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दिवस 1: भारत में युवाओं पर वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

11 Jul 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भारतीय समाज

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

दृष्टिकोण

  • वैश्वीकरण को संक्षेप में समझाइये।
  • भारतीय युवाओं पर वैश्वीकरण के विभिन्न सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों की चर्चा कीजिये।
  • वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के कुछ उपाय के साथ निष्कर्ष लिखिये।

वैश्वीकरण एक सीमाहीन दुनिया की परिकल्पना करता है या दुनिया को एक वैश्विक गाँव के रूप में देखता है। वैश्वीकरण विभिन्न देशों के लोगों, कंपनियों और सरकारों के बीच वार्ता, एकता एवं परस्पर निर्भरता की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। इसमें राजनीतिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक अभिव्यक्ति शामिल है। वैश्वीकरण का समाज पर सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों परिणाम देखे जाते हैं।

वैश्वीकरण का प्रभाव अत्यधिक व्यापक है। वैश्वीकरण का प्रभाव युवाओं में तीव्र परिवर्तन एवं अनिश्चितता लाने हेतु उत्तरदायी है। इस प्रकार वैश्वीकरण न केवल युवाओं के बीच आर्थिक अवसर प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक परिवर्तनों हेतु भी उत्तरदायी है।

सकारात्मक प्रभाव

  • वैश्वीकरण के कारण युवाओं को पूरे विश्व में सर्वोत्तम सामग्री और उत्पाद का चयन करने का अवसर मिलता है।
  • युवाओं को अपने भौतिक क्षेत्र से परे अंतर-क्षेत्रीय संबंध बनाने का अवसर मिला।
  • युवाओं के पास अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार जैसे अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के अनुरूप पश्चिमी प्रथाओं और अन्य प्रथाओं को अपनाने के अवसर हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी ने विशाल संसाधनों से नए विचार, प्रतिस्पर्द्धी और मनोरंजन के साधन प्रदान किये हैं।
  • करियर के दृष्टिकोण से युवाओं के पास उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये अपनी राष्ट्रीय सीमाओं से परे पाठ्यक्रमों का चयन करने के अधिक अवसर हैं।
  • वैश्वीकरण ने काम और शिक्षा के संबंध में युवाओं की गतिशीलता को बढ़ाया है।
  • वैचारिक मोर्चे पर युवाओं के पास अपनी संस्कृति, मूल्यों और वरीयताओं के संबंध में उपलब्ध सभी विचारधाराओं के आधार पर एक समग्र विचारधारा तैयार करने तथा एक वैश्विक मनोविज्ञान बनाने का मौका है।

नकारात्मक प्रभाव

  • अधिक उत्पादों और सामग्रियों की उपलब्धता ने युवाओं के बीच उपभोक्तावाद की स्थायी प्रथा को जन्म दिया।
  • वैश्वीकरण से सामाजिक बंधन, संबंध कमज़ोर होते हैं और छद्म संबंध बनते हैं जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी आत्महत्या और अवसाद की प्रवृत्ति देखी जाती है।
  • पाश्चात्य मूल्यों और विचारों के अनुकूलन से स्थानीय ज्ञान और प्रथाओं में विश्वास का ह्रास होता है, उनके बारे में हीन तथा पक्षपाती विचार प्रबल होता है। यह परिवार एवं विवाह जैसी बुनियादी सामाजिक संस्थाओं को भी नुकसान पहुँचा रहा है।
  • वैश्वीकरण युवाओं को गेमिंग डिसऑर्डर (ब्लू व्हेल गेम) और नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसी हानिकारक गतिविधियों की ओर धकेल रहा है।
  • युवा अपने करियर विकल्पों के बारे में अधिक अनिश्चितता का सामना करते हैं और अन्य कारकों पर विचार किये बिना तर्कहीन चयन करते हैं।
  • शिक्षा और काम के लिये वैश्विक प्रवास यूक्रेन-मेडिकल छात्र संकट जैसे असुरक्षित स्थलों का चयन करता है और खराब शहरी आवास की ओर ले जाता है।
  • वैश्वीकरण के बीच विचारधाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी के संयोजन से युवाओं पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।

युवाओं पर वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिये उन्हें शिक्षा, कौशल विकास और रोज़गार, उद्यमिता, स्वास्थ्य तथा स्वस्थ जीवनशैली आदि में अपनी पूरी क्षमता हासिल करने हेतु सशक्त बनाया जाना चाहिये। राष्ट्रीय युवा नीति-2014 (एनवाईपी-2014) ने सामाजिक मूल्यों, सामुदायिक जुड़ाव, राजनीति और शासन में भागीदारी, युवा जुड़ाव, समावेश व सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उन्नति पर ज़ोर दिया।