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भारत का मैप : दिसंबर 2024

मैप आधारित प्रश्न
  • 1. अपनी अनूठी आठ भुजाओं वाली आकृति और बैकवाटर पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका के लिये प्रसिद्ध रामसर स्थल को चिह्नित कीजिये।

    उत्तर : अष्टमुडी झील, केरल अष्टमुडी झील केरल के कोल्लम ज़िले में एक निर्दिष्ट रामसर स्थल है और यह इस क्षेत्र के बैकवाटर पारिस्थितिकी तंत्र के लिये महत्त्वपूर्ण है। कल्लदा नदी से पोषित, यह एक विशिष्ट आठ-भुजाओं वाली आकृति है एवं अरब सागर में प्रवाहित होती है जिससे जैवविविधता और पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

  • 2. उस मौर्य पुरातात्विक स्थल को चिह्नित कीजिये जहाँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) 80-स्तंभों वाले सभा भवन के अवशेषों का पता लगाने के लिये कार्य कर रहा है।

    उत्तर : कुम्हरार, पटना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने पटना में एक प्रमुख मौर्य पुरातात्विक स्थल कुम्हरार में 80 स्तंभों वाले सभा भवन के अवशेषों की खुदाई के प्रयास शुरू किये हैं। इस पहल का उद्देश्य मौर्य साम्राज्य की विरासत (विशेष रूप से इसके वास्तुशिल्प और कलात्मक योगदान) में वैश्विक रुचि को फिर से बढ़ाना है।

  • 3. हाल ही में घोषित बाघ अभयारण्य को चिह्नित कीजिये जो भारत का 57वाँ बाघ अभयारण्य बन गया है जिसमें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, भीमबेटका रॉक शेल्टर भी शामिल है।

    उत्तर : रातापानी टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश हाल ही में रातापानी वन्यजीव अभ्यारण्य को आधिकारिक तौर पर रातापानी टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है, जो भारत का 57वाँ टाइगर रिज़र्व है। विंध्य पहाड़ियों के पास स्थित इस रिज़र्व में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल, भीमबेटका रॉक शेल्टर भी शामिल है जो इसके पारिस्थितिकी एवं ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है।

  • 4. उस शहर को चिह्नित कीजिये जहाँ भारत का पहला गूगल सुरक्षा इंजीनियरिंग केंद्र (GSEC) स्थापित किया गया है, जो साइबर सुरक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर है।

    उत्तर : हैदराबाद हैदराबाद को भारत के पहले गूगल सुरक्षा इंजीनियरिंग केंद्र (GSEC) के लिये चुना गया है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी तरह का पहला और विश्व स्तर पर पाँचवाँ केंद्र होगा। इससे पहले डबलिन, म्यूनिख और मालागा में भी इसी तरह के केंद्र स्थापित किये गए हैं।

  • 5. केन नदी के उद्गम स्थल के लिये जानी जाने वाली पहाड़ियों को चिह्नित कीजिये, जो दुर्लभ साझर पत्थर के लिये प्रसिद्ध है।

    उत्तर : कैमूर पहाड़ियाँ केन नदी मध्य प्रदेश के जबलपुर में कैमूर पहाड़ियों की उत्तर-पश्चिमी ढलान पर अहिरगवाँ गाँव के पास से निकलती है। यह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के पास चिल्ला गाँव में यमुना में मिल जाती है। दुर्लभ साझर पत्थर के लिये जानी जाने वाली इस नदी की प्रमुख सहायक नदियों में बावस, देवर, कैथ, बैंक, कोपरा और बेयरमा शामिल हैं।

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