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  • 08 Aug 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    दिवस-20. सिविल सेवाओं के संदर्भ में सकारात्मक अभिवृत्ति का प्रभावी शासन एवं सार्वजनिक सेवा वितरण में क्या योगदान है? प्रासंगिक उदाहरणों से स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सिविल सेवाओं के संदर्भ में सकारात्मक अभिवृत्ति एवं इसके अर्थ को बताते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • बताइये कि सिविल सेवकों के लिए सकारात्मक अभिवृत्ति किस प्रकार आवश्यक है। इसके साथ ही चर्चा कीजिये कि यह चुनौतियों से निपटने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने, नागरिक सहभागिता में सुधार लाने तथा सार्वजनिक सेवा वितरण की गुणवत्ता बढ़ाने में किस प्रकार सहायक है।
    • प्रभावी शासन प्राप्त करने और नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने वाली सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने में इसकी भूमिका पर बल देते हुए निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    सकारात्मक अभिवृत्ति, सिविल सेवकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण मूल्य है क्योंकि यह शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण के विभिन्न पहलुओं में उनके प्रदर्शन एवं परिणामों को प्रभावित करता है। सकारात्मक अभिवृत्ति को व्यक्ति की एक ऐसी मानसिकता के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है जो आशावादी, सक्रिय एवं सार्वजनिक हित की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। यह सिविल सेवकों को चुनौतियों से उबरने, जन भागीदारी को बढ़ावा देने, कुशलतापूर्वक सेवाएँ प्रदान करने, दूसरों के साथ सहयोग करने एवं परिवर्तन के लिए अनुकूलन स्थापित करने में सक्षम बनाती है।

    सकारात्मक अभिवृत्ति का प्रभावी शासन एवं सार्वजनिक सेवा वितरण में योगदान:

    • समस्या-समाधान का प्रभावी होना: सिविल सेवकों में सकारात्मक अभिवृत्ति इन्हें समस्याओं को बाधाओं के रूप में नहीं, बल्कि अवसरों के रूप में देखने हेतु प्रेरित करती है। ये रचनात्मक समाधान हेतु प्रेरित रहते हैं जिससे शासन की दक्षता में वृद्धि होती है।
    • नागरिक समन्वय में वृद्धि: सिविल सेवकों में सकारात्मक अभिवृत्ति से विश्वास, नागरिक समन्वय एवं तार्किक निर्णय लेने में बढ़ावा मिलता है।
    • कुशल सेवा वितरण: सकारात्मक अभिवृत्ति वाले सिविल सेवक सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाने हेतु प्रेरित रहते हैं जिससे त्वरित एवं प्रभावी वितरण सुनिश्चित होता है। ये लालफीताशाही को कम करने, संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने एवं सरकारी सेवाओं तक नागरिकों की पहुँच में सुधार करने में भूमिका निभाते हैं।
    • मज़बूत कार्य नीति और टीम सहयोग: सिविल सेवकों में सकारात्मक अभिवृत्ति होने से ये टीम वर्क और आपसी सम्मान के साथ एक मज़बूत कार्यनीति को बढ़ावा देने पर बल देते हैं।
    • अनुकूलनशीलता और नवप्रवर्तन: बदलते विश्व में अनुकूलनीय और नवोन्वेषी शासन महत्त्वपूर्ण है। सकारात्मक अभिवृत्ति वाले सिविल सेवक परिवर्तन, नई तकनीक के साथ समस्या-समाधान में आधुनिक तकनीक को अपनाते हैं, जिससे सरकारों को चुनौतियों को तीव्रता से हल करने एवं प्रगतिशील नीतियों को अपनाने में सहायता मिलती है।

    ऐसे कुछ भारतीय सिविल सेवकों के उदाहरण, जिन्होंने अपने कार्य में सकारात्मक अभिवृत्ति का परिचय दिया है:

    • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) की पूर्व सचिव डॉ. रेनू स्वरूप, जिन्होंने कोविड-19 महामारी में भारत की प्रतिक्रिया का नेतृत्व करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह जैव प्रौद्योगिकी में अनुसंधान, विकास एवं नवाचार को सुविधाजनक बनाने में सक्रिय रही है, विशेष रूप से टीके, निदान, चिकित्सीय और जीनोमिक निगरानी के क्षेत्रों में। वह कोविड-19 के खिलाफ जंग में शामिल वैज्ञानिक समुदाय और उद्योग भागीदारों का भी समर्थन करती रही है।
    • श्री राजेश खुल्लर, विश्व बैंक समूह (WBG) के पूर्व कार्यकारी निदेशक, WBG बोर्ड में भारत और अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार हैं। ये वैश्विक स्तर पर भारत के हितों और प्राथमिकताओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच सहयोग एवं संवाद बढ़ाने में सक्रिय रहे हैं। इन्होंने भारत के विकास एजेंडे के लिए संसाधन एवं समर्थन जुटाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • सुश्री स्मिता सभरवाल (तेलंगाना के मुख्यमंत्री की अतिरिक्त सचिव) को राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी अभिनव तथा नागरिक-केंद्रित पहलों के लिए जाना जाता है। उन्हें उनके कार्य क्षेत्रों में शासन, सेवा वितरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण एवं ग्रामीण विकास में सुधार का श्रेय दिया जाता है। जवाबदेही के साथ जन कल्याण के प्रति समर्पण के लिए भी उनकी प्रशंसा की जाती है।

    सिविल सेवाओं में सकारात्मक अभिवृत्ति प्रभावी शासन एवं सेवा वितरण का एक प्रमुख आयाम है। समस्या-समाधान, नागरिक समन्वय, दक्षता, सहयोग, अनुकूलनशीलता तथा नवाचार को बढ़ावा देकर, सिविल सेवक नागरिकों के जीवन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं तथा समग्र रूप से समाज की बेहतरी में योगदान दे सकते हैं।

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