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  • 29 Aug 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    दिवस 50: प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के परिणामस्वरूप फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण होगा। चर्चा कीजिये।

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • प्रधानमंत्री किसान संपदा के महत्त्व को बताते हुए परिचय दीजिये।
    • इसके विभिन्न घटकों की चर्चा कीजिये।
    • उपयुक्त रूप से निष्कर्ष लिखिये।

    वर्ष 2019-20 में पिछले पाँच वर्षों के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (FPI) क्षेत्र लगभग 11.18% की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र ने वर्ष 2011-12 की कीमतों पर 2019-20 में विनिर्माण क्षेत्र में GVA का 9.87 प्रतिशत तक का गठन किया।

    वर्ष 2016 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने "कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण समूहों का विकास" या संपदा (SAMPADA) नामक एक अम्ब्रेला योजना शुरू की थी

    प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना एक व्यापक पैकेज है जिसके माध्यम से फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण किया जाएगा। न केवल देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास होगा बल्कि किसानों को बेहतर रिटर्न भी प्राप्त होगा। यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने में भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के बड़े अवसर उत्पन्न होंगे।

    प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत निम्नलिखित योजनाएँ लागू की जाएंगी:

    • मेगा फूड पार्क: इसका उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ता और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाज़ार से जोड़ने के लिये एक तंत्र प्रदान करना है। यह योजना "क्लस्टर" दृष्टिकोण पर आधारित है जो एक अच्छी तरह से स्थापित आपूर्ति शृंखला के साथ औद्योगिक भूखंडों में आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये एक अच्छी तरह से परिभाषित कृषि/बागवानी क्षेत्र में अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण की परिकल्पना करती है। एक मेगा फूड पार्क में आमतौर पर संग्रह केंद्र, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र, कोल्ड चेन और उद्यमियों के लिये खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हेतु लगभग 25-30 पूर्ण विकसित भूखंड होते हैं।
    • एकीकृत कोल्ड चैन और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना: यह बागवानी और गैर-बागवानी कृषि-उत्पादों की कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिये उपभोक्ता को फार्म गेट से बिना किसी ब्रेक के एकीकृत कोल्ड चेन, संरक्षण और मूल्यवर्धन बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ प्रदान करता है।
    • खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण/विस्तार: योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने के लिये प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण और मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण/विस्तार करना है, जिससे अपव्यय में कमी आती है।
    • कृषि-प्रसंस्करण समूहों के लिये अवसंरचना: इस योजना का उद्देश्य आधुनिक अवसंरचना के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित आपूर्ति शृंखला के माध्यम से उत्पादकों/किसानों के समूहों को प्रोसेसर और बाज़ारों से जोड़कर क्लस्टर दृष्टिकोण पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये उद्यमियों के समूह को प्रोत्साहित करने हेतु आधुनिक अवसंरचना और सामान्य सुविधाओं का विकास करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर में दो बुनियादी घटक हैं, अर्थात् बुनियादी सक्षम अवसंरचना (सड़कें, पानी की आपूर्ति, बिजली की आपूर्ति, जल निकासी, ETP आदि), कोर इंफ्रास्ट्रक्चर/सामान्य सुविधाएँ (वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, IQF, टेट्रा पैक, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग आदि)।
    • बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण: यह कच्चे माल की उपलब्धता और बाज़ार के साथ जुड़ाव के मामले में आपूर्ति शृंखला में अंतराल को पाटकर प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिये प्रभावी और निर्बाध बैकवर्ड और फॉरवर्ड एकीकरण प्रदान करता है।
    • खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना: यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बाज़ार में निर्मित और बेचे जाने वाले गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद खाद्य सुरक्षा नियामक द्वारा निर्धारित कड़े मानकों को पूरा करते हैं। उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार योजना के तहत निम्नलिखित घटकों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है:
      • खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना/उन्नयन
        • गुणवत्ता नियंत्रण/खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना/उन्नयन
        • HACCP/ ISO मानक/खाद्य सुरक्षा/गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली
    • मानव संसाधन और संस्थान: योजना के अंतर्गत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय विभिन्न कारकों जैसे कि समिश्रकों, विरंजक तत्वों, परिरक्षकों, कीटनाशकों के अवशिष्टों, रासायनिक संदूषकों, सूक्ष्म जैविकीय संदूषकों तथा अनुमति सीमा के भीतर प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले विषैले तत्वों के मानकीकरण सहित वाणिज्यिक मूल्य समेत उत्पाद एवं प्रक्रिया विकास, दक्ष प्रौद्योगिकियों, उन्नत पैकेजिंग तथा मूल्यवर्धन आदि के संबंध में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लाभ हेतु मांग प्रेरित अनुसंधान एवं विकास कार्य शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता देता रहा है ।

    इस प्रकार प्रधानमंत्री संपदा अपनी उप योजनाओं के साथ फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण में मदद करेगी।

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