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विश्व एड्स दिवस 2021

  • 02 Dec 2021
  • 4 min read

पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) मनाया जाता है। यह एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने और उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने इसके कारण अपनी जान गँवाई।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय: 
    • इसकी शुरुआत वर्ष 1988 में 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (WHO) द्वारा की गई थी और यह 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (एड्स) के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पहला 'वैश्विक स्वास्थ्य दिवस' था।
      • एड्स, 'ह्यूमन इम्यूनो वायरस' (एचआईवी) के संक्रमण के कारण होने वाली एक महामारी है, जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है।
      • वर्ष 2020 के अंत में अनुमानित 37.7 मिलियन लोग एचआईवी से ग्रसित थे, जिनमें से दो-तिहाई (25.4 मिलियन) अफ्रीकी क्षेत्र में निवास करते हैं।
      • वर्ष 2020 में एचआईवी तथा उससे संबंधित कारणों की वजह से 6,80,000 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 1.5 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हुए। 
  • वर्ष 2021 की थीम: असमानता को समाप्त कर एड्स का अंत करें ( End inequalities. End AIDS)।
    • डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगियों को आवश्यक एचआईवी सेवाओं तक पहुँच में बढ़ती असमानताओं को उज़ागर करने के साथ-साथ पीछे छूट गए लोगों तक पहुँचने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
    • डब्ल्यूएचओ वैश्विक नेतृत्वकर्त्ताओं और नागरिकों से एड्स को बढ़ावा देने वाली असमानताओं का सामना करने और उन लोगों तक पहुँचने के लिये सम्मेलन के आयोजन का आह्वान कर रहा है जो वर्तमान में आवश्यक एचआईवी सेवाएँ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
  • महत्त्व: 
    • विश्व एड्स दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुदायों तथा सरकारों को याद दिलाता है कि एचआईवी का अभी पूरी तरह से उन्मूलन किया जाना बाकी है। इस दिशा में अधिक धन जुटाने, जागरूकता बढ़ाने, पूर्वाग्रह को समाप्त करने और साथ ही लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाना महत्त्वपूर्ण है।
  • यह  दिवस दुनिया भर में एचआईवी ग्रसित लाखों लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर प्रदान करता है।

ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)

  • HIV का वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सीडी4 (CD4) नामक श्वेत रक्त कोशिका (टी-सेल्स) पर हमला करता है। ये वे कोशिकाएँ होती हैं जो शरीर की अन्य कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाती हैं।
  • शरीर में प्रवेश करने के बाद HIV की संख्या बढ़ती जाती है और कुछ ही समय में वह CD4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है एवं मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाता है। विदित हो कि एक बार जब यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इसे पूर्णतः समाप्त करना काफी मुश्किल है।
  • HIV से संक्रमित व्यक्ति की CD4 कोशिकाओं में काफी कमी आ जाती है। ज्ञातव्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इन कोशिकाओं की संख्या 500-1600 के बीच होती है, परंतु HIV से संक्रमित लोगों में CD4 कोशिकाओं की संख्या 200 से भी नीचे जा सकती है।
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