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महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाएँ

सरकारी योजनाएँ

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

  • 15 Jan 2025
  • 11 min read

प्रमुख बिंदु

  • लॉन्च वर्ष: 2015
  • प्रकार: केन्द्रीय क्षेत्र योजना।
  • उद्देश्य: लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना।
  • नोडल एजेंसी: वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय।
  • लाभार्थी: गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र के उद्यमी।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • पीएमएमवाई के बारे में: इसका उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिये आसान जमानत-मुक्त सूक्ष्म ऋण की सुविधा प्रदान करना है। 
    • मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) को वर्ष 2015 में बैंकों, माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) जैसे वित्तीय संस्थानों को पुनर्वित्त सहायता प्रदान करने के लिये लॉन्च किया गया था।
      • यह वित्तीय संस्थाओं को पुनर्वित्त, ऋण गारंटी और विकास सहायता प्रदान करता है, जिससे उन्हें विनिर्माण, व्यापार एवं सेवाओं में सूक्ष्म उद्यमों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने में मदद मिलती है। 
  • विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत ऋण सीमाएँ: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत चार अलग-अलग श्रेणियों में ऋण प्रदान किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक व्यवसाय विकास के विभिन्न चरणों को पूरा करता है। प्रत्येक श्रेणी के लिये ऋण सीमाएँ इस प्रकार हैं:
    • शिशु श्रेणी:
      • ऋण सीमा: 50,000 रुपए तक
      • यह श्रेणी उन व्यवसायों के लिये तैयार की गई है जो अपने परिचालन के प्रारंभिक चरण में हैं और जिन्हें अपनी गतिविधियों को शुरू करने या बनाए रखने के लिये न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता है।
    • किशोर श्रेणी:
      • ऋण सीमा: 50,000 रुपए से 5 लाख रुपए तक
      • किशोर श्रेणी उन व्यवसायों को सहायता प्रदान करती है, जो विकास के चरण में हैं और जिन्हें अपने परिचालन का विस्तार करने या अपनी कार्यशील पूंजी बढ़ाने के लिये अतिरिक्त धन की आवश्यकता है।
    • तरुण श्रेणी:
      • ऋण सीमा: 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए 
      • तरुण श्रेणी उन सुस्थापित व्यवसायों को लाभ पहुँचाती है, जिन्हें अपने परिचालन को बढ़ाने, उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने तथा अपनी बाज़ार पहुँच का विस्तार करने के लिये बड़े ऋणों की आवश्यकता होती है।
    • तरुण प्लस श्रेणी: 
      • ऋण सीमा: 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए (केंद्रीय बजट 2024-25 में बढ़ाई गई)
      • यह नई शुरू की गई श्रेणी उन व्यवसायों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिन्होंने तरुण श्रेणी के तहत ऋण का सफलतापूर्वक भुगतान कर दिया है और जो उच्च वित्तपोषण आवश्यकताओं के साथ अपने परिचालन को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं। 

  • पात्र लाभार्थी: पात्र उधारकर्त्ताओं में व्यक्ति, स्वामित्व संस्थाएँ, साझेदारी फर्म, निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियाँ तथा अन्य कानूनी संस्थाएँ शामिल हैं। 
  • ऋण संवितरण: पीएमएमवाई के अंतर्गत ऋण विभिन्न सदस्य ऋण संस्थाओं (एमएलआई) द्वारा वितरित किये जाते हैं, जिनमें बैंक (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, एमएफआई तथा एनबीएफसी शामिल हैं।
  • जमानत-मुक्त ऋण: पीएमएमवाई की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह जमानत मुक्त ऋण प्रदान करता है। 
    • इससे यह उन उद्यमियों के लिये सुलभ हो जाता है जिनके पास गिरवी रखने के लिये संपत्ति नहीं होती, जिससे वित्त प्राप्त करने में बाधाएँ कम हो जाती हैं।
  • ऋण गारंटी: सूक्ष्म इकाइयों के लिये ऋण गारंटी कोष (सीजीएफएमयू) पीएमएमवाई के अंतर्गत ऋणों के लिये गारंटी कवरेज प्रदान करके अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
    • यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय संस्थाओं को न्यूनता से बचाया जाए, जिससे सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र को अधिक ऋण देने को प्रोत्साहन मिले। 

मुद्रा कार्ड

  • उद्देश्य: मुद्रा कार्ड एक नवीन वित्तीय उत्पाद है, जो उधारकर्त्ताओं को परेशानी मुक्त ऋण सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे अपनी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कुशलतापूर्वक प्रबंधित कर सकते हैं।
  • रुपे डेबिट कार्ड: यह कार्ड रुपे डेबिट कार्ड के रूप में कार्य करता है, जिससे उद्यमियों को एटीएम से नकदी निकालने, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग करके भुगतान करने और व्यवसाय से संबंधित खर्चों के लिये सीधे धन तक पहुँचने की सुविधा मिलती है।
  • ओवरड्राफ्ट सुविधा: मुद्रा कार्ड ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ आता है, जिसका अर्थ है कि उधारकर्त्ता इसका उपयोग क्रेडिट लाइन के रूप में कर सकते हैं और जब भी उनके पास अतिरिक्त नकदी होगी, तो इसे चुका सकते हैं, जिससे ब्याज शुल्क को कम करके ऋण की लागत कम हो जाती है।

योजना कार्यान्वयन में सुधार के लिये क्या कदम उठाए गए हैं?

  • ऑनलाइन आवेदन प्लेटफार्म: इस योजना में PSBloansin59minutes और उद्यमी मित्र जैसे ऑनलाइन पोर्टलों को एकीकृत किया गया है, जिससे उद्यमियों के लिये अपने घर या कार्यालय से ऋण के लिये आवेदन करना आसान हो गया है।
    • इसके अलावा, मुद्रा मित्र एक मोबाइल ऐप है, जो मुद्रा योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, ऋण चाहने वालों को बैंकरों के पास ले जाता है तथा ऋण-संबंधी सामग्री और आवेदन-पत्र प्रदान करता है।
  • प्रचार अभियान: पीएमएमवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये देश भर में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र उद्यमी इस योजना और इसके लाभों से अवगत हों।
  • सरलीकृत प्रपत्र: प्रपत्रों को सुव्यवस्थित करके आवेदन प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है, जिससे वे संभावित उधारकर्त्ताओं के लिये अधिक सुलभ और कम समय लेने वाले बन गए हैं।
  • नोडल अधिकारी: मुद्रा ने योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करने, आवेदकों के लिये प्रभावी निगरानी और सहायता सुनिश्चित करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में मुद्रा नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं।
  • ब्याज अनुदान: पीएमएमवाई के अंतर्गत शिशु ऋण के शीघ्र पुनर्भुगतान पर 2% ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है, जो सभी पात्र उधारकर्त्ताओं के लिये 12 महीने की अवधि के लिये लागू है।

पीएमएमवाई की उपलब्धियाँ

  • महत्त्वपूर्ण वित्तीय संवितरण: 13 दिसंबर 2024 तक 3.20 करोड़ पीएमएमवाई ऋण स्वीकृत किये गए हैं, जिनकी राशि 3,02,967.03 करोड़ रुपए है। 
    • इसमें से 2,95,808.08 करोड़ रुपए वितरित किये जा चुके हैं, जो योजना के अंतर्गत उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है।
  • हाशिये पर पड़े समूहों का सशक्तीकरण: लगभग 69% मुद्रा ऋण खाते महिलाओं के हैं, जबकि 51% खाते अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों के हैं, जिससे लैंगिक समानता और सामाजिक समता को बढ़ावा मिलता है।
  • स्वरोज़गार को बढ़ावा: इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में स्वरोज़गार को प्रोत्साहित किया है, जिससे लघु व्यवसाय विकास तथा रोज़गार सृजन को बढ़ावा मिला है।
  • गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में कमी: इस योजना के तहत एनपीए दर वित्त वर्ष 21 में 3.61% से घटकर वित्त वर्ष 24 में 2.1% हो गई, जो उधारकर्त्ताओं के बीच बेहतर वित्तीय अनुशासन को दर्शाती है।
  • ऋण जोखिम में लगातार वृद्धि: कुल मुद्रा ऋण जोखिम वित्त वर्ष 22 में ₹3.3 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में ₹5 लाख करोड़ से अधिक हो गया, जो योजना की विस्तारित पहुँच को दर्शाता है।
  • ग्रामीण समावेशन पर ध्यान: इस योजना ने ग्रामीण उद्यमियों को प्रभावित किया है, हालांकि ऋण का असमान क्षेत्रीय वितरण लक्षित पहुँच की आवश्यकता को उजागर करता है।

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