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1. उस राज्य की पहचान कीजिये जहाँ गालो समुदाय पाए जाते हैं:
उत्तर : अरुणाचल प्रदेश। गालो जनजाति अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख जनजाति है, इस जनजाति को वंश वृतांत (Genealogical) परंपरा के लिये जाना जाता है। गालो, तिब्बती और मंगोलियाइड वंश से संबंधित हैं। ये मूलतः तिब्बत से प्रवास करके यहाँ आए हैं। संविधान आदेश, 1950, भाग- XVIII में संशोधन के अनुसार गालो समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) के रूप में मान्यता दी गई है। मोपिन इनका प्रमुख त्योहार है जो गाँवों की समृद्धि के लिये मनाया जाता है। गालो जनजाति के लोग पोपिर नृत्य करते हैं।
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2. उस राज्य की पहचान कीजिये जहाँ हाल ही में एलीफैंट एंडोथिलियोट्रॉपिक हर्पीस वायरस की उपस्थिति दर्ज की गई:
उत्तर : ओडिशा। ओडिशा के नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क (Nandankanan Zoological Park) में एलीफैंट एंडोथिलियोट्रॉपिक हर्पीस वायरस (Elephant Endotheliotropic Herpes Viruses- EEHV) के कारण पाँच हाथियों की मृत्यु हो गई। एलीफेंट एंडोथिलियोट्रॉपिक हर्पीस वायरस (EEHV) को एलीफेंटिड बेटाहैरपिसवायरस-1, ईआईएचवी-1 (Elephantid betaherpesvirus-1, ElHV-1) के रूप में भी जाना जाता है। EEHV एक प्रकार का हर्पीस वायरस है जो युवा एशियाई हाथियों में अत्यधिक घातक रक्तस्रावी बीमारी का कारण बन सकता है।
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3. उस स्थान की पहचान कीजिये जहाँ खुदाई के दौरान चालुक्य वंश के शासकों की कब्र पाई गई है:
उत्तर : पत्तादक्कल, कर्नाटक। कर्नाटक के पत्तादक्कल के निकट एक गाँव में चालुक्य शासकों की कब्रों का पता चला है। ये निष्कर्ष महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि उन स्थानों का कोई स्पष्ट विवरण उपलब्ध नहीं है जहाँ चालुक्य शासक रहते थे। इसलिये उनकी कब्रों के बारे में न तो कोई दस्तावेज़ उपलब्ध है और न ही कोई साक्ष्य। ऐसा माना जाता है कि वे चाहते थे कि उनकी मृत्यु गुप्त रहे और उनकी कब्रों का निर्माण विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए। चालुक्य शासक जटिल वास्तुकला के साथ विशाल मंदिरों के निर्माण के लिये प्रसिद्ध थे जिन्हें ऐहोल, बादामी और पट्टडकल जैसे स्थानों पर देखा जा सकता है।
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4. उस राज्य की पहचान कीजिये जिसने हाल ही में अनारक्षित जनजातियों को संविधान की छठी अनुसूची से बाहर कर दिया है:
उत्तर : मेघालय। हाल ही में मेघालय सरकार ने ‘अनारक्षित जनजातियों’ (Unrepresented Tribes) को संविधान की छठी अनुसूची ( Sixth Schedule) के प्रावधानों से बाहर करने का निर्णय लिया है। पाँच अल्पसंख्यक जनजातियों- बोडो-कछारी, हाज़ोंग, कोच, मान तथा राभा को मेघालय की स्वायत्त आदिवासी परिषदों में ‘अनारक्षित जनजातियों’ के रूप में नामांकित किया गया है।
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5. हाल ही में केंद्र सरकार ने किन दो स्थानों के बीच ‘ग्रीन वाल’ का निर्माण करने का फैसला किया है?
उत्तर : पोरबंदर से पानीपत के बीच। केंद्र सरकार गुजरात से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 1,400 किमी. लंबी और 5 किमी. चौड़ी हरित पट्टी (Green Belt) बनाने की महत्त्वाकांक्षी योजना पर विचार कर रही है। यह योजना वर्ष 2007 से लागू अफ्रीका की ‘ग्रेट ग्रीन वॉल परियोजना’ (Great Green Wall Project) से प्रेरित है, जिसमें सेनेगल (Senegal) से ज़िबूती (Djibouti) तक एक ‘ग्रीन वॉल’ का निर्माण किया जा रहा है। भारत की ग्रीन वॉल का उद्देश्य बढ़ते भूमि क्षरण और थार रेगिस्तान के पूर्वी विस्तार को रोकना है। यह हरित पट्टी पोरबंदर से पानीपत तक बनाई जाएगी जो अरावली पर्वत में वनीकरण के माध्यम से निम्नीकृत भूमि के पुनर्निर्माण में सहायक होगी। यह पश्चिमी भारत और पाकिस्तान के रेगिस्तान से आने वाली धूल के लिये एक अवरोधक के रूप में भी कार्य करेगी।