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दिवस-14: वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 की विशेषताओं और उद्देश्यों का विश्लेषण करते हुए वन्यजीवों के संरक्षण एवं प्रबंधन पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन कीजिये। (250 शब्द)

01 Aug 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | पर्यावरण

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम और उसमें होने वाले संशोधनों पर प्रकाश डालिये।
  • वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 की विशेषताओं एवं उद्देश्यों का विश्लेषण करते हुए वन्यजीवों के संरक्षण तथा प्रबंधन पर इसके प्रभावों का मूल्यांकन कीजिये।
  • उचित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 वन्यजीवों और उनके आवासों के संरक्षण से संबंधित प्रमुख कानून है। इसमें राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, संरक्षण रिज़र्व और सामुदायिक रिज़र्व जैसे संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

यह जंगली जानवरों एवं पौधों के व्यापार के नियंत्रण से संबंधित होने के साथ वन्यजीवों के खिलाफ अपराधों के लिये इसमें दंड का भी प्रावधान किया गया है।

मुख्य भाग:

वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 का उद्देश्य भारत में वन्यजीवों के संरक्षण और प्रबंधन को मज़बूत करना है। इस अधिनियम की कुछ मुख्य विशेषताएँ और उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों (CITES) के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन के प्रावधानों को लागू करना।
    • इस अधिनियम द्वारा केंद्र सरकार को एक प्रबंधन प्राधिकरण नामित करने का अधिकार दिया गया है जो ऐसी प्रजातियों के लिये निर्यात या आयात परमिट देने का कार्य करे।
    • इस अधिनियम में अनुसूचित जीवों के जीवित नमूने रखने वाले व्यक्तियों के पंजीकरण का भी प्रावधान किया गया है।
  • इस अधिनियम के तहत प्रजातियों को उनकी संरक्षण स्थिति एवं खतरे के स्तर के आधार पर सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को तार्किक बनाने पर बल दिया गया है।
    • इस अधिनियम में संरक्षित श्रेणियों की संख्या को छह से घटाकर चार करने का प्रावधान किया गया है और वर्मिन प्रजातियों की श्रेणी को हटाने का प्रावधान किया गया है जिसमें ऐसे जानवर शामिल हैं जिनका बिना किसी अनुमति के शिकार किया जा सकता है या इन्हें मारा जा सकता है।
  • इसके द्वारा किसी राज्य के सभी अभयारण्यों को नियंत्रित, प्रबंधित करने और बनाए रखने के लिये मुख्य वन्यजीव संरक्षक को सशक्त बनाकर संरक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा एवं प्रबंधन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
  • इसके तहत जीवित हाथियों के वाणिज्यिक व्यापार की अनुमति दी गई है जो पिछले अधिनियम के तहत निषिद्ध था। इस अधिनियम के तहत कुछ शर्तों और प्रतिबंधों के अधीन रहते हुए प्रबंधन प्राधिकरण से प्रमाण-पत्र प्राप्त कर जीवित हाथियों के निर्यात या आयात की अनुमति दी गई है।

वन्यजीवों के संरक्षण और प्रबंधन पर वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 का प्रभाव:

  • इस अधिनियम को भारत के वन्यजीव कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखा जा सकता है।
    • इससे लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास स्थलों की कानूनी सुरक्षा को बढ़ावा मिला है।
    • यह आक्रामक विदेशी प्रजातियों तथा जलवायु परिवर्तन जैसे उभरते खतरों को हल करने पर केंद्रित है।
    • इससे संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन में सुधार हुआ है।
    • इससे वन्यजीव संरक्षण में जनभागीदारी एवं जागरूकता को बढ़ावा मिला है।

निष्कर्ष:

वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 का उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण एवं प्रबंधन को मज़बूत करना है। हालाँकि वन्यजीव संरक्षण लक्ष्यों को प्राप्त करने के क्रम में इसके कार्यान्वयन से संबंधित कुछ चुनौतियाँ भी विद्यमान हैं। इसलिये इस अधिनियम को प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक लागू करने के लिये एक समग्र, भागीदारीपूर्ण तथा अनुकूल दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।