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  • 07 Aug 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    दिवस-19: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा गोपनीयता और सोशल मीडिया जैसे क्षेत्रों में मानवीय सहसंबंध तथा नैतिक निर्णयों पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव का विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नैतिक निर्णय के बारे में बताते हुए अपना उत्तर प्रारंभ कीजिये।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा गोपनीयता और सोशल मीडिया जैसे क्षेत्रों में मानवीय सहसंबंध तथा नैतिक निर्णय लेने में प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर चर्चा कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    नैतिक निर्णय-निर्माण का आशय किसी भी स्थिति में कार्रवाई का सर्वोत्तम तरीका चुनने के लिये नैतिक सिद्धांतों एवं मूल्यों को लागू करने की प्रक्रिया से है। प्रौद्योगिकी (विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा गोपनीयता और सोशल मीडिया के क्षेत्र में) मानवीय सहसंबंध तथा नैतिक निर्णय पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती है। प्रौद्योगिकी मानव नैतिकता को सक्षम करने के साथ इसे चुनौती दे सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कैसे डिज़ाइन, उपयोग और विनियमित किया जाता है।

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का आशय मशीनों या प्रणालियों की ऐसे कार्यों को करने की क्षमता से है जिनके लिये सामान्य रूप से मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है जैसे- तर्क, सीखना, निर्णय लेना और रचनात्मकता। प्रौद्योगिकी द्वारा लोगों एवं मशीनों के बीच समन्वय के तरीके को बदलकर मानवीय सहसंबंध को प्रभावित किया जा सकता है जैसे:

    • इससे दूरस्थ संचार को सक्षम बनाकर आभासी वास्तविकता एवं मिश्रित वास्तविकता के माध्यम से गहन और यथार्थवादी अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।
      • हालाँकि प्रौद्योगिकी के प्रत्यक्ष समन्वय में परिवर्तन होने से मानवीय संपर्क, सहानुभूति और सामाजिक कौशल में कमी आ सकती है, साथ ही प्रौद्योगिकी तक पहुँच, कौशल या संसाधनों की कमी वाले लोगों के हाशिये पर रहने के कारण डिजिटल विभाजन एवं असमानताओं को बढ़ावा मिल सकता है।
    • नैतिक निर्णय से इस पर प्रभाव पड़ता है कि लोग नैतिक मुद्दों को कैसे समझते हैं, उनका मूल्यांकन कैसे करते हैं और उन पर किस प्रकार प्रतिक्रया करते हैं। प्रौद्योगिकी द्वारा लोगों को जानकारी, उपकरण एवं मार्गदर्शन प्रदान करके नैतिक निर्णय लेने को बढ़ावा दिया जा सकता है।
      • इससे नई दुविधाएँ, जोखिम और अनिश्चितताएँ पैदा होने से नैतिक निर्णय लेने में चुनौती भी उत्पन्न हो सकती है। यह लोगों को उनके मूल्यों या हितों के विरुद्ध कार्य करने के क्रम में हेर-फेर, भ्रष्टाचार में सक्षम कर नैतिक निर्णय को कमज़ोर भी कर सकती है।
      • वास्तविक दुनिया में अनैतिक AI उपयोग के उदाहरणों में अमेज़न का लिंग-पक्षपाती भर्ती एल्गोरिदम शामिल है (इसमें महिला उम्मीदवारों की तुलना में पुरुष उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है)। ये उदाहरण उस संभावित नुकसान को दर्शाते हैं जो अनैतिक AI उपयोग के कारण हो सकता है।
    • AI नैतिकता (दिशा-निर्देशों का एक सेट है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि AI को मानव मूल्यों और अधिकारों का सम्मान करने वाले तरीके से विकसित किया गया है) के कुछ उदाहरणों में UNESCO द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नैतिकता के संबंध में की गई सिफारिश, IBM द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये दिये गए नैतिक सिद्धांत और यूरोपीय आयोग द्वारा भरोसेमंद AI हेतु नैतिक दिशा-निर्देश जारी करना शामिल है।

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा गोपनीयता और सोशल मीडिया जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने का मानवीय सहसंबंध और नैतिक निर्णय लेने पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रौद्योगिकी से अच्छाई या बुराई की प्रेरणा मिल सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह मानवीय नैतिकता के साथ किस प्रकार संबंधित है। इसलिये ऐसे नैतिक सिद्धांतों एवं प्रथाओं को विकसित करना तथा उनका पालन करना आवश्यक है जिससे यह सुनिश्चित होता हो कि प्रौद्योगिकी से मानवता को नुकसान होने के बजाय लाभ हो सके।

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