-
1. टैम पा लिंग, जिसे बंदरों की गुफा भी कहा जाता है, ने हाल ही में दक्षिण पूर्व एशिया में मानव आगमन के समय के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्रदान की है। उस देश को चिन्हित कीजिये जहाँ यह गुफा पाई गई है।
उत्तर : लाओस। टैम पा लिंग, जिसे बंदरों की गुफा के रूप में भी जाना जाता है, लाओस के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में स्थित एनामाइट पर्वत में है। इसने हाल ही में दक्षिण पूर्व एशिया में मानव आगमन की समय-सीमा के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्रदान की है। टैम पा लिंग गुफा में समय-समय पर ढलान के साथ बहकर आने वाले निक्षेपों के जमाव से बनी एक ढलान वाली संरचना है।
-
2. जेनिन शरणार्थी शिविर किस क्षेत्र में स्थित है जहाँ हाल ही में इज़राइल ने सैन्य अभियान शुरू किया है?
उत्तर : जेनिन शरणार्थी शिविर, वेस्ट बैंक। जेनिन शरणार्थी शिविर एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन क्षेत्र में स्थित है। हाल ही में इज़राइल ने जेनिन शरणार्थी शिविर में सैन्य अभियान चलाया था।
-
3. यूरोप में सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को चिन्हित कीजिये, जो रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के कारण सुरक्षा खतरों का सामना कर रहा है।
उत्तर : ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र, यूक्रेन। यूक्रेन में ज़पोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (NPP), जो वर्तमान में रूसी नियंत्रण में है और निरंतर हो रहे संघर्ष के कारण सुरक्षा खतरों का सामना कर रहा है। ज़पोरिज़िया यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है।
-
4. विश्व के सबसे बड़े पर्माफ्रॉस्ट क्रेटर के स्थान को चिन्हित कीजिये जो ग्लोबल वार्मिंग और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण विस्तारित हो गया है।
उत्तर : बटागाइका क्रेटर, रूस। रूस का बटागाइका क्रेटर, विश्व का सबसे बड़ा 1 किमी. लंबा पर्माफ्रॉस्ट क्रेटर है, जो ग्लोबल वार्मिंग और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण फैलता है। यह क्रेटर पिघलती हुई पर्माफ्रॉस्ट भूमि का परिणाम है, जो 2.58 मिलियन वर्ष पहले चतुर्धातुक हिमयुग के दौरान निक्षेपित थी। साखा गणराज्य (Sakha Republic) में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा इसे "गेटवे ऑफ अंडरवर्ल्ड" भी कहा जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम है: मेगा-ढाल (Mega-Slump)।
-
5. उस शहर की स्थिति को चिन्हित कीजिये जहाँ विश्व खनन कॉन्ग्रेस, 2023 का आयोजन किया गया है।
उत्तर : ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित विश्व खनन कॉन्ग्रेस में इंडिया पैविलियन ने खनन, ऊर्जा क्षेत्र में देश की तकनीकी शक्ति और सतत् विकास प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।