों या उनके परिवारों की उपचार विकल्पों पर अलग-अलग राय होती है। ऐसे में रोगी के सर्वोत्तम हित (उपकार) में कार्य करने की ज़िम्मेदारी के साथ अपनी देखभाल (रोगी की स्वायत्तता) के बारे में निर्णय लेने के रोगी के अधिकार को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है (खासकर जब संसाधनों की कमी हो)।
    • व्यावसायिक ईमानदारी बनाम बाहरी प्रभाव: इससे ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ सेवा करने की प्रतिबद्धता को बाहरी दबावों से चुनौती मिल सकती है। ऐसे में मुझे अपने पेशेवर सिद्धांतों और अपने मरीजों के सर्वोत्तम हितों की रक्षा करते हुए न्यायसंगत देखभाल प्रदान करने के लिये नैतिकता का पालन करना चाहिये।

    c) कार्रवाई के कुछ संभावित विकल्प:

    1. मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन करना: इसमें मरीजों के इलाज और संसाधनों के आवंटन के लिये मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देशों का पालन करने, किसी को भी उसकी सामाजिक या राजनीतिक स्थिति के आधार पर कोई वरीयता न देने, खुद को और अपने सहकर्मियों को संक्रमण तथा जोखिम से बचाने के लिये उचित सावधानी बरतना शामिल है। इसके साथ ही इसमें किसी भी अनैतिक या अवैध गतिविधियों या स्थानीय राजनेताओं एवं प्रभावशाली लोगों के दबाव की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों या मीडिया को सौंपना अपने काम के तनाव एवं भावनात्मक चुनौतियों से निपटने के लिये अपने साथियों, वरिष्ठों या परामर्शदाताओं से समर्थन प्राप्त करना शामिल है।

    • गुण: कार्रवाई का यह तरीका पेशेवर मूल्यों और नैतिकता के अनुरूप है।
      • इससे सुनिश्चित होता है कि सभी रोगियों के साथ उचित और निष्पक्ष व्यवहार हो। इससे एक डॉक्टर के रूप में मेरी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता की रक्षा होगी।
      • इससे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
      • इससे सिस्टम में किसी भी भ्रष्टाचार या कदाचार को उजागर करने के साथ रोका जा सकता है।
    • दोष: संसाधनों की कमी एवं स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के दबाव को देखते हुए, इस कार्रवाई को वास्तविकता में करना मुश्किल हो सकता है।
      • ऐसे में कुछ रोगियों, उनके परिवारों या स्थानीय समुदाय से प्रतिरोध, विरोध या शत्रुता का सामना करना पड़ सकता है, जो मेरे निर्णयों को नहीं समझेंगे या उनकी सराहना नहीं करेंगे।
      • मुझे स्थानीय राजनेताओं एवं प्रभावशाली लोगों से धमकियों, उत्पीड़न, हिंसा या कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है, जो मुझे प्रभावित करने या डराने की कोशिश कर सकते हैं।
      • मैं अपने काम के बोझ एवं तनाव से अलग-थलग या थका हुआ महसूस कर सकता हूँ।

    2. प्रभावशाली लोगों के साथ समझौता या बातचीत करना: मैं स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के साथ समझौता या बातचीत कर सकता हूँ। मैं उनके कुछ मामलों को प्राथमिकता या उपकार के रूप में मानने के लिये सहमत होकर बदले में उनसे कुछ लाभ या रियायतें (जैसे कि अस्पताल के लिये अधिक संसाधन, उपकरण, कर्मचारी मांगना) मांग सकता हूँ। इसके साथ ही मैं अभी भी उपलब्ध संसाधनों के साथ अन्य रोगियों का यथासंभव सर्वोत्तम इलाज करने का प्रयास करने के साथ खुद को और अपने सहकर्मियों को संक्रमण तथा जोखिम से बचाने के लिये सावधानी बरतने पर ज़ोर दूँगा। यदि मैं किसी भी अनैतिक या अवैध गतिविधियों या स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के दबाव की रिपोर्ट किसी को नहीं करता हूँ।

    • गुण: इस स्थिति में कार्रवाई का यह तरीका अधिक यथार्थवादी और व्यावहारिक हो सकता है।
      • इससे अस्पताल के लिये अधिक संसाधन, उपकरण, कर्मचारी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, जिससे सेवा की गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार हो सकता है।
      • इससे स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के साथ संघर्ष या परेशानी के जोखिम को भी कम किया जा सकता है जो अन्यथा मुझे या अस्पताल को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
      • इससे स्थानीय समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ संबंध और विश्वास बनाने में भी मदद मिल सकती है जो मेरी सेवा से लाभान्वित हो सकते हैं।
    • दोष: यह कार्यवाही मेरे पेशेवर मूल्यों और नैतिकता के प्रतिकूल हो सकती है।
      • इससे कुछ रोगियों, उनके परिवारों या स्थानीय समुदाय में अन्याय और नाराज़गी की भावना पैदा हो सकती है, जो भेदभाव या उपेक्षा महसूस कर सकते हैं।
      • इससे एक डॉक्टर के रूप में मेरी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुँच सकता है।
      • इससे मैं स्थानीय राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों पर निर्भर होने के साथ असुरक्षित हो सकता हूँ जो अपने हितों के लिये मेरा शोषण कर सकते हैं।
      • यह मुझमें अपराधबोध, चिंता या भय पैदा करके मेरे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।

    3. अपनी नौकरी छोड़ना: इस सरकारी अस्पताल से नौकरी छोड़ना और एक अलग जगह पर दूसरी नौकरी की तलाश करना, जहाँ मैं बेहतर परिस्थितियों और अधिक संसाधनों के साथ काम कर सकूँ। ऐसे दूरदराज के इलाके में काम न करना जहाँ हर दिन कई नैतिक दुविधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

    • गुण: कार्रवाई का यह तरीका व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से मेरे लिये अधिक संतोषजनक और सुविधाजनक हो सकता है।
      • इससे मुझे बेहतर परिस्थितियों एवं अधिक संसाधनों के साथ कार्य करने की सुविधा मिल सकती है।
      • इससे मैं अधिक अनुकूल वातावरण में अपने कैरियर के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में भी सक्षम हो सकता हूँ।
      • इससे कार्य के तनाव एवं भावनात्मक चुनौतियों में कमी आने के साथ मेरे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है।
    • दोष: इस कार्रवाई को कुछ रोगियों, उनके परिवारों या स्थानीय समुदाय द्वारा स्वार्थी और गैर-जिम्मेदाराना माना जा सकता है।
      • इससे सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी भी हो सकती है, जिससे बाकी कर्मचारियों और मरीजों के लिये स्थिति खराब हो सकती है।
      • मुझे किसी अलग जगह पर दूसरी नौकरी ढूँँढना भी मुश्किल या महँगा हो सकता है।

    कार्रवाई का तरीका: मैं विकल्प 1 (यानी मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन करना) को अपनी कार्रवाई के रूप में चुनूँगा और इसको चुनने के निम्नलिखित कारण हैं:

    • मेरा मानना है कि कार्रवाई का यह तरीका सबसे नैतिक और पेशेवर है क्योंकि यह एक डॉक्टर के रूप में मेरे कर्तव्यों एवं मूल्यों का सम्मान करता है तथा उन्हें कायम रखता है।
    • मुझे लगता है कि कार्रवाई का यह तरीका सबसे फायदेमंद और टिकाऊ है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि मैं सभी रोगियों का उचित एवं निष्पक्ष तरीके से इलाज करूँ तथा एक डॉक्टर के रूप में अपनी प्रतिष्ठा व विश्वसनीयता की रक्षा करूँ।
    • मैं यह भी सोचता हूँ कि कार्रवाई का यह तरीका सबसे साहस भरा और नेक है क्योंकि इसके लिये मुझे स्थानीय राजनेताओं एवं प्रभावशाली लोगों के दबाव के साथ संसाधनों की कमी का सामना करना होगा तथा किसी भी अनैतिक या अवैध गतिविधियों या दबावों की रिपोर्ट उच्च स्तर पर करनी होगी।
    • इस कार्रवाई को वास्तविकता में लागू करना कठिन या जोखिम भरा हो सकता है लेकिन मैं अपने कार्यों के लिये चुनौती और ज़िम्मेदारी लेने को तैयार रहूँगा।
    • मुझे यह भी उम्मीद है कि इस कार्रवाई का पालन करके मैं सरकारी अस्पताल में अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों को भी ऐसा करने के लिये प्रेरित कर सकता हूँ तथा अपने व अपने मरीजों के कल्याण को बढ़ावा दे सकता हूँ।
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