दिवस 13: अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार अधिनियम (पेसा), 1996 को जनजातीय लोगों की स्थानीय परंपराओं और सांस्कृतिक प्रथाओं के संरक्षण की दृष्टि से अधिनियमित किया गया था। इस संदर्भ में पेसा अधिनियम की प्रमुख विशेषताओं और इसके कार्यान्वयन के समक्ष विद्यमान चुनौतियों पर चर्चा कीजिये (250 शब्द)
23 Jul 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधान पाँचवीं अनुसूची क्षेत्रों पर लागू नहीं हैं। हालाँकि संसद इन प्रावधानों को ऐसे क्षेत्रों में अपवादों और संशोधनों के साथ विस्तारित कर सकती है। इस प्रावधान के तहत संसद ने "पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा), 1996 को अधिनियमित किया है, जिसे लोकप्रिय रूप से पेसा अधिनियम के रूप में जाना जाता है।
वर्तमान में (2019) दस राज्यों में यह अधिनियम लागू है। ये राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान हैं। सभी दस राज्यों ने संबंधित पंचायती राज अधिनियमों में संशोधन करके अपेक्षित अनुपालन कानून बनाए हैं।
पेसा के उद्देश्य:
1. पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को कुछ संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना।
2. जनजातीय आबादी के बड़े हिस्से के लिए स्व-शासन प्रदान करना।
3. सहभागी लोकतंत्र के साथ ग्राम शासन रखना और ग्राम सभा को सभी गतिविधियों का केंद्र बनाना।
4. पारंपरिक प्रथाओं के अनुरूप एक उपयुक्त प्रशासनिक ढाँचा विकसित करना।
पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा), 1996 की विशेषताएँ:
1. अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों पर राज्य विधान प्रथागत कानून, सामाजिक और धार्मिक प्रथाओं और सामुदायिक संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन प्रथाओं के अनुरूप होगा।
2. एक गाँव में आम तौर पर एक बसावट या बसावटों का समूह या एक पुरवा या बस्तियों का एक समूह होता है जिसमें एक समुदाय होता है और परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के अनुसार अपने मामलों का प्रबंधन करता है।
3. प्रत्येक गाँव में एक ग्राम सभा होगी जिसमें ऐसे व्यक्ति होंगे जिनके नाम ग्राम स्तर पर पंचायत के लिये मतदाता सूची में शामिल हैं।
4. प्रत्येक ग्राम सभा लोगों की परंपराओं और रीति-रिवाजों, उनकी सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संसाधनों और विवाद समाधान के पारंपरिक तरीके की रक्षा और संरक्षण के लिये सक्षम होगी।
5. ग्राम स्तर पर प्रत्येक पंचायत को उपरोक्त योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये निधियों के उपयोग का प्रमाण पत्र ग्राम सभा से प्राप्त करना आवश्यक होगा।
6. प्रत्येक पंचायत में अनुसूचित क्षेत्रों में सीटों का आरक्षण उन समुदायों की जनसंख्या के अनुपात में होगा जिनके लिये संविधान के भाग IX के तहत आरक्षण दिया जाना है।
7. राज्य सरकार ऐसी अनुसूचित जनजातियों को नामित कर सकती है जिनका मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत या ज़िला स्तर पर पंचायत में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। लेकिन ऐसा नामांकन उस पंचायत में चुने जाने वाले कुल सदस्यों के दसवें हिस्से से अधिक नहीं होगा।
पेसा से संबंधित मुद्दे:
आगे की राह