दिवस 41: आप (यशोधरा) एक वरिष्ठ वन अधिकारी हैं जिसे हाल ही में एक वन रेंज में तैनात किया गया है, यह एक पर्यटक स्थल भी है तथा ट्रैकिंग के शौकीन लोगों और स्थानीय पहाड़ी जनजातियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल के बीच स्थित है। इस ट्रेकिंग साइट पर केवल पुरुषों को जाने की ही अनुमति है क्योंकि स्थानीय आदिवासी संस्कृति महिलाओं को पहाड़ी स्थल पर उनके देवता के आवास में प्रवेश की अनुमति नहीं देती है।
राज्य उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि यह ट्रेकिंग साइट बिना किसी लिंग भेद के सभी के लिये खुली होनी चाहिये। इसके बाद महिला समूहों द्वारा ट्रेकिंग साइट पर महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के लिये लगातार दबाव डाला जा रहा है, जबकि स्थानीय आदिवासी समूह इसका विरोध कर रहे हैं। आपको शंका है कि यदि महिलाओं के लिये साइट खोली गई तो इसका आदिवासियों द्वारा विरोध किया जा सकता है तथा कानून व्यवस्था बाधित हो सकती है और साइट पर ट्रेकर्स की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
(A) इस स्थिति में आपके (यशोधरा) लिये क्या विकल्प उपलब्ध हैं? सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों के साथ चर्चा कीजिये।
(B) इस स्थिति में आप (यशोधरा) कौन सी उचित कार्रवाई करेंगे और क्यों? (250 शब्द)
हल करने का दृष्टिकोण:
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हितधारक: कानून का शासन सुनिश्चित करने और समानता के संवैधानिक अधिकार को लागू करने के लिये सरकार (कार्यकारी और कानून व्यवस्था), जनजातीय समुदाय, महिलाएंँ, गैर-सरकारी संगठन समूह जो लैंगिक समानता के विचार को बढ़ावा देती है।
शामिल मूल्य: समानता, आदिवासी संस्कृति का संरक्षण, आंदोलन की स्वतंत्रता का अधिकार, सार्वजनिक हित को बढ़ावा देने के लिये सिविल सेवकों में कर्त्तव्य की भावना का होना।
कानून/नियम/अधिकार: इनमें समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), सार्वजनिक स्थानों पर पहुंँच की समानता (अनुच्छेद 15), विशिष्ट भाषा या संस्कृति (अनुच्छेद 350: जनजातीय अधिकार), सांस्कृतिक या भाषायी अल्पसंख्यकों के संरक्षण का अधिकार तथा अपनी भाषा या संस्कृति (अनुच्छेद 29) के संरक्षण का अधिकार शामिल है।
नैतिक दुविधा: जनजातीय अधिकार बनाम लैंगिक समानता का मूल्य।
एक वरिष्ठ वन अधिकारी और लोक सेवक के रूप में मेरा कर्त्तव्य और दायित्व है कि मैं उच्च न्यायालय के निर्णय को ईमानदारी तथा निष्ठा के साथ लागू करूँ। हालाँकि आदिवासी संस्कृति महिलाओं को तीर्थयात्रा केंद्रों की यात्रा करने की अनुमति नहीं देती है, इसलिये विरोध होने की संभावना है जो जनजातीय हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुँचा सकती है। ऐसे में मेरा कर्त्तव्य होगा कि मैं जीवन और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित करते हुए महिलाओं को बिना विरोध के प्रवेश दिलाने में सफल रहूँ।
उपलब्ध विकल्पों में निहित लाभ और हानि:
विकल्प 1: महिलाओं को क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने तथा आदिवासी संस्कृति के प्रति सम्मान बनाए रखने के लिये तीर्थ स्थल के करीब जाने से रोकना।
लाभ:
हानि:
विकल्प 2: संपूर्ण आदिवासी क्षेत्र में किसी भी स्तर पर महिलाओं के प्रवेश का विरोध न करने की सख्त चेतावनी दी जाए।
लाभ:
हानि:
विकल्प 3: आदिवासी बुजुर्गों के साथ बैठकें करना और एक ही समय में सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ महिलाओं के प्रवेश की आवश्यकता के बारे में आश्वस्त करना।
लाभ:
हानि:
विकल्प तीन अपनाने का कारण