सरकारी योजनाएँ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
- 18 Nov 2024
- 7 min read
प्रमुख बिंदु
- शुरुआत: दिसंबर 2018
- प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
- उद्देश्य: संपूर्ण भारत में भूमि-धारक किसान परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
- सहायता राशि: 6,000 रुपए प्रतिवर्ष (2,000 रुपए की 3 समान किश्तें)
- पात्रता: सभी भूमिधारक किसान (कुछ अपवादों को छोड़कर)
- लाभार्थी की पहचान: योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की जाती है।
PM-KISAN:
यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित) है जिसे दिसंबर 2018 में संपूर्ण भारत में सभी भूमि-धारक किसान परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के क्रम में शुरू किया गया था।
PM-KISAN योजना की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- आय सहायता: इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह आय सहायता 2,000 रुपए की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित की जाती है।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: इससे सुनिश्चित होता है कि पारदर्शिता को बढ़ावा देने एवं विलंब को कम करने के क्रम में धनराशि को प्रत्यक्ष रूप से लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाए।
- पात्रता: सभी भूमिधारक किसान परिवार (जिनके नाम पर कृषि योग्य भूमि है) इस योजना के अंतर्गत लाभ के पात्र हैं।
- परिवार की परिभाषा: इस योजना के प्रयोजनों हेतु एक किसान "परिवार" में पति, पत्नी एवं नाबालिग बच्चों को शामिल किया गया है।
- लाभार्थी की पहचान: पात्र किसान परिवारों की पहचान करने की ज़िम्मेदारी योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों (UT) की है।
- कार्यान्वयन एजेंसी: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) कार्यान्वयन एजेंसी है।
- इस योजना को लागू करने के लिये DA&FW सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि विभाग के साथ कार्य करता है।
- KCC लिंकेज: सरकार ने किसानों की औपचारिक ऋण तक पहुँच को सुव्यवस्थित करने, दस्तावेज़ीकरण को कम करने और मौजूदा लाभार्थी डेटा का उपयोग करके ऋण प्रसंस्करण को तेज़ करने के लिये किसान क्रेडिट कार्ड को PM-KISAN के साथ जोड़ा गया।
PM-KISAN योजना की बहिष्करण श्रेणियाँ क्या हैं?
PM-KISAN योजना में उच्च आर्थिक स्थिति वाले लाभार्थियों को शामिल नहीं किया गया है, जिससे वे लाभ के लिये अपात्र हो गए हैं। ये बहिष्करण इस प्रकार हैं:
- संस्थागत भूमिधारक: सभी संस्थागत भूमिधारक पात्र नहीं होते हैं।
- उच्च आर्थिक स्थिति वाले कृषक परिवार: ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य संवैधानिक पद पर है या रह चुका है।
- पूर्व एवं वर्तमान मंत्री (केंद्रीय या राज्य), संसद सदस्य (लोकसभा/राज्यसभा), राज्य विधानसभा/परिषद साथ ही नगर निगमों के पूर्व/वर्तमान महापौर और ज़िला पंचायतों के अध्यक्ष।
- सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी: केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों तथा क्षेत्रीय इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (PSE) व सरकार के अधीन स्वायत्त संस्थान और स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी शामिल हैं।
- यह बहिष्कार मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS), श्रेणी IV या ग्रुप D कर्मचारियों पर लागू नहीं होता है।
- MTS, चतुर्थ श्रेणी या ग्रुप D सेवानिवृत्तों को छोड़कर, 10,000 रुपए या उससे अधिक मासिक पेंशन वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी।
- आयकरदाता: जिन व्यक्तियों ने पिछले कर निर्धारण वर्ष में आयकर का भुगतान किया है, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है।
- पेशेवर: पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर भी इस योजना से बाहर रखे गए हैं।
योजना का प्रभाव
- किसानों के लिये आय सहायता: अक्तूबर 2024 में 18वीं किस्त के साथ, कुल संवितरण 3.45 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया, जिससे 11 करोड़ किसानों को लाभ हुआ। यह छोटे और सीमांत किसानों को आय सहायता प्रदान करता है, जिससे ऋण पर निर्भरता कम होती है।
- कुशल डिजिटल कार्यान्वयन: यह योजना आधार-आधारित सत्यापन तथा वास्तविक समय भुगतान ट्रैकिंग के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित करती है, जिससे लीकेज न्यूनतम होता है एवं पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: नियमित वित्तीय सहायता से कृषि इनपुट, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर खर्च को बढ़ावा मिलता है, जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा स्थानीय बाज़ारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।