दिवस-31. LGBTQIA+ व्यक्तियों के अधिकारों में महत्त्वपूर्ण कानूनी सुधारों और प्रगति के बावजूद, लोगों की राय में LGBTQIA+ व्यक्तियों की सामाजिक स्वीकृति स्पष्ट रूप से कम बनी हुई है। परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)
21 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भारतीय समाज
हल करने का दृष्टिकोण:
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LGBTQAI+ का तात्पर्य लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर,क्वीर, इंटरसेक्सुअल और एसेक्सुअल आदि से है। एन.जी.ओ. द हमसफर ट्रस्ट के वर्ष 2021 के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 2.7% आबादी LGBTQIA+ है।
भारत में LGBTQIA+ के अधिकार और इनके कल्याण हेतु किये गए कुछ कानूनी सुधार:
भारत में LGBTQIA+ की कम सामाजिक स्वीकृति का कारण:
LGBTQIA+ की सामाजिक स्वीकृति को बढ़ावा देने हेतु उपाय:
उपचारात्मक उपाय | वास्तविक जीवन के उदाहरण और केस अध्ययन |
1. समावेशी शिक्षा |
LGBTQIA+ व्यक्तियों से संबंधित विषयों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना। उदाहरण- हमसफर ट्रस्ट का "रेनबो स्कूल" पाठ्यक्रम। |
2. मीडिया प्रतिनिधित्व |
फिल्मों, टीवी में LGBTQIA+ व्यक्तियों के संदर्भ में सकारात्मकता को बढ़ावा देना। उदाहरण: "एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा" नामक फिल्म में LGBTQIA+ व्यक्तियों से संबंधित विषयों को शामिल किया गया है। |
3. LGBTQIA+ व्यक्तियों हेतु सहायता समूह |
LGBTQIA+ व्यक्तियों के लिये सामुदायिक केंद्र और हेल्पलाइन न. जारी करना। उदाहरण: LGBTQIA+ के लिये सहायता समूह जैसे "संगमा" और "नाज़ फाउंडेशन"। |
4. जागरूकता अभियान |
रूढ़िवादिता को चुनौती देने वाले जन जागरूकता अभियान चलाना। उदाहरण: LGBTQIA+ व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देने वाला "क्वीर आज़ादी मुंबई प्राइड मार्च"। |
5. सेलिब्रिटी द्वारा सहयोग |
प्रभावशाली हस्तियों को LGBTQIA+ व्यक्तियों के सहयोगियों और अधिवक्ताओं के रूप में शामिल करना। उदाहरण: अभिनेत्री सोनम कपूर भारत में LGBTQIA+ अधिकारों का समर्थन कर रही हैं। |
6. कानूनी कार्यशालाएँ |
LGBTQIA+ व्यक्तियों को अपने अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के लिये कानूनी कार्यशालाएँ आयोजित करना। उदाहरण: LGBTQIA+ से संबंधित कानूनी मुद्दों पर वकीलों की सामूहिक कार्यशाला। |
7. अंतर्विभागीयता |
अन्य सामाजिक पहलुओं के साथ LGBTQIA+ से संबंधित मुद्दों के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालना। उदाहरण: मुस्लिम LGBTQIA+ व्यक्तियों के अनुभवों को संबोधित करने वाला "क्वीर मुस्लिम प्रोजेक्ट"। |
8. सुरक्षित स्थान |
कार्यस्थलों और सार्वजनिक क्षेत्रों को LGBTQIA+ व्यक्तियों हेतु समावेशी बनाना। उदाहरण: दिल्ली में रेस्तरां "द ललित" द्वारा इनके लिये अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाता है। |
9. विविधता का लाभ उठाना |
विविधता प्रदर्शित करने के क्रम में LGBTQIA+ व्यक्तियों से संबंधित सांस्कृतिक उत्सवों और कार्यक्रमों का आयोजन करना। उदाहरण: "कोलकाता रेनबो प्राइड फेस्टिवल" के तहत LGBTQIA+ व्यक्तियों की संस्कृति का जश्न मनाया जाता है। |
"हालाँकि हमारी अलग-अलग पहचान, रुझान और पृष्ठभूमि हो सकती हैं लेकिन मानवता का सार एक ही है। संविधान सभी नागरिकों की गरिमा और समानता को बनाए रखता है, चाहे उनका यौन रुझान या लैंगिक पहचान कुछ भी हो। आइए हम LGBTQIA+ के अधिकारों को स्वीकार करने के लिये एक साथ खड़े हों तथा उस विविधता का जश्न मनाएँ जो हमारे समाज को समृद्ध बनाती है।" - भारत का सर्वोच्च न्यायालय