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महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाएँ

सरकारी योजनाएँ

PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना

  • 15 Jan 2025
  • 9 min read

प्रमुख बिंदु

  • लॉन्च वर्ष: 2024
  • नोडल मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE)।
  • पात्रता: भारतीय नागरिक, मकान मालिक, वैध बिजली कनेक्शन, पूर्व में कोई सब्सिडी न मिली हो।
  • लाभ: रूफटॉप सोलर प्लांट कैपेसिटी पर सब्सिडी, मुफ्त बिजली।
  • लक्ष्य: मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुँचाना।
  • कुल परिव्यय: 75,021 करोड़ रुपए

PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • 15 फरवरी 2024 को शुरू की गई PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना विश्व की सबसे बड़ी रूफटॉप सौर पहल है जिसका लक्ष्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है।
  • पात्रता मापदंड: 
    • परिवार में ऐसे व्यक्ति शामिल होने चाहियें, जो भारतीय नागरिक हों।
    • परिवार के पास एक ऐसा मकान होना चाहिये जिसकी छत सौर पैनल लगाने के लिये उपयुक्त हो।
    • घर में वैध एवं सक्रिय बिजली कनेक्शन होना चाहिये।
    • परिवार द्वारा सौर पैनल से संबंधित किसी अन्य सब्सिडी का लाभ न उठाया गया हो।
  • लाभार्थियों के लिये मुफ्त बिजली: इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी परिवार को प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का प्रावधान है, जिससे मासिक उपयोगिता लागत में उल्लेखनीय कमी आने के साथ धारणीय ऊर्जा पद्धतियों को बढ़ावा मिलता है।
  • व्यापक सब्सिडी संरचना: इसके तहत घरों को 40% तक की सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान है जिससे नवीकरणीय ऊर्जा अधिक सस्ती एवं सुलभ हो सके। 

सब्सिडी विवरण 

औसत मासिक बिजली खपत (यूनिट)

उपयुक्त छत सौर संयंत्र क्षमता

सब्सिडी सहायता

0-150

1-2 किलोवाट

₹ 30,000/- से ₹ ​​60,000/-

150-300

2-3 किलोवाट

₹ 60,000/- से ₹ ​​78,000/-

> 300

3 किलोवाट से ऊपर

₹ 78,000/-

  • आवासीय सोसाइटियों के लिये अतिरिक्त सहायता: समूह आवास सोसायटी/निवासी कल्याण संघ (GHS/RWA) के लिये सब्सिडी सामान्य सुविधाओं के लिये 18,000 रुपए प्रति किलोवाट है, जिसमें 500 किलोवाट क्षमता तक EV चार्जिंग सहित व्यक्तिगत छत संयंत्र भी शामिल हैं।  
  • कम ब्याज दर पर ऋण: यह योजना 3 किलोवाट तक की छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिये 7% ब्याज दर पर बिना किसी जमानत के ऋण की सुविधा प्रदान करती है, जिससे निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों के लिये वहनीयता सुनिश्चित होती है।
  • परिवारों के लिये राजस्व सृजन: लाभार्थी परिवार अपने छत पर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से अधिशेष बिजली को स्थानीय डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आय उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे एक स्थायी राजस्व मॉडल का निर्माण होगा।
  • कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी: सौर ऊर्जा पर स्विच करने से, इस योजना से 25 वर्ष के परिचालन जीवनकाल में 720 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कटौती होने का अनुमान है, जो वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों में योगदान देगा।
  • सरकार के लिये वार्षिक बचत: सरकार को पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करके सालाना 75,000 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।
  • बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन: इस पहल से सौर प्रणालियों के विनिर्माण, रसद, स्थापना और रखरखाव सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 17 लाख नौकरियाँ सृजित होंगी।
  • क्षमता निर्माण: इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ सौर छत स्थापित करना है, जिसके लिये 3-4 तकनीशियनों की 1 लाख टीमों की आवश्यकता होगी।
    • गुणवत्तापूर्ण स्थापना सुनिश्चित करने के लिये, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) तकनीशियनों, इंस्टॉलरों, इंजीनियरों और डिस्कॉम और बैंकिंग अधिकारियों जैसे अन्य हितधारकों के लिये प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जैसा कि जुलाई 2024 में जारी कौशल और क्षमता निर्माण दिशानिर्देशों में उल्लिखित है।

आदर्श सौर गाँव

  • पहल का लक्ष्य: मॉडल सौर गाँव घटक का उद्देश्य ऊर्जा आत्मनिर्भरता और नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने को प्रदर्शित करने के लिये प्रत्येक ज़िले में एक सौर ऊर्जा संचालित गाँव स्थापित करना है।
  • वित्तीय आवंटन: सरकार ने 800 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जिसमें प्रत्येक चयनित गाँव के लिये 1 करोड़ रुपए निर्धारित हैं।
  • गाँवों के लिये चयन मानदंड: 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों के लिये 2,000) से अधिक आबादी वाले गाँव इस पहल के तहत चयन के लिये पात्र हैं।
  • प्रतिस्पर्द्धी कार्यान्वयन मॉडल: वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिये गाँव चयन के छह महीने के भीतर उच्चतम नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिये प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।

PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना का कार्यान्वयन प्रारूप और प्रभाव क्या है?

  • कार्यान्वयन प्रारूप:
    • राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन अभिकरण: REC लिमिटेड को राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर कार्यान्वयन की देखरेख के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन अभिकरण (NPIA) के रूप में नामित किया गया है।
  • डिस्कॉम की भूमिका: राज्य डिस्कॉम को निरीक्षण, विक्रेता प्रबंधन, नेट मीटर की स्थापना और सिस्टम कमीशनिंग जैसी ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाती हैं।
  • क्षमता विनिर्माण कार्यक्रम: प्रशिक्षण पहल का ध्यान डिस्कॉम कर्मचारियों, REDA और वित्तीय संस्थानों को कुशल बनाने पर केंद्रित है, ताकि सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
  • योजना का प्रभाव:
    • घरेलू स्तर पर लाभ: लाभार्थी परिवारों को बिजली बिलों में पर्याप्त बचत होगी साथ ही ऊर्जा बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय होगी।
    • नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान: इस योजना का लक्ष्य 30 गीगावाट की आवासीय छतों पर सौर क्षमता स्थापित करना है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा।
    • दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभाव: इस पहल से अपने जीवनकाल में 1,000 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे गैर-नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

नवीनतम जानकारी 

  • 3 दिसंबर 2024 तक राष्ट्रीय पोर्टल पर कुल 1.45 करोड़ पंजीकरण और 26.38 लाख आवेदन दर्ज़ किये गए हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत मार्च 2025 तक 10 लाख से अधिक, अक्तूबर 2025 तक दोगुनी होकर 20 लाख, मार्च 2026 तक 40 लाख तक पहुँचने और अंततः मार्च 2027 तक एक करोड़ का लक्ष्य हासिल करने का अनुमान है।
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