विश्व शौचालय दिवस | 19 Nov 2024
स्रोत: पी.आई.बी
विश्व शौचालय दिवस (जिसे वर्ष 2013 से प्रतिवर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है) वैश्विक स्वच्छता संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ सतत् विकास लक्ष्य 6 (वर्ष 2030 तक सभी के लिये जल और स्वच्छता सुनिश्चित करना) के भाग के रूप में सुरक्षित एवं सुलभ शौचालयों को बढ़ावा देने के क्रम में संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है।
- वर्ष 2024 की थीम 'शौचालय- शांति के लिये एक स्थान' है, जिससे इस बात को बल मिलता है कि संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और व्यवस्थागत उपेक्षाओं के कारण अरबों लोगों को स्वच्छता के लिये बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ता है।
- वैश्विक स्वच्छता संकट: 3.5 बिलियन लोग अभी भी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के अभाव में जी रहे हैं और विश्व भर में 419 मिलियन लोग खुले में शौच कर रहे हैं, जिससे हैजा जैसे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहे हैं।
- वर्ष 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार असुरक्षित जल के साथ साफ-सफाई एवं स्वच्छता के निम्न स्तर के चलते प्रतिदिन पाँच साल से कम उम्र के लगभग 1000 बच्चों की मौत हो जाती है। बेहतर स्वच्छता से संभावित रूप से प्रतिवर्ष 1.4 मिलियन लोगों की जान बचाई जा सकती है।
- स्वच्छता हेतु भारत के प्रयास: इस वर्ष भारत "हमारा शौचालय: हमारा सम्मान" अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत स्वच्छता को मानवाधिकारों के साथ (विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों की गरिमा तथा गोपनीयता की वैश्विक आवश्यकता को ध्यान में रखकर) जोड़ा जाएगा।
- स्वच्छ भारत मिशन (SBM) (ग्रामीण): भारत के 75% गाँवों ने SBM ग्रामीण के चरण II के अंतर्गत खुले में शौच मुक्त (ODF) प्लस(+) का दर्जा हासिल कर लिया है।
- SBM-शहरी: SBM-शहरी के अंतर्गत 63.63 लाख घरेलू शौचालय और 6.36 लाख सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
- खुले में शौच से मुक्त क्षेत्रों में 93% महिलाओं द्वारा सुरक्षा और सम्मान की भावना में वृद्धि को स्वीकार किया गया।
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