दिवस 10: कोविड -19 महामारी ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की जर्जर स्थिति को प्रदर्शित किया है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति को ठीक करने की क्षमता है? (250 शब्द)
20 Jul 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण
- कोविड -19 ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की जर्जर स्थिति का खुलासा कैसे हुआ चर्चा कीजिये।
- PMJAY भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की स्थिति को कैसे ठीक कर सकता है,बताइये।
- उन कमियों पर चर्चा कीजिये जो योजना के लक्ष्य की पूर्ण प्राप्ति में बाधक हैं।
- योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणाली के लक्ष्य के तरीकों पर चर्चा कीजिये।
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PMJAY विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना है जो पूर्णतः सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
- इसे फरवरी 2018 में लॉन्च किया गया था। यह द्वितीयक देखभाल (जिसमें विशेषज्ञ शामिल नहीं है) के साथ-साथ तृतीयक देखभाल (जिसमें विशेषज्ञ शामिल है) के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- PMJAY के तहत लाभार्थियों को सेवा हेतु यानी अस्पताल में कैशलेस और पेपरलेस सेवाओं तक पहुंँच प्रदान की जाती है।
- कोविड -19 महामारी ने विभिन्न तरीकों से भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की जर्जर स्थिति का खुलासा किया है:
- पीपीई-किट, मास्क, अस्पताल के बिस्तर, मेडिकल ऑक्सीजन और एंटीवायरल जैसी आवश्यक दवाओं जैसे रेमेडिसविर और टीके जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी।
- भारत का डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 है, जो डब्ल्यूएचओ के 1:1,000 डॉक्टर जनसंख्या अनुपात के मानदंड के मुकाबले कम है और एलोपैथी डॉक्टरों का 2/3 हिस्सा शहरी क्षेत्रों में केंद्रित है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों का अभाव है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में अनुशंसित स्वास्थ्य व्यय जीडीपी के 2.5% से कम है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 (एनएफएचएस -5) के अनुसार, भारत में केवल 41 प्रतिशत परिवारों में कम-से-कम एक व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा योजना या स्वास्थ्य योजना द्वारा कवर किया गया है।
- चिकित्सा प्रौद्योगिकी के लिए विदेशियों पर भारत की निर्भरता मुख्य रूप से चीन पर है।
भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की स्थिति को ठीक करने के लिए PMJAY की क्षमता:
कोविड के दौरान:
- PM-JAY के तहत अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 तक लगभग 20.32 लाख कोविड -19 परीक्षण और 7.08 लाख उपचारों को अधिकृत किया गया था।
- PMJAY ने लगातार कम लागत में कई चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की हैं जैसे कि किडनी डायलिसिस आदि।
- योजना PM-JAY पोर्टेबल है, जो देश भर में किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में सभी पात्र प्रवासी श्रमिकों को इसका लाभ सुनिश्चित करती है, चाहे उनका निवास राज्य कुछ भी हो। यह भारतीयों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को बढ़ावा देता है।
- PMJAY में मौजूदा उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बदलकर 150,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs) बनाने का प्रावधान है। ये एचडब्ल्यूसी बुनियादी प्राथमिक देखभाल प्रदान करेंगे और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं तथा और गैर-संचारी रोगों दोनों को कवर करेंगे।
- इसमें 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमज़ोर परिवार (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) इन लाभों के लिये पात्र हैं।
- अनिवार्य स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ, इस योजना से गरीबों को परिवार नियोजन जैसे चिकित्सा ज्ञान का विस्तार हुआ और यह उन्हें एड्स, हेपेटाइटिस जैसी घातक बीमारियों के बारे में भी जागरूक करता है।
- PM-JAY ने चिकित्सा उपचार पर भयावह खर्च को कम करने में मदद करने की कल्पना की है, जो स्वास्थ्य सेवाओं पर अपनी जेब से खर्च के कारण हर साल लगभग 6 करोड़ भारतीयों को गरीबी में धकेल देता है।
- PM-JAY गैर-संचारी रोग (NDCs) को कम करेगा क्योंकि भारत में 65% मौतें NCD के कारण होती हैं।
- परिवार के आकार, उम्र या लिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिससे नागरिकों और उनके आश्रितों का अधिक समग्र कवरेज होता है।
- सेवाओं में उपचार से संबंधित सभी लागतों को कवर करने वाली लगभग 1,393 प्रक्रियाएं शामिल हैं, जिनमें दवाएँ, आपूर्ति, नैदानिक सेवाएँ, चिकित्सक का शुल्क, कमरे का शुल्क, सर्जन शुल्क, OT और ICU शुल्क आदि शामिल हैं, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।
- ये प्रावधान भारत की स्वास्थ्य सेवा में आशाजनक परिवर्तन दिखाते हैं और यह भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में अधिकतम रिक्तियों को भर सकता है। हालांकि यह योजना अच्छी लगती है, लेकिन यह कमियों के बिना नहीं है।
अधिक समग्र बनाना
- यह योजना मुख्य रूप से माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित थी लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को समान प्रोत्साहन नहीं देती थी। किसी भी स्वास्थ्य रोग की रोकथाम या उपचार में प्राथमिक देखभाल का प्रमुख महत्त्व है।
- योजना की आलोचना "लापता मध्य' या मिसिंग मिडल (Missing Middle)" के आधार पर की गई। लापता मध्य आबादी का वह वर्ग है जो मध्य वर्ग की आबादी के जेब खर्च से बाहर है और सरकार या व्यक्तिगत द्वारा कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है।
- लाभार्थियों की कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति और ज़मीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उत्पीड़न के कारण जागरूकता की कमी के कारण योजना अप्रभावी हो जाती है।
- औपचारिकताओं, प्रशिक्षित व्यक्तियों की कमी आदि के कारण निजी स्वास्थ्य सुविधाएँ PMJAY के तहत रोगियों के प्रवेश को प्रोत्साहित नहीं करती हैं।
- राज्य राजनीतिक और आर्थिक आधार पर पश्चिम बंगाल, तेलंगाना आदि के आधार पर योजना को लागू करने के इच्छुक नहीं हैं।
- गैर-सुसज्जित सार्वजनिक क्षेत्र की स्वास्थ्य क्षमताएँ निजी क्षेत्र के प्रदाताओं के साथ आवश्यक भागीदारी और गठबंधन की मांग करती हैं।
- ऐसी परिस्थितियों में सेवाओं का प्रावधान तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब प्रदाताओं को उनकी सेवाओं के लिये जवाबदेह ठहराया जाए।
कोविड-19 सदी के संकट में से एक था। इसलिये हमें एक बहु-पहलू और सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करनी होगी जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत् विकास लक्ष्यों को साकार करने हेतु अधिकांश बीमारियों और रोगों के लिये काम करती है।