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Mains Marathon

  • 19 Aug 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    दिवस-30. एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) क्या है तथा यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिये खतरा क्यों है? AMR के कारणों एवं परिणामों पर चर्चा करते हुए इसे रोकने एवं नियंत्रित करने के लिये कुछ उपाय बताइये। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) को परिभाषित करते हुए बताइये कि यह कैसे एक वैश्विक खतरा है।
    • एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के कारणों एवं परिणामों पर चर्चा करते हुए AMR की समस्या के समाधान हेतु उपाय बताइये।
    • संतुलित दृष्टिकोण के साथ निष्कर्ष दीजिये।

    एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी जैसे सूक्ष्मजीवों की दवाओं के प्रति अनुकूलन करने की क्षमता को संदर्भित करता है। इससे एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल और एंटीफंगल जैसी दवाएँ कम प्रभावी या यहां तक कि पूरी तरह से अप्रभावी हो जाती हैं। AMR एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य खतरा है क्योंकि इससे संक्रमणों के इलाज एवं नियंत्रण की क्षमता कमज़ोर होती है जिससे रुग्णता, मृत्यु दर और स्वास्थ्य देखभाल लागत में वृद्धि होती है।

    AMR के कारण:

    • एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग: मनुष्यों और जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित उपयोग जैसे वायरल संक्रमण के लिये एंटीबायोटिक लेना या इष्टतम खुराक से कम का उपयोग करना।
    • संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण का अप्रभावी होना: स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र एवं समुदायों में अपर्याप्त स्वच्छता प्रथाओं से इसको बढ़ावा मिल सकता है।
    • नई दवाओं के विकास का अभाव: नई एंटी-माइक्रोबियल दवाओं के विकास में गिरावट आने से इन संक्रमणों के लिये उपचार के कम विकल्प होना।
    • कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग: पशुधन और कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के नियमित उपयोग से इसके विकास में योगदान मिलता है जो खाद्य शृंखला के माध्यम से मनुष्यों में संचारित हो सकते हैं।
    • स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता की निम्न गुणवत्ता: स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र एवं समुदाय में स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता की निम्न गुणवत्ता का होना जैसे अपर्याप्त स्वच्छता तथा अपशिष्ट प्रबंधन या अपर्याप्त टीकाकरण कवरेज होना।
    • वैश्वीकरण और पर्यटन: अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन एवं व्यापार में वृद्धि के कारण इसको बढ़ावा मिल सकता है।

    AMR के परिणाम:

    • मृत्यु दर में वृद्धि: इससे संक्रमणों का इलाज करना अधिक कठिन हो सकता है, जिससे मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है।
    • दीर्घकालीन बीमारी: संक्रमण के उपचार के लिये लंबे समय तक अस्पताल में रहने के साथ अधिक गहन उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
    • स्वास्थ्य देखभाल लागत: अधिक प्रभावी दवाओं की आवश्यकता, अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होने एवं स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों में वृद्धि के कारण संक्रमण का इलाज करना अक्सर अधिक महंगा होता है।
    • चिकित्सा क्षेत्र में नुकसान: अंग प्रत्यारोपण और कैंसर कीमोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएँ, जो प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर होती हैं, जोखिमपूर्ण हो सकती हैं।
    • कृषि उत्पादकता में कमी: AMR से पशुधन स्वास्थ्य तथा खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो सकते हैं।

    AMR को रोकने और नियंत्रित करने के उपाय:

    • AMR पर राष्ट्रीय कार्य योजनाओं को लागू करना जो WHO एवं अन्य भागीदारों द्वारा विकसित वैश्विक कार्य योजना के अनुरूप हैं।
    • मानव और पशु स्वास्थ्य में एंटीबायोटिक दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना, जैसे दिशानिर्देशों का पालन करना, स्वयं-दवा खाने से बचना एवं इस संदर्भ में गुणवत्ता मानक सुनिश्चित करना।
    • राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक दवाओं की खपत एवं प्रतिरोध के लिये निगरानी प्रणाली को मज़बूत करना।
    • स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र और समुदाय में संक्रमण की रोकथाम तथा नियंत्रण उपायों को बढ़ावा देना, जैसे स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना, मानक सावधानियों के साथ ही अलगाव प्रक्रियाओं को लागू करना, टीकाकरण कवरेज बढ़ाना व सुरक्षित यौन प्रथाओं को बढ़ावा देना।
    • एंटीबायोटिक दवाओं के उचित उपयोग के साथ AMR के खतरों के बारे में स्वास्थ्य पेशेवरों तथा जनता के बीच जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देना।
    • नए रोगाणुरोधी, निदान और टीकों के अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ फेज़ थेरेपी या इम्यूनोथेरेपी जैसे वैकल्पिक उपचारों में निवेश करना।
    • AMR पर सर्वोत्तम प्रथाओं, संसाधनों और सूचनाओं को साझा करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों एवं हितधारकों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा समन्वय को बढ़ावा देना।

    AMR से संबंधित समस्या को हल करने के लिये स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, नीति, अनुसंधान एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मौजूदा एंटीबायोटिक उपचार, संक्रमण से निपटने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में प्रभावी बने रहें।

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