25 Jul 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- गति शक्ति मिशन की व्याख्या करते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- मिशन की सफलता से जुड़ी चुनौतियों का उल्लेख कीजिये।
- आगे की राह सुझाते हुए निष्कर्ष लिखिये।
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13 अक्तूबर 2021 को रसद लागत को कम करने के लिये समन्वित और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन हेतु महत्त्वाकांक्षी गति शक्ति योजना या ‘नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लान’ लॉन्च किया गया था।
मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे में आवागमन के लिये एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना करेगी। यह बुनियादी ढाँचे की अंतिम मील तक कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा और लोगों के लिये यात्रा के समय को भी कम करेगा।
इसके अंतर्गत विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की अवसंरचना योजनाओं जैसे भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क/भूमि बंदरगाह, उड़ान आदि को शामिल किया जाएगा।
योजना के छह स्तंभ:
- व्यापकता (Comprehensiveness): इसमें एक केंद्रीकृत पोर्टल के साथ विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सभी मौज़ूदा और नियोजित पहलें शामिल होंगी।
- प्राथमिकता (Prioritisation): इसके माध्यम से विभिन्न विभाग क्रॉस-सेक्टोरल इंटरैक्शन के माध्यम से अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने में सक्षम होंगे।
- अनुकूलन (Optimisation): राष्ट्रीय मास्टर प्लान महत्त्वपूर्ण अंतराल की पहचान के बाद परियोजनाओं के लिये योजना बनाने में विभिन्न मंत्रालयों की सहायता करेगा।
- तुल्यकालन (Synchronisation): अलग-अलग मंत्रालय और विभाग अक्सर एकांत में काम करते हैं। जिससे परियोजना के नियोजन एवं क्रियान्वयन में समन्वय का अभाव हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप विलम्ब होता है।
- विश्लेषणात्मक: योजना जीआईएस (GIS) आधारित स्थानिक योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों के साथ एक ही स्थान पर पूरे डेटा को प्रदान करेगी जिसमें 200+ परतें होंगी, जिससे निष्पादन एजेंसी को बेहतर दृश्यता मिल सकेगी।
- गतिशील (Dynamic): सभी मंत्रालय और विभाग जीआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अलग-अलग विभागों की परियोजनाओं की प्रगति की कल्पना, समीक्षा और निगरानी कर सकेंगे, क्योंकि उपग्रह से जो चित्र(Image) प्राप्त होगी वो समय-समय पर जमीनी प्रगति देगी और परियोजनाओं की प्रगति को भी नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।
गति शक्ति का महत्त्व
- संस्थागत बुनियादी ढाँचा:
- मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी हेतु पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत समयबद्ध तरीके से एक संस्थागत ढाँचा तैयार करने और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में केंद्र के समर्थन से देश के समग्र बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा मिलेगा।
- जीवन की सुगमता (ईज़ ऑफ लिविंग):
- अगली पीढ़ी के बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने का प्रयास जो जीवन की सुगमता के साथ-साथ व्यापार करने में आसानी में सुधार करता है।
- मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे में आवागमन के लिये एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना करेगी।
- यह बुनियादी ढाँचे की अंतिम मील तक कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा साथ ही लोगों के लिये यात्रा के समय को भी कम करेगा।
- निवेश के साथ सूचना सहायता:
- पीएम गतिशक्ति आगामी कनेक्टिविटी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में जनता और व्यावसायिक समुदाय को जानकारी प्रदान करेगी।
- यह निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय संबंधी योजना बनाने में सक्षम बनाएगा जिससे सहक्रियाओं में वृद्धि होगी।
- संसाधनों का उपयोग:
- यह रोज़गार के कई अवसर पैदा कर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
- पीएम गतिशक्ति से देश के संसाधनों का अधिकतम उपयोग भी होगा क्योंकि हर कोई पूरी जानकारी के साथ अपनी योजना बना सकेगा। 'अवसंरचना आधारित विकास' से भारत की अर्थव्यवस्था में असाधारण वृद्धि होगी, जिससे रोज़गार की कई नई संभावनाएं पैदा होंगी।
- बेहतर प्रतिस्पर्द्धा:
- यह रसद लागत में कटौती और आपूर्ति शृंखला में सुधार करके स्थानीय उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धाा में सुधार करेगा साथ ही स्थानीय उद्योग एवं उपभोक्ताओं के लिये उचित जुड़ाव भी सुनिश्चित करेगा।
- टर्नअराउंड समय को कम करना:
- रसद लागत में कटौती के अलावा इस योजना का उद्देश्य कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और व्यापार को बढ़ावा देने के लिये बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय को कम करना है।
- पर्यटन:
- बुनियादी ढाँचा आध्यात्मिक और चिकित्सा पर्यटन सहित पर्यटन के विकास के लिये महत्वपूर्ण था
संबद्ध चिंताएँ:
- लो क्रेडिट ऑफ-टेक: हालाँकि सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र की मज़बूती के लिये कई सुधार किये और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता ने खराब ऋणों पर लगभग 2.4 लाख करोड़ रुपए की वसूली की थी, फिर भी ऋण लेने की प्रवृत्ति में गिरावट संबंधी चिंताएँ हैं।
- मांग में कमी: कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में निजी मांग और निवेश की कमी देखी गई है।
- संरचनात्मक समस्याएँ: भूमि अधिग्रहण में देरी और मुकदमेबाज़ी के मुद्दों के कारण देश में वैश्विक मानकों की तुलना में परियोजनाओं के कार्यान्वयन की दर बहुत धीमी है।
- इसके अतिरिक्त भूमि प्रयोग और पर्यावरण मंज़ूरी के मामले में विलंब, अदालत में लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे आदि अवसंरचना परियोजनाओं में देरी के कुछ प्रमुख कारण हैं।
PM गति शक्ति सही दिशा में उठाया गया एक कदम है। हालाँकि इसे उच्च सार्वजनिक व्यय से उत्पन्न संरचनात्मक और व्यापक आर्थिक स्थिरता संबंधी चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है।
इस प्रकार आवश्यक है कि यह पहल एक स्थिर और पूर्वानुमेय नियामक एवं संस्थागत ढाँचे पर आधारित हो।
नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिये समय पर भूमि अधिग्रहण की मंज़ूरी के बिना मिशन सफल नहीं हो सकता है। इसलिये परियोजनाओं के त्वरित अनुमोदन के लिये एकल खिड़की मंज़ूरी की आवश्यकता होती है।