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1. इस राज्य की पहचान करें जहाँ चिल्का झील स्थित है।
उत्तर : ओडिशा : ओडिशा तट पर चक्रवात फणी के टकराने से पहले चिल्का झील के केवल दो मुहाने सक्रिय थे, ये ऐसे बिंदु होते हैं जहाँ झील समुद्र से मिलती है। लेकिन, अब उच्च ज्वारीय प्रिज्म युक्त तरंग ऊर्जा के कारण चार नए मुहाने खुल गए हैं। इन नए मुहानों के खुलने के कारण बहुत अधिक मात्रा में समुद्री जल चिल्का झील में प्रवेश कर रहा है, जिससे चिल्का लैगून की लवणता में वृद्धि होती जा रही है।
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2. इस स्थान की पहचान करें जहाँ बर्न उल्लू अभियान का संचालन किया जा रहा है।
उत्तर : लक्षद्वीप : केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप ने नारियल की पैदावार को क्षति पहुँचाने वाले चूहों का शिकार करने के लिये केरल से बर्न उल्लुओं (Barn Owls) के तीन युग्मों की भर्ती की है। लक्षद्वीप द्वीपसमूह में चूहे वृक्षों के शीर्ष (फुनगी) पर निवास करते हैं। इससे कृन्तकों को एक वृक्ष से दूसरे पर जाने में आसानी होती है। यही कारण है कि चूहों के शिकार के लिये बिल्लियों और साँप जैसे निपुण शिकारियों पर विचार नहीं किया गया।
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3. उस क्षेत्र की पहचान करें, ग्रिज़ल्ड विशालकाय गिलहरी जहाँ की स्थानिक प्रजाति है।
उत्तर : पश्चिमी घाट : ग्रिज़ल्ड विशालकाय गिलहरी (Ratufa macrour) पश्चिमी घाटों की स्थानिक प्रजाति है। आमतौर पर इसे केरल में चिनार वन्यजीव अभयारण्य (Chinnar Wildlife sanctuary) से लेकर अंमलाई टाइगर रिज़र्व (Anamalai Tiger Reserve) और तमिलनाडु में पलानी पहाड़ियों (Palani hills) तक के क्षेत्र में घोंसला बनाने के लिये जाना जाता है।
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4. इस स्थान की पहचान करें जो पट्टचित्र पेंटिंग/चित्रकारी के लिये प्रसिद्ध है।
उत्तर : ओडिशा : साइक्लोन फणि ने ओडिशा में कई क्षेत्रों को नुकसान पहुँचाया है। जिनमें से पट्ट चित्रकारी के लिये प्रसिद्ध स्थान भी शामिल है। पट्टचित्र शैली ओडिशा के सबसे पुराने और लोकप्रिय कला रूपों में से एक है।
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5. उस राज्य की पहचान करें जहाँ कालासा-बंडूरी परियोजना पर कार्य हो रहा है।
उत्तर : कर्नाटक : लगभग ₹ 850 करोड़ मूल्य की कालासा-बंडूरी परियोजना का क्रियान्वयन कर्नाटक नीरावरी निगम लिमिटेड (KNNL) द्वारा किया जा रहा है। महादयी नदी की दो सहायक नदियों कालासा/कलासा और बंदुरी के जल को मलाप्रभा नदी (कृष्णा की सहायक नदी) की ओर मोड़ने के लिये इन नदियों पर बांधों एवं नहरों का निर्माण किया जा रहा हैं। मलाप्रभा नदी कर्नाटक के 3 ज़िलों- धारवाड़, बेलागवी और गडग में पेयजल आपूर्ति करती है। यह परियोजना महादयी नदी के पानी के बँटवारे को लेकर कर्नाटक और गोवा सरकार के बीच कानूनी विवाद के कारण चर्चा में थी।