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01 Sep 2022
सामान्य अध्ययन पेपर 3
विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दिवस 53: सिंथेटिक बायोलॉजी को बायोइकोनॉमी के केंद्र में एक हानिकारक तकनीक के रूप में वर्णित किया गया है, जो वैश्विक स्वास्थ्य, कृषि, विनिर्माण और पर्यावरणीय चुनौतियों के नए समाधान देने में सक्षम है। चर्चा कीजिये (250 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- सिंथेटिक बायोलॉजी को संक्षेप में परिभाषित कीजिये।
- सिंथेटिक बायोलॉजी की प्रयोज्यता का वर्णन कीजिये।
- सिंथेटिक बायोलॉजी से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
सिंथेटिक बायोलॉजी, अप्राकृतिक जीवों या कार्बनिक अणुओं के निर्माण के लिये आनुवंशिक अनुक्रमण, संपादन और संशोधन प्रक्रिया का उपयोग करने संबंधी विज्ञान को संदर्भित करता है जो जीवित प्रणालियों में कार्य कर सकते हैं। सिंथेटिक बायोलॉजी' शब्द का इस्तेमाल पहली बार ‘बारबरा होबोमिन’ ने वर्ष 1980 में बैक्टीरिया का वर्णन करने के लिये किया था, जिन्हें पुनः संयोजक डीएनए तकनीक का उपयोग करके आनुवंशिक रूप से निर्मित किया गया था। सिंथेटिक बायोलॉजी वैज्ञानिकों को स्क्रैच से डीएनए के नए अनुक्रमों को डिज़ाइन और संश्लेषित करने में सक्षम बनाती है। इस शब्द का प्रयोग अप्राकृतिक कार्बनिक अणुओं के संश्लेषण का वर्णन करने के लिये किया गया था जो जीवित प्रणालियों में कार्य करते हैं।
सिंथेटिक बायोलॉजी के अनुप्रयोग:
- मानकीकृत जैविक भाग: मानकीकृत जीनोमिक भागों की पहचान और उन्हें वर्गीकृत करना जिनका उपयोग नई जैविक प्रणालियों के निर्माण के लिये किया जा सकता है।
- एप्लाइड प्रोटीन डिज़ाइन: मौजूदा जैविक भागों को फिर से डिज़ाइन करना और नई प्रक्रियाओं के लिये प्राकृतिक प्रोटीन के समूह का विस्तार करना।
- उदाहरण के लिये बीटा-कैरोटीन (आमतौर पर गाजर से जुड़ा एक पोषक तत्व) का उत्पादन करने के लिये संशोधित चावल, जो विटामिन A की कमी को रोकता है।
- प्राकृतिक उत्पाद संश्लेषण: प्राकृतिक उत्पादों के जटिल उत्पादन हेतु सभी आवश्यक एंज़ाइमों और जैविक कार्यों को करने के लिये निर्माणकारी रोगाणु।
- उदाहरण के लिये पानी, मिट्टी और हवा से प्रदूषकों को साफ करने के लिये बायोरेमेडिएशन (पर्यावरणीय दूषित पदार्थों के प्रदूषक को कम करने हेतु जीवित सूक्ष्मजीवों का उपयोग) हेतु सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है।
- सिंथेटिक जीनोमिक्स- प्राकृतिक जीवाणु के लिये एक 'सामान्य' जीनोम का निर्माण और डिज़ाइन।
- उदाहरण के लिये यीस्ट द्वारा गुलाब के तेल को पर्यावरण के अनुकूल और वास्तविक गुलाबों के स्थायी विकल्प के रूप में उत्पादित किया जाता है, जिसका उपयोग परफ्यूमर् में सुगंध के लिये करते हैं।
सिंथेटिक बायोलॉजी के संभावित नकारात्मक प्रभाव:
- नकारात्मक पर्यावरणीय दशाएँ: पर्यावरण में आनुवंशिक रूप से निर्मित जीवमानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
- इन प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग और अनपेक्षित परिणामों के लिये ज़िम्मेदार होने जैसी विफलता अपरिवर्तनीय पर्यावरणीय क्षति का कारण बन सकती है।
- डू-इट-योरसेल्फ बायोलॉजी: यह सिंथेटिक बायोलॉजी प्रयोगों में रुचि रखने वाले "नागरिक वैज्ञानिकों" का एक आंदोलन है जो पिछले दशक में एक अंतर्राष्ट्रीय घटना बन गई।
- अक्सर क्षेत्र के बारे में बहुत कम ज्ञान के साथ उत्साही लोग जैव प्रौद्योगिकी में क्रैश कोर्स करने और व्यावहारिक प्रयोग के लिये अस्थायी प्रयोगशालाओं में कार्य करते हैं।
- नैतिक चिंताएँ: सिंथेटिक जीव विज्ञान से संबंधित कई नैतिक प्रश्न जीनोम संपादन संबंधी नैतिक चर्चाओं के समान हैं जैसे:
- क्या मनुष्य सिंथेटिक जीवविज्ञान तकनीकों के साथ जीवों को नया स्वरूप देकर नैतिक सीमाओं को पार कर रहे हैं?
- यदि सिंथेटिक जीव विज्ञान नए उपचार और रोगों के इलाज की खोज करता है, तो समाज में किन लोगों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित होगी?
आगे की राह
- संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों तक पहुँचने में सक्षम होने के लिये उत्सर्जन को कम करने के परे अतिरिक्त रास्ता तय करने की आवश्यकता है।
- पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करना और हमारी औद्योगिक प्रक्रियाओं तथा दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से प्रदूषण एवं प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करना समय की मांग है।
- यह पर्यावरण के लिये सबसे गंभीर खतरों के समाधान का एक हिस्सा है, जिसमें रासायनिक और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना तथा पर्यावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को रोकना शामिल है, लेकिन हमें एक नागरिक के रूप में भी पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने की आवश्यकता है।