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भारत का मैप (II): जनवरी, 2020

मैप आधारित प्रश्न
  • 1. हाल ही में समाचारों में रहा ‘बेलूर मठ' कहाँ स्थित है?

    उत्तर : पश्चिम बंगाल। बेलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद द्वारा की गई थी। यह रामकृष्ण मठ और मिशन के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। यह पश्चिम बंगाल के हावड़ा ज़िले में हुगली नदी के पास स्थित है। बेलूर मठ की इमारत हिंदू, इस्लामी, बौद्ध और ईसाई वास्तुकला शैलियों के संलयन का प्रतिनिधित्व करती है।

  • 2. उस स्थान की पहचान कीजिये जहाँ नलबण पक्षी अभयारण्य स्थित है?

    उत्तर : ओडिशा। नलबण पक्षी अभयारण्य या नलबण द्वीप ओडिशा की चिल्का झील के बीच में स्थित है। मानसून ऋतु के दौरान झील में जल की अधिकता के कारण यह द्वीप डूब जाता है। यह पक्षी अभयारण्य 15.53 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है। नलबण पक्षी अभयारण्य शीत ऋतु में आर्कटिक और उप-आर्कटिक क्षेत्रों से आए प्रवासी पक्षियों के रुकने का एक उपयुक्त स्थान है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वर्ष 1987 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। नलबण और मंगलजोड़ी (चिलिका झील के किनारे पर स्थित) दो प्रमुख स्थान हैं जहाँ पक्षी एकत्र होते हैं।

  • 3. हाल ही में समाचारों में रहा प्रसिद्ध बौद्ध स्थल बोज्जनाकोंडा कहाँ स्थित है?

    उत्तर : विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश। बोज्जनकोंडा, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के निकट संकरम में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल है। बोज्जनकोंडा और लिंगलामेटा जुड़वाँ बौद्ध मठ हैं जो ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी के हैं। लिंगलामेट्टा में एकाश्म पत्थर से निर्मित सैकड़ों रॉक-कट स्तूप हैं।

  • 4. उस राज्य की पहचान कीजिये जहाँ ‘तूतीकोरिन बंदरगाह' स्थित है:

    उत्तर : तमिलनाडु। तूतीकोरिन बंदरगाह चेन्नई बंदरगाह के बाद तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है। यह रणनीतिक रूप से भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर पूर्व-पश्चिम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों के निकट है। यह तूफानों और चक्रवाती हवाओं से पूरी तरह से सुरक्षित है। बंदरगाह वर्ष भर चालू रहता है। यह भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों में से एक है।

  • 5. हाल ही में समाचारों में रहा ‘देव नी मोरी’ नामक स्थल कहाँ स्थित है?

    उत्तर : गुजरात। गुजरात के साबरकांठा ज़िले के देव नी मोरी (Dev Ni Mori) में चीन के स्प्रिंग टेम्पल (153 मीटर) के बाद गौतम बुद्ध की विश्व की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति (108 मीटर) बनाने का प्रस्ताव किया गया है। देव नी मोरी की खुदाई में तीसरी-चौथी सदी से संबंधित बौद्ध मठ के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यहाँ खुदाई में मिले 1700 वर्ष पुराने ताबूत में बुद्ध के अवशेष पाए गए हैं।

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