विश्व स्लॉथ बियर दिवस | 13 Oct 2022
पहला विश्व स्लॉथ बियर दिवस 12 अक्तूबर, 2022 को भारतीय उपमहाद्वीप में स्थानिक भालू प्रजातियों के बारे में जागरूकता पैदा करने और संरक्षण प्रयासों को मज़बूत करने के लिये मनाया गया था।
- यह वन्यजीव SOS इंडिया द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो दो दशकों से भी अधिक समय से स्लॉथ बियर संरक्षण हेतु एक संगठन है और (अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) IUCN-स्पीशीज़ सर्वाइवल कमीशन (SSC) स्लॉथ बियर विशेषज्ञ टीम ने इस दिन को स्वीकार किया और विश्व भर में मनाए जाने की घोषणा की।
स्लॉथ बियर:
- विषय:
- स्लॉथ बियर दुनिया भर में पाई जाने वाले भालू की 8 प्रजातियों में से एक है।
- स्लॉथ बियर मुख्य रूप से दीमक और चींटियाँ खाते हैं तथा अन्य भालू प्रजातियों के विपरीत यह नियमित रूप से अपने शावकों को अपनी पीठ पर ले जाते हैं।
- इन्हें मधु (हनी) बहुत पसंद है, इसीलिये इनका अन्य नाम “हनी बियर” भी है।
- स्लॉथ बियर हाइबरनेट नहीं करते हैं।
- ये फुर्तीले होते हैं और सबसे दुर्जेय जंगली जानवरों में से एक माने जाते हैं।
- इन्हें सबसे कम शोधित भालू प्रजाति के रूप में भी जाना जाता है।
- वैज्ञानिक नाम: मेलूरसस अर्सिनस (Melursus Ursinus)।
- आवास स्थान: इसे हनी बीयर (Honey Bear) और हिंदी भालू भी कहा जाता है, यह उर्सिडा/उर्सिडी (Ursidae) परिवार का हिस्सा है। ये भारत और श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- स्लॉथ बियर, वैश्विक आबादी के लगभग 90% भारत में पाए जाते हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN की रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
- CITES: परिशिष्ट-I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
- लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES): परिशिष्ट-1
- खतरा:
- निवास स्थान की हानि, शरीर के अंगों के लिये अवैध शिकार स्लॉथ बीयर की प्रजाति के लिये सबसे बड़ा खतरा है। स्लॉथ बीयर को तमाशा दिखाने या प्रदर्शन में उपयोग (कलंदर नामक एक जातीय समूह द्वारा) के लिये पकड़ लिया जाता है। साथ ही उनके आक्रामक व्यवहार और फसलों को नुकसान पहुँचाने के कारण भी स्लॉथ बीयर का शिकार किया जाता है।
- कई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन दशकों में मुख्य रूप से निवास स्थान की हानि, आवास विखंडन, अवैध शिकार और मानव-भालू संघर्ष में वृद्धि के कारण उनकी आबादी में 40 से 50% की गिरावट आई है।
- संरक्षण के प्रयास:
- वन्यजीव SOS भालू बचाव केंद्र स्लॉथ बियर का संरक्षण कर रहे हैं और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में पुन: बसाने का कार्य कर रहे हैं, जहाँ उन्हें चिकित्सा देखभाल भी मिलती है।
- इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिये कि कलंदर समुदाय जीवित रहने के लिये जंगली जानवरों का शिकार न करें, वन्यजीव SOS ने कलंदरों के साथ कार्य करके उन्हें आजीविका के वैकल्पिक रूप और शिक्षा तक पहुँच प्रदान की।
- विश्व स्लॉथ बियर दिवस की घोषणा के माध्यम से, वन्यजीव SOS और IUCN- प्रजाति जीवन रक्षा आयोग (Species Survival Commission) स्लॉथ बियर विशेषज्ञ टीम का उद्देश्य विश्व के बाकी हिस्सों के लिये स्लॉथ बियर और उनके आवासों के संरक्षण को उनके रेंज में बढ़ावा देना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से जानवरों का कौन सा समूह लुप्तप्राय प्रजातियों की श्रेणी में आता है? (2012) (a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई जंगली गधा उत्तर: (a) व्याख्या:
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