17 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | सैद्धांतिक प्रश्न
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
दृष्टिकोण
- नियमों एवं विनियमों की परिभाषा उदाहरण सहित प्रस्तुत करें।
- चर्चा करें कि कैसे नियम और विनियम समान अवसर स्थापित करते हैं।
- चर्चा करें कि नियम और विनियम किस प्रकार पक्षपात को रोकते हैं।
- तदनुसार निष्कर्ष निकालें।
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भारत में द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) के अनुसार, "नियम और विनियम" सरकार या सार्वजनिक संस्थानों द्वारा उनके कामकाज को नियंत्रित, प्रभावी और कुशल प्रशासन सुनिश्चित करने के लिये स्थापित दिशानिर्देशों, प्रक्रियाओं एवं मानक संचालन प्रथाओं को संदर्भित करते हैं।
उदाहरण के लिये, केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964,
नियम और विनियम :
- उचित नियुक्ति प्रथाएँ: नियम और विनियम भर्ती प्रक्रिया का मार्गदर्शन करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उम्मीदवारों का चयन व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के बजाय योग्यता एवं कुशलता के आधार पर किया जाता है।
- उदाहरण के लिये, रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) जैसे सरकारी संगठन विभिन्न नौकरी पदों के लिये पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रियाओं का संचालन करने के लिये सख्त दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।
- पारदर्शी पदोन्नति मानदंड: नियम और विनियम प्रदर्शन, कौशल एवं योग्यता पर ज़ोर देते हुए पदोन्नति के लिये स्पष्ट मानदंडों की रूपरेखा तैयार करते हैं।
- तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में पारदर्शी पदोन्नति नीतियां हैं जो कैरियर विकास के लिये समान अवसर सुनिश्चित करने के लिये कर्मचारी के प्रदर्शन मूल्यांकन, वरिष्ठता एवं अनुभव पर विचार करती हैं।
- गैर-भेदभाव नीतियां: नियमों और विनियमों में अक्सर लिंग, जाति, धर्म या अन्य कारकों के आधार पर भेदभाव के खिलाफ नीतियाँ शामिल होती हैं।
- भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, कार्यस्थल पर उत्पीड़न को रोकने और संबोधित करने, महिला कर्मचारियों के लिये समान अवसर को बढ़ावा देने के लिये सख्त कदम उठाने का आदेश देता है।
- नैतिक आचार संहिता: संगठनों के पास नैतिक कोड होते हैं जो कर्मचारियों के लिये व्यवहार के मानक निर्धारित करते हैं।
- उदाहरण के लिये, टाटा आचार संहिता, ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे मूल्यों पर ज़ोर देती है, कर्मचारियों को नैतिक सिद्धांतों का पालन करने के लिये मार्गदर्शित करती है तथा न्यायसंगत उपचार को बढ़ावा देती है।
पक्षपात को रोकने में नियम और विनियम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- पारदर्शी भर्ती एवं पदोन्नति प्रक्रियाएँ:
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवाओं और अन्य सरकारी पदों के लिये प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करता है, जिससे पक्षपात या पूर्वाग्रह के बिना पारदर्शिता एवं योग्यता-आधारित चयन सुनिश्चित होता है।
- गैर-भेदभाव नीतियां:
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) जैसी भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कार्यान्वित समान अवसर नीति स्पष्ट रूप से जाति, लिंग, धर्म या अन्य विशेषताओं के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करती है, जिससे समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
- आचार संहिता और नैतिकता:
- भारत में सरकारी कर्मचारी, जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी भी शामिल हैं, केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 से बंधे हैं, जो नैतिक सिद्धांतों को रेखांकित करते हैं और सार्वजनिक सेवा में पक्षपात या भेदभाव पर रोक लगाते हैं।
नियम और विनियम नैतिक कार्य वातावरण में योगदान देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- व्हिसिलब्लोअर संरक्षण: नियम और विनियम उन सिविल सेवकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं जो किसी गलत काम या अनैतिक प्रथाओं की रिपोर्ट करते हैं।
- जनहित प्रकटीकरण और मुखबिरों की सुरक्षा (PIDPI) संकल्प कर्मचारियों को नैतिक रिपोर्टिंग संस्कृति को बढ़ावा देते हुए, प्रतिशोध के डर के बिना जानकारी के साथ आगे आने के लिये प्रोत्साहित करता है।
- हितों के टकराव की नीतियां: नियम हितों के टकराव को संबोधित करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सिविल सेवक उन स्थितियों से बचें जहां व्यक्तिगत हित निर्णय लेने को प्रभावित कर सकते हैं।
- अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों और इसी तरह के दिशानिर्देशों में टकराव को रोकने के लिये वित्तीय हितों के प्रकटीकरण की आवश्यकता होती है।
- निर्णय लेने में निष्पक्षता: नियम सिविल सेवकों को निष्पक्षता और पक्षपात के बिना निर्णय लेने के लिये निर्देशित करते हैं।
- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कैडर नियंत्रण प्राधिकरण (CCA) यह सुनिश्चित करते हैं कि पोस्टिंग और स्थानांतरण अनुचित प्रभाव से बचने के लिये प्रशासनिक आवश्यकताओं पर आधारित हों।
"नियम और कानून एक व्यवस्थित समाज की आधारशिला हैं।" जिस प्रकार एक इमारत को खड़ा होने के लिये मज़बूत नींव की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार एक समाज को सुचारू रूप से कार्य करने और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिये अच्छी तरह से परिभाषित नियमों एवंविनियमों की आवश्यकता होती है।