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दिवस-29. आप हाल ही में एक ऐसे क्षेत्र में ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुए हैं जो लगातार जल संकट से जूझ रहा है। यहाँ पर उपलब्ध जल स्रोत आर्सेनिक जैसे प्रदूषकों से दूषित हैं, जिसके कारण संबंधित अधिकारियों ने कई सार्वजनिक नलों को उपयोग के लिये अनुपयुक्त के रूप में चिह्नित किया है। इन चेतावनियों के बावजूद, स्कूली बच्चे इस पानी को पीना जारी रखते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पेट दर्द और दाँतों का रंग खराब होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ हुई हैं। पिछले पाँच वर्षों में इन क्षेत्रों में घुटनों में दर्द के साथ कैंसर के कुछ मामले भी सामने आए हैं।

इस स्थिति की जाँच करने पर आपको पता चलता है कि पेंट बनाने वाली एक कंपनी के कारण जल संकट को बढ़ावा मिल रहा है। इस कंपनी द्वारा तय सीमा से अधिक जल के निष्कासन के कारण हानिकारक रासायनिक पदार्थ भूमि के अंदर प्रवाहित हो रहे हैं। हालाँकि यह कंपनी स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत भी है और इससे स्थानीय कंपनियों की व्यावसायिक गतिविधियों में योगदान मिलता है। अपने वरिष्ठों से मार्गदर्शन मांगते हुए आपको सलाह दी जाती है कि इस स्थिति को सावधानी से हल करें।
इस परिदृश्य को देखते हुए, निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार कीजिये:

1.इस स्थिति से संबंधित नैतिक दुविधाओं को बताइये।
2. इस संदर्भ में आपके समक्ष क्या विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
3.इस संदर्भ में आपकी कार्रवाई का क्रम क्या होगा और क्यों। (250 शब्द)

18 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | केस स्टडीज़

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

इस स्थिति में नवनियुक्त ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में, मैं खुद को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में पाता हूँ जहाँ लगातार जल संकट एवं प्रदूषण के कारण, स्थानीय आबादी का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। पर्यावरणीय चिंताओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक हितों के बीच संतुलन बनाना एक जटिल दुविधा है जिस पर सावधानीपूर्वक विचार एवं कार्रवाई की आवश्यकता है।

1. इस स्थिति से संबंधित नैतिक दुविधाएँ:

सार्वजनिक स्वास्थ्य बनाम आर्थिक कल्याण: स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और संदूषण मुद्दे का समाधान करना बनाम स्थानीय युवाओं की संभावित बेरोज़गारी के साथ यदि रासायनिक कंपनी के व्यवसाय में बाधा उत्पन्न होती है तो स्थानीय व्यवसायों में व्यवधान उत्पन्न होना।

सुरक्षित पर्यावरण का अधिकार बनाम रोज़गार सृजन: कंपनी के जल निष्कर्षण और अपशिष्ट निपटान से होने वाला नुकसान बनाम स्थानीय रोज़गार एवं व्यवसायों में इसका सकारात्मक योगदान।

बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया करना बनाम कानूनी दायित्व: लोक धारणा के तहत प्रदूषण फैलाने वाली कंपनी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है और कानूनी दायित्वों जिनमें साक्ष्य एवं उचित प्रक्रिया पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है के बीच उचित संतुलन बनाना आवश्यक है।

खुलापन बनाम जानबूझकर तथ्यों को छिपाना: रासायनिक कंपनी की गतिविधियों को खुले तौर पर बताना (भले ही इससे सार्वजनिक आक्रोश हो) या विभिन्न हितधारकों से संबंधित संभावित नकारात्मक परिणामों को देखते हुए सावधानी से प्रतिक्रया देना।

बच्चों का स्वास्थ्य बनाम सामाजिक हित: स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को जल प्रदूषण से बचाने के नैतिक दायित्व पर विचार करना बनाम स्थानीय अर्थव्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर विचार करना।

2.उपलब्ध विकल्प:

विकल्प गुण दोष
1. इस संदर्भ में कंपनी से बातचीत करना गुण 1: आपसी सहमति की संभावना दोष 1: वांछित परिणाम प्राप्त नहीं भी हो सकते हैं
गुण 2: स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर बने रह सकते हैं। दोष 2: कंपनी के अनुपालन नियमों में ढील हो सकती है।
2. सख्त नियम लागू करना गुण 1: पर्यावरण कानूनों का पालन सुनिश्चित होगा। दोष 1: स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर कम हो सकते हैं।
गुण 2: जल और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा होगी। दोष 2: हितधारकों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नियमों को लागू करने में खर्च बढ़ सकता है।
3. सुरक्षित जल के लिये सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना गुण 1: इस संदर्भ में समुदाय सशक्त बनेगा। दोष 1: महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखने के लिये अधिक समय की आवश्यकता होती है।
गुण 2: जनता के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को प्रोत्साहन मिलेगा दोष 2: यह प्रदूषण रोकने के लिये पर्याप्त नहीं भी हो सकता है
4. वैकल्पिक रोज़गार प्रदान करना गुण 1: नौकरी छूटने के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकेगा दोष 1: रोज़गार के नये अवसर सृजित करने की आवश्यकता होगी
गुण 2: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग पर निर्भरता कम होगी। दोष 2: जल प्रदूषण को पूरी तरह से हल नहीं किया जा सकता है।
5. पर्यावरण और आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन स्थापित करना गुण 1: आर्थिक और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को संतुलित किया जा सकेगा। दोष 1: हितधारकों के बीच सहमति बनाने में जटिलता हो सकती है।
गुण 2: इस संदर्भ में दीर्घकालिक समाधान को बढ़ावा मिलेगा। दोष 2: इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

3. कार्रवाई का क्रम:

कार्रवाई का क्रम कारण उदाहरण
1. सार्वजनिक नलों को तत्काल बंद करना तथा वैकल्पिक जल स्रोत उपलब्ध कराना कारण: उदाहरण:
प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये सामुदायिक जल शोधन इकाइयों जैसे सुरक्षित और सुलभ वैकल्पिक जल स्रोतों की स्थापना पर बल देना। 1. तत्काल राहत: स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के लिये स्वच्छ जल की तत्काल आवश्यकता की पूर्ति होगी।
2. निवारक उपाय: लंबे समय तक समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए दूषित स्रोतों पर निर्भरता में कमी आएगी।
बिहार के एक गाँव में सामुदायिक जल शोधन इकाई स्थापित की गई, जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ जल उपलब्ध हुआ, जिससे जलजनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई।
2. जन जागरूकता अभियान कारण: उदाहरण:
जागरूकता अभियानों और स्कूल कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय, विशेषकर स्कूली बच्चों को दूषित जल के खतरों के बारे में शिक्षित करना। 1. स्वास्थ्य संवर्द्धन: दूषित जल के सेवन से जुड़े तत्काल स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने से लोगों के व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहन मिलेगा।
2. दीर्घकालिक प्रभाव: समुदाय को स्वच्छ जल की मांग करने के लिये सशक्त बनाना तथा उनके कल्याण हेतु स्वामित्व की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
पश्चिम बंगाल में स्कूली बच्चों को आर्सेनिक-दूषित जल के खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिये एक जन जागरूकता अभियान चलाया गया, जिससे इसकी खपत में कमी आई।
3. रासायनिक कंपनी के विरुद्ध विनियामक कार्रवाई करना कारण: उदाहरण:
पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, रासायनिक कंपनी के जल निष्कर्षण और अपशिष्ट निपटान प्रथाओं पर सख्त नियम लागू करना। 1. पर्यावरण संरक्षण: पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करते हुए, जल संसाधनों को अत्यधिक दोहन और प्रदूषण से बचाया जा सकेगा।
2. सार्वजनिक स्वास्थ्य: समुदाय के लिये स्वास्थ्य जोखिमों को कम करते हुए, जल की गुणवत्ता में और गिरावट को रोका जा सकेगा।
गुजरात में अत्यधिक जल दोहन के लिये एक रासायनिक कंपनी को दंडित किया गया, जिससे स्थानीय समुदायों और पारिस्थितिक तंत्र के लिये जल की उपलब्धता में सुधार हुआ।
4. कौशल विकास और विविधीकरण कारण: उदाहरण:
स्थानीय युवाओं के लिये कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना ताकि रासायनिक कंपनी पर निर्भरता कम करके वैकल्पिक रोज़गार के अवसरों की ओर उनका ध्यान जा सके। 1. आर्थिक लचीलापन: स्थानीय युवाओं में ऐसे कौशल विकसित करना जो उन्हें विभिन्न आजीविका विकल्पों को अपनाने में सक्षम बनाए, जिससे रासायनिक कंपनी के बंद होने के संभावित प्रभाव को कम किया जा सके।
2. सतत विकास: कृषि, पर्यटन या हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना जो ज़िले के संसाधनों और विकास की संभावनाओं के अनुरूप हों।
कर्नाटक में एक ज़िले में युवाओं के लिये कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये गए, जिससे पर्यावरण-पर्यटन एवं कृषि-व्यवसायों में उनकी सफल भागीदारी हुई, जिससे एकल उद्योग पर निर्भरता कम हो गई।
5. सहयोगात्मक संवाद कारण: उदाहरण:
एक संतुलित समाधान खोजने के लिये रासायनिक कंपनी, स्थानीय व्यवसायों और समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करना, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता की रक्षा करते हुए आर्थिक चिंताओं का समाधान हो सके। 1. संघर्ष समाधान: हितधारकों के बीच आम सहमति बनाने और संभावित संघर्षों को हल करने के लिये खुले संचार को बढ़ावा मिलेगा।
2. सतत व्यावसायिक प्रथाएँ: रासायनिक कंपनी को ज़िले के पर्यावरण और सामाजिक कल्याण के अनुरूप ज़िम्मेदार तरीकों को अपनाने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा।
आंध्र प्रदेश में उद्योगों, सामुदायिक लोगों और अधिकारियों के बीच सहयोगात्मक चर्चा के परिणामस्वरूप पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाया गया, जिससे व्यवसायों एवं पर्यावरण दोनों को लाभ हुआ।

चुनौतीपूर्ण जल संकट के बीच पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक जीवन के बीच संतुलन स्थापित करना जटिल रहता है। ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आजीविका और पर्यावरण स्थिरता के बीच अंतरसंबंध का सम्मान करते हुए समुदाय की भलाई की रक्षा करने वाले निर्णय लेना आवश्यक है। महात्मा गांधी के शब्दों में, "भविष्य इस पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हैं।" इस ज्ञान से प्रेरित होकर, आगे बढ़ने के रास्ते में आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिये, प्रगति और संरक्षण के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करते हुए, ज़िले के मूल्यों को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिये।