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ज़ाॅम्बी वायरस

  • 01 Dec 2022
  • 3 min read

यूरोपीय शोधकर्त्ताओं द्वारा रूस में एक जमी हुई झील के नीचे से 48,500 वर्ष पुराने 'ज़ाॅम्बी वायरस' के पुनर्जीवित होने और उसके संक्रमण से होने वाली महामारी की संभावना पर चिंता जताई गई है।

ज़ाॅम्बी वायरस

  • परिचय:
    • 13 नए रोगजनकों(पथोजेन) की पहचान की गई है, जिन्हें 'ज़ाॅम्बी वायरस' कहा जाता है, जो पर्माफ्रॉस्ट में कई सहस्राब्दी पुराने होने के बावजूद संक्रामक बने रहे।
    • वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण हुए पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के परिणामस्वरूप यह अस्तित्व में आया।
    • नया वैरिएंट 13 वायरसों में से एक है, जिनमें से प्रत्येक का अपना जीनोम है।
      • पौराणिक चरित्र पेंडोरा के बाद सबसे पुराना डब्ड पैंडोरावायरस येडोमा 48,500 वर्ष पुराना था, यह जमे हुए वायरस के लिये ऐसी अवधि है जब वह पुनः अन्य जीवों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
    • इसने वर्ष 2013 में साइबेरिया में इसी टीम द्वारा खोजे गए 30,000 वर्ष पुराने वायरस द्वारा के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
  • कारण:
    • उत्तरी गोलार्द्ध का एक-चौथाई हिस्सा स्थायी रूप से पर्माफ्रॉस्ट से घिरा हुआ है, जिसे पर्माफ्रॉस्ट कहा जाता है।
    • ग्लोबल वार्मिंग के कारण, अपरिवर्तनीय रूप से पिघलने वाले पर्माफ्रॉस्ट से एक मिलियन वर्षों तक जमे हुए कार्बनिक पदार्थ निकल रहे हैं, जिनमें से अधिकांश कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन में विघटित हो जाते हैं, जिससे ग्रीनहाउस प्रभाव और बढ़ जाता है।
    • इस कार्बनिक पदार्थ के हिस्से में पुनर्जीवित सेलुलर रोगाणु (प्रोकैरियोट्स, एककोशिकीय यूकेरियोट्स) के साथ-साथ वायरस भी शामिल हैं जो प्रागैतिहासिक काल से निष्क्रिय रहे है।
  • संभावित प्रभाव:
    • सभी ‘ज़ाॅम्बी वायरस’ में संक्रामक होने की क्षमता होती है तथा यह "स्वास्थ्य के लिये खतरनाक"" होता है।
    • ऐसा माना जाता है कि भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारियाँ और अधिक आम हो जाएँगी क्योंकि पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से माइक्रोबियल कैप्टन अमेरिका जैसे लंबे समय तक निष्क्रिय रहने वाले वायरस फैलते हैं।

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

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