संसद में 'माओरी हाका' | 16 Jan 2024
न्यूज़ीलैंड के राजनीतिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में 21 वर्षीय माओरी (सांसद) ने अपने संबोधन की शुरुआत पारंपरिक 'माओरी हाका' के प्रदर्शन के साथ की। इस स्वदेशी औपचारिक युद्ध नृत्य को आधार बनाते हुए संसद में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए, उन्होंने इसे व्यक्तियों और उनके मूल्यों के प्रति गहन समर्पण का प्रतीक बताया।
उन्होंने न्यूज़ीलैंड के इतिहास में नस्लवाद के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों के परिप्रेक्ष्य में स्थापित मानदंडों को चुनौती देने की कोशिश की। उन्होंने उपनिवेशवाद, भूमि से विस्थापन और सांस्कृतिक दमन को सहन करने के माओरी समुदाय के ऐतिहासिक संघर्षों को बताया।
फिर भी बिना पूर्व निमंत्रण के हाका का प्रदर्शन, गैर-माओरियों के प्रति अनादर के रूप में देखा जा सकता है। हाका के पुनरुत्थान एवं औपनिवेशिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, माओरी संस्कृति को समाज की मुख्यधारा में आत्मसात करना, स्थानीय नेताओं के लिये चिंता का विषय बना हुआ है।
क्या आपको लगता है कि संसद में जनजातीय संस्कृति के पहलुओं का प्रदर्शन, संसदीय नैतिकता का उल्लंघन है? बढ़ते आधुनिक मूल्यों के आलोक में जनजातीय अधिकारों की सुरक्षा हेतु आप कौन से उपाय प्रस्तावित करेंगे?