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दिवस-1:  विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) किसी स्थान के मूल निवासी होने के साथ प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। इन समुदायों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए इनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु कुछ उपाय बताइये। (250 शब्द)

17 Jul 2023 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भारतीय समाज

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के बारे में बताते हुए इनकी स्थिति का परिचय दीजिये।
  • इनके समक्ष आने वाली कुछ चुनौतियों को बताते हुए इनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु आवश्यक उपायों पर प्रकाश डालिये।
  • PVTGs के विकास हेतु हाल ही में उठाए गए कुछ कदमों का भी उल्लेख कीजिये।

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) भारत में अनुसूचित जनजातियों में सबसे हाशिये पर स्थित समूह हैं। इनमें प्रौद्योगिकी की कम समझ, कम साक्षरता एवं आर्थिक पिछड़ापन देखा जाता है। भारत के 17 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश में 75 PVTGs हैं।

इनके समक्ष आने वाली कुछ चुनौतियाँ:

  • वनों की कटाई, खनन, बाँध निर्माण, पर्यटन और अन्य विकासात्मक परियोजनाओं के कारण इनके आवास और आजीविका का नुकसान होना।
  • ठेकेदारों, व्यापारियों एवं साहूकारों जैसे बाहरी लोगों के कारण इनका शोषण और विस्थापन होना। उदाहरण: ओडिशा की डोंगरिया कोंध जनजाति।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और पीने के जल जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच का अभाव होना। उदाहरण: भारत के मध्य प्रदेश में सहरिया जनजाति अत्यधिक गरीबी और कुपोषण से पीड़ित है।
  • इनकी भाषा, रीति-रिवाजों, परंपराओं और पहचान को कम महत्त्व मिलने से इनकी सांस्कृतिक परंपराओं का लुप्त होना।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होने के साथ स्वास्थ्य देखभाल संबंधी बुनियादी ढाँचे के कमज़ोर होने के कारण इनका बीमारियों और महामारी के प्रति अधिक संवेदनशील होना।
  • हिंसा, तस्करी, बंधुआ मजदूरी और यौन शोषण से पीड़ित होने के साथ इनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होना।

PVTGs के विकास हेतु हाल ही में उठाए गए कुछ कदम:

  • PVTGs से संबंधित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिये जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा एक वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया है।
  • लघु वन उपज के मूल्य संवर्धन और विपणन को बढ़ावा देने के लिये वन धन विकास योजना के तहत ओडिशा से चार PVTGs को शामिल किया गया है।
  • भारत सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और PVTGs के बीच शिक्षा अंतराल को कम करने के लिये आदिवासी क्षेत्रों में "एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय" कार्यक्रम शुरू किया है।
  • ओडिशा सरकार ने "बड़ी बता (Badi Bata)" पहल शुरू की है जिसके तहत बागवानी, कृषि और वन-आधारित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए PVTGs को कौशल विकास प्रशिक्षण एवं आजीविका सहायता प्रदान करना शामिल है।

इनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु कुछ उपाय:

  • भूमि और संसाधनों पर इनके अधिकारों को मान्यता देने और निर्णय लेने में इन्हें सशक्त बनाने के लिये वन अधिकार अधिनियम, 2006 और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 को सही अर्थों में लागू किया जाए।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत संचालित संरक्षण-सह-विकास योजना जैसी विकास योजनाओं के लिये पर्याप्त धन और बुनियादी ढाँचे का प्रावधान किया जाए।
  • जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के समुदाय-आधारित संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाए।
  • बीमारियों और कुपोषण की रोकथाम और उपचार हेतु स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और टीकाकरण कार्यक्रमों को मज़बूत किया जाए।
  • मातृभाषा शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सांस्कृतिक संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हुए शिक्षा सुविधाओं और गुणवत्ता में वृद्धि की जाए।
  • शोषण, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ कानून लागू करके इनके मानवाधिकारों की रक्षा की जाए।
  • समाज और मीडिया को इनकी संस्कृति, समस्याओं और आकांक्षाओं के बारे में संवेदनशील बनाया जाए।