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दिवस-25. भारत में हुई हाल की रेल दुर्घटनाएँ सरकार द्वारा कड़े सुरक्षा उपायों की कमी का संकेत देती हैं। मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)

14 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • भारत में हाल की कुछ रेल दुर्घटनाओं का आंकड़ों सहित उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिये।
  • रेलवे दुर्घटनाओं के कारणों पर चर्चा कीजिये।
  • रेलवे की सुरक्षा हेतु उपाय बताइये।
  • यथोचित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

भारत में हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाएँ (जैसे ओडिशा की रेल दुर्घटना), सरकार द्वारा लागू किये गए कड़े सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता के बारे में चिंताएँ बढ़ाती हैं। वर्ष 2019-20 की सरकारी रेलवे सुरक्षा रिपोर्ट से पता चला है कि 70% रेल दुर्घटनाएँ रेल के पटरी से उतरने के कारण हुई हैं।

रेल दुर्घटनाओं के कारण:

वर्ष 2022 की CAG रिपोर्ट में भारत की रेलवे सुरक्षा में निहित विभिन्न कमियों पर प्रकाश डाला गया है जैसे:

  • पटरी से उतरना: भारत में रेल दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण इनका पटरी से उतरना रहा है।
    • उदाहरण के लिये नवंबर 2016 में पटना-इंदौर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के कारण 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिससे ट्रैक रखरखाव और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर प्रश्नचिन्ह लगा।
  • आधुनिकीकरण का अभाव: रेलवे के बुनियादी ढाँचे एवं प्रौद्योगिकी के पुराने होने के कारण इसकी आलोचना की जाती है। इससे रेलवे को आधुनिक बनाने एवं उन्नत सुरक्षा प्रणालियों को अपनाने की सरकार की क्षमता सवालों के घेरे में आ जाती है।
    • उदाहरण के लिये पुरानी सिग्नलिंग प्रणालियों के उपयोग से दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिलता है।
  • भीड़भाड़ और सुरक्षा: भारत में ट्रेनों में भीड़भाड़ एक आम बात है (खासकर व्यस्त मौसम के दौरान)।
    • वर्ष 2017 में मुंबई में एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर भगदड़, भीड़-भाड़ और अपर्याप्त भीड़ खराब प्रबंधन के परिणामों का एक उदाहरण है।
  • रखरखाव और उन्नयन का अभाव: रेलवे बुनियादी ढाँचे के नियमित रखरखाव और उन्नयन में देरी से सुरक्षा के साथ समझौता हो सकता है।
    • धन आवंटित करने और पटरियों, पुलों एवं रोलिंग स्टॉक का समय पर रखरखाव सुनिश्चित करने की सरकार की क्षमता अहम है।
  • मानवीय त्रुटि: सुरक्षा उपाय और बुनियादी ढाँचा आवश्यक हैं लेकिन मानवीय त्रुटियाँ एवं लापरवाहियाँ भी दुर्घटनाओं में योगदान कर सकती हैं। रेलवे कर्मचारियों को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने, सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने तथा इससे संबंधित मुद्दों को हल करने में सरकार की भूमिका महत्त्वपूर्ण है।
    • वर्ष 2023 में ओडिशा में ट्रेन के पटरी से उतरने (जिसका कारण कथित तौर पर ट्रैक रखरखाव में लापरवाही का होना था) के परिणामस्वरूप होने वाला हादसा इस बात का उदाहरण है कि मानवीय त्रुटि के कितने विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

रेलवे के सुरक्षा उपायों में सुधार के सुझाव:

  • बुनियादी ढाँचे और प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण:
    • टकराव और पटरी से उतरने की घटनाओं को रोकने के लिये ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (TCAS) और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) जैसी उन्नत सिग्नलिंग प्रणालियाँ लागू करना आवश्यक है।
    • इनकी संरचनात्मक मज़बूती सुनिश्चित करने एवं दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिये ट्रैक, पुल और क्रॉसिंग को अपग्रेड करना आवश्यक है।
    • उदाहरण: भारतीय रेलवे के "मिशन रफ़्तार" का उद्देश्य सुरक्षित और तेज़ यात्रा सुनिश्चित करने के लिये ट्रेनों की औसत गति बढ़ाना एवं ट्रैक के बुनियादी ढाँचे में सुधार करना है।
  • सुरक्षा उपायों में निवेश:
    • समय पर रखरखाव और उन्नयन सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा संबंधी पहलों के लिये पर्याप्त धन आवंटित करना आवश्यक है।
    • नवीन सुरक्षा प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिये अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाना आवश्यक है।
    • उदाहरण: वर्ष 2021-2022 के बजट में भारतीय रेलवे ने सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं के लिये काफी धन आवंटित किया, जो सुरक्षा मानकों में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देता है।
  • प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास को सुदृढ़ बनाना:
    • रेलवे कर्मियों के कौशल एवं सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिये नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना आवश्यक है।
    • मानवीय त्रुटियों को रोकने के लिये उचित प्रबंधन नीतियों को लागू करना आवश्यक है।
    • उदाहरण: भारतीय रेलवे, ड्राइवरों एवं अपने कर्मचारियों के ज्ञान तथा कौशल को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा है।
  • उन्नत सुरक्षा ऑडिट और नियामक निरीक्षण:
    • संभावित खतरों की पहचान करने के लिये रेलवे परिचालन और बुनियादी ढाँचे का नियमित रूप सुरक्षा ऑडिट करना आवश्यक है।
    • सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये नियामक निरीक्षण को मज़बूत करना आवश्यक है।
    • उदाहरण: भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा निदेशालय की स्थापना की है, जो पूरे नेटवर्क के सुरक्षा नियमों की देखरेख तथा उन्हें लागू करने के लिये ज़िम्मेदार है।
  • सुरक्षा और जन जागरूकता को बढ़ावा देना:
    • सुरक्षा उपायों और नियमों तथा दिशानिर्देशों के पालन के महत्त्व के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाने चाहिये।
    • रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों के बीच सुरक्षा-प्रथम संस्कृति को प्रोत्साहित करना चाहिये।
    • उदाहरण: "रेल हमसफ़र सप्ताह" यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों के बीच सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये भारतीय रेलवे द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
  • काकोडकर समिति (2012):
    • इसने एक वैधानिक रेलवे सुरक्षा प्राधिकरण बनाने का प्रावधान किया।
    • इसने रुपए का गैर-व्यपगत राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष (RRSK) स्थापित करने का प्रावधान किया।
    • इसने ट्रैक रखरखाव और निरीक्षण के लिये उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर बल दिया।
  • बिबेक देबरॉय समिति (2014):
    • इसने रेल बजट को आम बजट से अलग करने की सिफारिश की।
    • इसने गैर-प्रमुख गतिविधियों को आउटसोर्स करने का प्रावधान किया।
    • इसने भारतीय रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर अथॉरिटी के गठन का प्रावधान किया।

रेलवे सुरक्षा एक सतत प्रक्रिया है जिसमें निरंतर सुधार और सतर्कता की आवश्यकता होती है। व्यापक सुरक्षा उपायों को लागू करने एवं सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करके, रेलवे यात्रियों तथा वस्तुओं के सुरक्षित व कुशल परिवहन को सुनिश्चित किया जा सकता है साथ हीअधिक विश्वसनीय एवं टिकाऊ रेलवे प्रणाली में योगदान मिल सकता है।