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  • 13 Aug 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    दिवस 34: कृषि में डिजिटल क्रांति भारतीय कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकती है? (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • भारतीय कृषि से संबंधित चुनौतियाँ लिखिये।
    • रिमोट सेंसिंग, मोबाइल, ड्रोन आदि जैसे उदाहरणों के साथ डिजिटल क्रांति इन चुनौतियों का समाधान कैसे करती है, इस पर चर्चा कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ, अर्थव्यवस्था और समाज के सभी क्षेत्रों को असंख्य रूप से प्रभावित कर रही हैं और इसमें लगातार बदलाव कर रही हैं। संचार, बैंकिंग, भुगतान प्रणाली, यात्रा, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, कराधान और शासन व्यवस्था को डिजिटल समाधानों के उपयोग से पर्याप्त लाभ प्राप्त हुआ है। कृषि क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिये कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में भी ‘डिजिटल समाधानों’ की मांग की जा रही है।

    हाल ही में ‘कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय’ (MoA&FW) द्वारा ‘इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर’ (India Digital Ecosystem of Agriculture- IDEA) पर एक परामर्श पत्र जारी किया गया है। यह कृषि क्षेत्र में एक डिजिटल क्रांति का प्रस्ताव करता है।

    भारतीय कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ हैं:

    a) खाद्य पर्याप्तता लेकिन पोषण की कमी
    b) खाद्य तेल और तिलहन का उच्च आयात
    c) कृषि भूमि का छोटा और टुकड़ों में होना
    d) मिट्टी का क्षरण, जल दबाव
    e) अपर्याप्त बाज़ार आधारभूत संरचना
    f) अप्रत्याशित, अस्थिर कीमतें
    g) फसल के बाद के नुकसान, अपव्यय
    h) सूचना विषमता के कारण फसल नियोजन का अभाव
    i) जलवायु परिवर्तन

    कृषि में डिजिटल क्रांति के लाभ:

    • कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग शाकनाशी, कीटनाशक, उर्वरक और उन्नत बीज का उपयोग जैसे कृषि संबंधी विभिन्न पहलुओं में किया जा सकता है ।
    • वर्षों से कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अत्यंत उपयोगी साबित हुई है।
    • वर्तमान में किसान उन क्षेत्रों में फसल उगाने में सक्षम हैं, जिन क्षेत्रों में पहले वे फसल उगाने में अक्षम थे, लेकिन यह कृषि जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही संभव हुआ है।
    • उदाहरण के लिये जेनेटिक इंजीनियरिंग ने एक पौधे या जीव को दूसरे पौधे या जीव या इसके विपरीत स्थानांतरित करने में सक्षम बना दिया है।
    • इस तरह की इंजीनियरिंग फसलों में कीटों (जैसे बीटी कॉटन) और सूखे के प्रतिरोध को बढ़ाती है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसान दक्षता और बेहतर उत्पादन के लिये प्रत्येक प्रक्रिया का विद्युतीकरण करने की स्थिति में हैं।
    • सही समय पर सही सूचना तक पहुँच एवं नवाचार सेवाओं के माध्यम से किसानों को उच्च आय और बेहतर लाभप्रदता प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
    • केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ ही निजी क्षेत्र और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के बेहतर नियोजन और क्रियान्वयन को सक्षम बनाना।
    • सूचनाओं तक आसान पहुँच प्रदान कर भूमि, जल, बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि मशीनीकरण सहित विभिन्न संसाधनों के उपयोग में वृद्धि करना।
    • डिजिटल कृषि और ‘परिशुद्ध कृषि’ (Precision Agriculture) के सभी क्षेत्रों में क्षमता निर्माण करना।
    • उच्च गुणवत्तापूर्ण डेटा तक पहुँच के माध्यम से कृषि में अनुसंधान एवं विकास (R&D) और नवाचारों को बढ़ावा देना।
    • राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सहयोग करते हुए सहकारी संघवाद के सर्वोत्तम सिद्धांतों को अंगीकार करना।
    • 'डिजिटल शक्ति' को साकार करने के लिये ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी’ (PPP) मॉडल का निर्माण करना और उसका लाभ उठाना।

    भारत में डिजिटल कृषि के तहत वर्तमान पहल:

    भारतीय कृषि में डिजिटलीकरण की मांग को अच्छी तरह से समझा और स्वीकार किया गया है, इसी तरह प्रचलित मूल्य श्रृंखला को डिजिटल बनाने की दिशा में भी प्रयास किये गए हैं।

    • डिजिटल कृषि मिशन 2021-2025 का उद्देश्य एआई, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक और ड्रोन तथा रोबोट के उपयोग जैसी नई तकनीकों पर आधारित परियोजनाओं को समर्थन और गति प्रदान करना है।
    • राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ई-नाम): - अप्रैल 2016 में शुरू किया गया राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ई-नाम) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो कृषि जिंसों के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार बनाने के लिये मौजूदा कृषि उपज बाज़ार समिति (एपीएमसी) मंडियों को जोड़ता है। ई-नाम किसानों को किसी भी दलालों या मध्यस्थों के हस्तक्षेप के बिना उत्पादों को बेचने में मदद करता है ।
    • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) केंद्रीय कृषि पोर्टल: - जनवरी 2013 में शुरू किया गया डीबीटी कृषि पोर्टल देश भर में कृषि योजनाओं के लिये एक एकीकृत केंद्रीय पोर्टल है। यह पोर्टल किसानों को सरकारी सब्सिडी के माध्यम से आधुनिक कृषि मशीनरी अपनाने में मदद करता है।

    प्रौद्योगिकी के उपयोग ने 21वीं सदी को परिभाषित किया है। जैसे-जैसे दुनिया क्वांटम कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डेटा और अन्य नई तकनीकों की ओर बढ़ रही है, भारत के पास आईटी दिग्गज होने का लाभ उठाने और कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का एक ज़बरदस्त अवसर है। जैसे कि हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की, वैसे ही भारतीय खेती में आईटी क्रांति अगला बड़ा कदम होना चाहिये।

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